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Noble Exam City
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अध्याय – वर्ण एवं ध्वनि विचार (भाग 2 : वर्ण लेखन)
उत्तर प्रदेश पुलिस उपनिरीक्षक, यूपी लोक सेवा आयोग आरओ/एआरओ, यूपीएसएसएससी एएसओ/एआरओ, लेखपाल, पुलिस, टीईटी/सुपर टीईटी, टीजीटी/पीजीटी एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु
उत्तर प्रदेश पुलिस उपनिरीक्षक, यूपी लोक सेवा आयोग आरओ/एआरओ, यूपीएसएसएससी एएसओ/एआरओ, लेखपाल, पुलिस, टीईटी/सुपर टीईटी, टीजीटी/पीजीटी एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु
✍️ वर्ण लेखन – देवनागरी वर्णमाला, मात्रा–स्थापन, संयुक्ताक्षर, शुद्ध लेखन
🎯 Page Keywords: वर्ण लेखन, देवनागरी वर्ण लेखन नियम, हिंदी वर्णमाला लेखन, Varna Lekhan Notes in Hindi
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भाग – 1 : Deep Smart Notes – वर्ण लेखन
Noble Exam City – High Accuracy Content
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कीवर्ड: वर्ण लेखन, देवनागरी वर्णमाला लेखन, मात्रा का सही प्रयोग, संयुक्ताक्षर लेखन, हिन्दी वर्तनी, UP Police SI Hindi Notes, Varna Lekhan for Competitive Exams.
✍️ 1. वर्ण लेखन – अर्थ और परीक्षा–महत्व
वर्ण लेखन का अर्थ केवल अक्षर बनाना नहीं, बल्कि देवनागरी के हर वर्ण, मात्रा और चिह्न को
मानक स्वरूप में, सही स्थान पर, स्पष्ट रूप से लिखना है।
अधिकांश प्रतियोगी परीक्षाओं में शुद्ध लेखन, सही–गलत वर्तनी, मात्रा–त्रुटि, संयुक्ताक्षर आदि पर
सीधे–सीधे प्रश्न पूछे जाते हैं।
- गलत मात्रा या गलत स्थान पर मात्रा = अर्थ बदल जाना या वाक्य अशुद्ध हो जाना।
- संयुक्ताक्षर और रेफ (र्) का गलत प्रयोग = परीक्षा में प्रश्न और कटौती दोनों।
- इसलिए “वर्ण उच्चारण” के बाद “वर्ण लेखन” अध्याय General Hindi का सबसे स्कोरिंग टॉपिक माना जाता है।
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एग्ज़ाम टिप – Noble Exam City:
प्रश्न भले “शब्द–शुद्धि” के नाम से आए, पर गलती प्रायः वर्ण लेखन और मात्रा–स्थापन में ही होती है। यानी यह अध्याय = शुद्ध वर्तनी के ५०% प्रश्नों की जड़।
प्रश्न भले “शब्द–शुद्धि” के नाम से आए, पर गलती प्रायः वर्ण लेखन और मात्रा–स्थापन में ही होती है। यानी यह अध्याय = शुद्ध वर्तनी के ५०% प्रश्नों की जड़।
🔤 2. देवनागरी वर्णमाला – लेखन के मूल नियम
देवनागरी लिपि ध्वनि–आधारित और वैज्ञानिक मानी जाती है। इसमें प्रत्येक वर्ण का एक मानक
आकार (शेप) और आधार रेखा (शिरोरखा/मात्रा रेखा) से जुड़ने का निश्चित तरीका है।
