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Noble Exam City
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Personal Letter (वैयक्तिक पत्र) – Complete Smart Notes
UPSSSC, ASO/ARO, UP SI, UP Police, UPPSC RO/ARO, SSC, TGT/PGT, TET, Super TET एवं अन्य सभी प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु उपयोगी
UPSSSC, ASO/ARO, UP SI, UP Police, UPPSC RO/ARO, SSC, TGT/PGT, TET, Super TET एवं अन्य सभी प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु उपयोगी
✉️ Personal Letter – Definition, Features, Format & Example
📘 NCERT + Testbook style + Noble Exam City Smart Notes
🎯 For UPSSSC, RO/ARO, UP SI, SSC, TET, Super TET, Teaching Exams
📘
भाग – 1 : Deep Smart Notes – Personal Letter (वैयक्तिक पत्र)
Noble Exam City – Concept + Exam दोनों के लिए
🎯
वैयक्तिक पत्र की परिभाषा, विशेषताएँ, स्वरूप, भाषा–शैली, उदाहरण – NCERT व Testbook जैसी पुस्तकों के विश्लेषण पर आधारित, Noble Exam City Pattern में।
✉️ 1. वैयक्तिक पत्र की परिभाषा (Definition)
वैयक्तिक पत्र वह पत्र है जो किसी परिचित, मित्र, संबंधी या पारिवारिक सदस्य को
निजी, पारिवारिक, सामाजिक या भावनात्मक विषयों पर लिखा जाता है। इसकी भाषा प्रायः
सरल, अनौपचारिक, आत्मीय तथा भावनात्मक होती है।
- Personal Letter = Private Communication between two known persons.
- मुख्य उद्देश्य: भावनाओं, विचारों व समाचारों का आत्मीय आदान–प्रदान।
- यह विषय लगभग सभी परीक्षाओं के Letter Writing खंड में आता है (10–15 अंकों तक)।
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Exam Tip – Noble Exam City:
जहाँ भाषा में अपनापन, स्नेह और दिल की बात हो, और कोई दफ़्तरी आदेश न हो, वहाँ लगभग निश्चित रूप से वैयक्तिक पत्र होता है।
जहाँ भाषा में अपनापन, स्नेह और दिल की बात हो, और कोई दफ़्तरी आदेश न हो, वहाँ लगभग निश्चित रूप से वैयक्तिक पत्र होता है।
📌 2. मुख्य विशेषताएँ (Key Features)
1️⃣ भाषा–शैली
- अनौपचारिक, बोलचाल के निकट, सहज व स्वाभाविक भाषा।
- भावनात्मक शब्दों का प्रयोग – “बहुत प्रसन्नता हुई”, “दिल दुखी है” आदि।
- NCERT व Testbook पैटर्न के अनुसार – छोटे, स्पष्ट, सीधे वाक्य अधिक अंक दिलाते हैं।
2️⃣ विषय–वस