1️⃣ 2.1 शिरोरखा (ऊपरी रेखा)
- देवनागरी में अधिकांश वर्ण ऊपर से एक रेखा से जुड़े होते हैं – इसे शिरोरखा कहते हैं।
- शब्द लिखते समय सभी वर्णों की शिरोरखा सीधी और समान स्तर पर होनी चाहिए।
- शिरोरखा टूट–टूट कर न बने; यह परीक्षा में साफ–सुथरा लेखन का संकेत माना जाता है।
2️⃣ 2.2 वर्ण–आकार की शुद्धता
- क, ख, ग, घ, द, ध आदि के वक्र (घुमाव) स्पष्ट और मानक रूप में हों।
- न, म, व, य, र जैसे वर्णों में पैर/लकीरें स्पष्ट हों, ताकि भ्रम न रहे।
- परीक्षा कॉपी में अस्पष्ट लेखन = उत्तर गलत मान लिए जाने का खतरा।
🧷 3. मात्रा पहचान और सही स्थान पर प्रयोग
हिन्दी की अधिकांश वर्तनी–गलतियाँ मात्रा पहचान और स्थान से जुड़ी होती हैं।
देवनागरी में स्वर अलग–अलग मात्राओं के रूप में व्यंजनों से जुड़ते हैं, जैसे –
ा, ि, ी, ु, ू, ृ, े, ै, ो, ौ आदि।
🔹 3.1 “ि” और “ी” की मात्रा
- ि (छोटी इ) – व्यंजन के पहले लिखी जाती है, जैसे – कि, पि, भि, नित।
- ी (बड़ी ई) – व्यंजन के बाद लिखी जाती है, जैसे – की, पी, धी, नी।
- अक्सर पूछा जाता है – “निराश” / “नीराश”, “विवेक” / “वीवेक” – सही रूप पहचानिए।
🔹 3.2 “ु” और “ू” की मात्रा
- ु – व्यंजन के नीचे छोटी छड़ी; जैसे – कु, जु, फुल।
- ू – व्यंजन के नीचे लंबी छड़ी; जैसे – कू, फूल, सूत।
- गलत लेखन – “फुल” (✓ बोलचाल), पर मानक – “फूल” (लेखन प्रश्नों में यही सही)।
🔹 3.3 ए, ऐ, ओ, औ की मात्राएँ
- े – जैसे: के, मेज, लेख।
- ै – जैसे: मै, पैदल, बैल, नैतिक।
- ो – जैसे: सोना, लोगों, दोष।
- ौ – जैसे: नौका, चौथा, मौलिक।
🔹 3.4 सामान्य मात्रा–त्रुटियाँ (Exam Favourite)
- “विधालय” (×) – “विद्यालय” (✓)
- “आदेस” (×) – “आदेश” (✓)
- “सुसना” (×) – “सूचना” (✓)
- “निती” (×) – “नीति” (✓)
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एग्ज़ाम टिप – मात्रा लेखन:
यदि विकल्प में इ–ई / उ–ऊ / ए–ऐ / ओ–औ की जोड़ी दिखे, तो पहले शब्द को ज़ोर से पढ़ो और मन में सही उच्चारण बोलो – सही मात्रा अपने–आप याद हो जाएगी।
यदि विकल्प में इ–ई / उ–ऊ / ए–ऐ / ओ–औ की जोड़ी दिखे, तो पहले शब्द को ज़ोर से पढ़ो और मन में सही उच्चारण बोलो – सही मात्रा अपने–आप याद हो जाएगी।
🌙 4. अनुस्वार, चंद्रबिंदु, विसर्ग और रेफ (र्) का लेखन
प्रश्न–पत्रों में “अनुस्वार / चंद्रबिंदु / रेफ” को लेकर बहुत सूक्ष्म प्रश्न आते हैं।
थोड़ा–सा लेखन परिवर्तन शब्द का अर्थ और शुद्धता दोनों बदल देता है।
🔸 4.1 अनुस्वार (ं) और चंद्रबिंदु (ँ)
- अनुस्वार (ं) – नासिक्य ध्वनि दिखाने वाला बिंदु; जैसे – मंदिर, दंड, संदेह।
- चंद्रबिंदु (ँ) – नासिक्य स्वर; जैसे – चाँद, माँ, भाँति, साँस।
- अक्सर प्रश्न – “सही रूप कौन–सा है? – मां/माँ, चाँद/चन्द, आँगन/आंगन” आदि।
🔸 4.2 रेफ (र्) और संयुक्ताक्षर
- जब “र्” किसी व्यंजन से पहले हो, तो ऊपर रेफ लिखा जाता है – जैसे: र्ग (र् + ग)।
- “रमा” – र + मा (रेफ नहीं), पर “प्रकाश” – प्र + काश (प + र = प्र, संयुक्ताक्षर)।
- परीक्षा में – “प्रयत्न/परयत्न, क्रम/करम, श्रम/सरम” में सही संयुक्ताक्षर पहचानना होता है।
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याद रखने की तरकीब:
जहाँ “र” की ध्वनि ऊपर से झूल कर आती महसूस हो – वहाँ रेफ (र्) का प्रयोग; जहाँ “र” सामान्य रूप से साथ हो – वहाँ सामान्य “र” या संयुक्ताक्षर।
जहाँ “र” की ध्वनि ऊपर से झूल कर आती महसूस हो – वहाँ रेफ (र्) का प्रयोग; जहाँ “र” सामान्य रूप से साथ हो – वहाँ सामान्य “र” या संयुक्ताक्षर।
📑 5. वर्ण लेखन पर आधारित प्रश्न–प्रकार (Exam Pattern)
- सही/गलत वर्तनी – मात्रा, अनुस्वार, चंद्रबिंदु, रेफ की मदद से।
- रिक्त स्थान में सही वर्तनी भरना – जैसे: “वि__ालय”, “आ__श” आदि।
- “शुद्ध–अशुद्ध” वाक्य – जहाँ गलती मात्रा या संयुक्ताक्षर में होती है।
- “किस शब्द की वर्तनी शुद्ध है?” – चार विकल्पों में से।
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Exam Killer Line – Noble Exam City:
“वर्ण लेखन = वर्तनी प्रश्नों का प्रैक्टिकल हिस्सा; यदि देवनागरी वर्ण, मात्रा, संयुक्ताक्षर और रेफ का लेखन साफ़ है तो सामान्य हिन्दी का कम से कम १०–१२ अंक निश्चित समझो।”
“वर्ण लेखन = वर्तनी प्रश्नों का प्रैक्टिकल हिस्सा; यदि देवनागरी वर्ण, मात्रा, संयुक्ताक्षर और रेफ का लेखन साफ़ है तो सामान्य हिन्दी का कम से कम १०–१२ अंक निश्चित समझो।”
वर्ण लेखन Notes in Hindi
देवनागरी वर्णमाला लेखन नियम
मात्रा की शुद्धता प्रश्न
UP Police SI Hindi Varna Lekhan
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भाग – 2 : क्विक स्मार्ट रिवीजन – वर्ण लेखन
दो–तीन मिनट की तेज पुनरावृत्ति
⚡ यह भाग विशेष रूप से उत्तर प्रदेश पुलिस उपनिरीक्षक, लेखपाल, शिक्षक भर्ती तथा अन्य परीक्षाओं के लिए त्वरित पुनरावृत्ति के रूप में तैयार किया गया है।
1️⃣ वर्ण लेखन की बुनियादी बातें
- सभी वर्ण शिरोरखा से जुड़े हों।
- वर्ण–आकार साफ और मानक हो।
- मात्रा सही स्थान पर लिखी जाए।
- अनुस्वार, चंद्रबिंदु, रेफ का सही प्रयोग हो।
2️⃣ मात्रा पहचान के मुख्य सूत्र
- “ि” – व्यंजन के पहले, “ी” – व्यंजन के बाद।
- “ु” – नीचे छोटी, “ू” – नीचे लंबी रेखा।
- “े” और “ै” – ऊपर और आगे की ओर मात्रा।
- “ो” और “ौ” – ऊपर की मात्रा + पीछे “ा” जैसा आकार।
3️⃣ अनुस्वार, चंद्रबिंदु, रेफ
- अनुस्वार – नासिक्य व्यंजन (ं)।
- चंद्रबिंदु – नासिक्य स्वर (ँ)।
- रेफ – “र्” ऊपर से झूलकर, जैसे – कर्म, मृत्यु।
- संयुक्ताक्षर – दो या अधिक व्यंजनों का मेल।
4️⃣ वर्तनी से जुड़े संकेत
- जहाँ उच्चारण लंबा लगे, वहाँ दीर्घ मात्रा।
- जहाँ नाक से ध्वनि आये, वहाँ अनुस्वार/चंद्रबिंदु देखें।
- जहाँ “र” ऊपर झूलता लगे, वहाँ रेफ समझें।
- संदेह हो तो शब्द को धीमे–धीमे बोलकर लिखें।
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स्मरण–सूत्र – Noble Exam City:
“शुद्ध लेखन = सही मात्रा + सही संयुक्ताक्षर + साफ शिरोरखा” यह एक ही पंक्ति वर्ण लेखन के पूरे अध्याय को सार रूप में याद करा देती है।
“शुद्ध लेखन = सही मात्रा + सही संयुक्ताक्षर + साफ शिरोरखा” यह एक ही पंक्ति वर्ण लेखन के पूरे अध्याय को सार रूप में याद करा देती है।
शुद्ध लेखन अभ्यास
मात्रा पहचान रिवीजन
अनुस्वार–चंद्रबिंदु याद
❓
भाग – 3 : 20 Important One Liner PYQs – वर्ण लेखन
👁️ View Answer / 🙈 Hide Answer + व्याख्या
यहाँ वर्ण लेखन, मात्रा–स्थापन, अनुस्वार–चंद्रबिंदु, रेफ और शुद्ध वर्तनी से जुड़े २० महत्वपूर्ण एक–लाइन प्रश्न दिए गए हैं।
हर प्रश्न के साथ यह भी संकेत है कि यह किस स्तर की परीक्षा में पूछा जा सकता है या पूछा जा चुका है।
Q1. “वि__ालय” में सही वर्तनी के लिए रिक्त स्थान में कौन–सी मात्रा आएगी?
उत्तर: “द्य” – विद्यालय (वि + द्या + लय)।
Q2. निम्न में से शुद्ध वर्तनी कौन–सी है? (क) आदेश (ख) आदेस (ग) आदेस़ (घ) आदेस्स
उत्तर: (क) आदेश।
Q3. “फूल” शब्द की शुद्ध वर्तनी के संबंध में सही विकल्प चुनिए। (क) फुल (ख) फूल (ग) फुल्ल (घ) फुल्
उत्तर: (ख) फूल।
Q4. “चाँद” शब्द में किस चिह्न का प्रयोग होता है – अनुस्वार या चंद्रबिंदु?
उत्तर: चंद्रबिंदु (ँ)।
Q5. “माँ” शब्द की अशुद्ध वर्तनी कौन–सी है? (क) माँ (ख) मां (ग) माँँ (घ) मा
सही/गलत का विश्लेषण: मानक रूप “माँ” है; “मां” को कई बोर्ड स्वीकार कर लेते हैं, पर प्रतियोगी परीक्षाओं में “माँ” अधिक मान्य है।
Q6. “कर्म” शब्द में “र्” का लेखन किस रूप में प्रकट होता है?
उत्तर: रेफ (र्) के रूप में – “कर्म” (क + र् + म)।
Q7. निम्न में से किस शब्द में मात्रा–त्रुटि है? (क) नीति (ख) नीती (ग) विनीत (घ) रीति
सही उत्तर: (ख) नीती – अशुद्ध, शुद्ध रूप “नीति” है।
Q8. “आँगन” शब्द की शुद्ध वर्तनी के बारे में सही विकल्प चुनिए। (क) आँगन (ख) आंगन (ग) अंगन (घ) आङ्गन
उत्तर: (क) आँगन – मानक रूप।
Q9. “श्रम” शब्द में किस प्रकार का संयुक्ताक्षर है?
उत्तर: “श्र” – श + र का संयुक्ताक्षर।
Q10. “सन्देश” शब्द की शुद्ध वर्तनी कौन–सी है? (क) संदेश (ख) सन्देश (ग) संदेस (घ) सन्देस
प्रचलन के अनुसार: (क) संदेश और (ख) सन्देश – दोनों मान्य माने जाते हैं, किन्तु आधुनिक वर्तनी में “संदेश” अधिक प्रचलित है।
Q11. “किसी शब्द में गलत मात्रा–प्रयोग” का प्रश्न वर्ण–विचार के किस भाग से जुड़ा है?
सार: वर्ण लेखन और मात्रा–स्थापन से।
Q12. “शिक्षा” शब्द की अशुद्ध वर्तनी कौन–सी है? (क) शिक्षा (ख) सिक्शा (ग) शिख्शा (घ) शिक्सा
उत्तर: (क) शिक्षा – शुद्ध; (ख), (ग), (घ) – सभी अशुद्ध।
Q13. “निर्णय” शब्द में कौन–सा संयुक्ताक्षर आता है?
उत्तर: “र्ण्य” – ऋ + ण + य का संयुक्त रूप (निर्णय)।
Q14. “स्वतंत्रता” शब्द की शुद्ध वर्तनी चुनिए। (क) स्वतंत्रता (ख) स्वतन्त्रता (ग) स्वतंत्र्ता (घ) स्वतन्त्र्ता
आधुनिक मानक: (क) स्वतंत्रता – अधिक स्वीकृत; (ख) स्वतन्त्रता – परंपरागत रूप से भी प्रयुक्त।
Q15. “वर्ण लेखन” अध्याय सामान्य हिन्दी के किस प्रकार के प्रश्नों के लिए सबसे अधिक उपयोगी है?
सार: शुद्ध–अशुद्ध वर्तनी, मात्रा–त्रुटि, सही वर्तनी चयन और शब्द–शुद्धि से जुड़े प्रश्न।
Q16. “निर्माण” शब्द में किस मात्रा और किस संयुक्ताक्षर का प्रयोग होता है?
विश्लेषण: “निर्माण” = निर् + मा + ण; यहाँ “आ” की मात्रा (“ा”) और “र्ण” प्रकार का संयुक्ताक्षर।
Q17. “संसार” शब्द में किस स्थान पर अनुस्वार लिखा जाता है?
उत्तर: “संसार” – स + नं + सार; “स” के ऊपर “ं” (अनुस्वार)।
Q18. “वर्तनी” शब्द स्वयं किस अध्याय से सबसे अधिक जुड़ा है – संधि, समास या वर्ण लेखन?
सार: वर्तनी के व्यवहारिक नियम – वर्ण लेखन और मात्रा–स्थापन से सबसे अधिक जुड़े हैं।
Q19. “वर्ण लेखन” अध्याय की दृष्टि से “शिरोरखा” क्या है?
परिभाषा: देवनागरी वर्णों को ऊपर से जोड़ने वाली क्षैतिज रेखा, जो शब्द को एक–सूत्र में बाँधती है।
Q20. एक पंक्ति में – “वर्ण लेखन” अध्याय का परीक्षोन्मुख सार लिखिए।
मॉडल लाइन (Noble Exam City):
“वर्ण लेखन अध्याय देवनागरी लिपि में मात्रा, संयुक्ताक्षर, अनुस्वार–चंद्रबिंदु और रेफ के शुद्ध प्रयोग की प्रशिक्षण–भूमि है, जो सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में शुद्ध वर्तनी प्रश्नों की रीढ़ बनती है।”
“वर्ण लेखन अध्याय देवनागरी लिपि में मात्रा, संयुक्ताक्षर, अनुस्वार–चंद्रबिंदु और रेफ के शुद्ध प्रयोग की प्रशिक्षण–भूमि है, जो सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में शुद्ध वर्तनी प्रश्नों की रीढ़ बनती है।”
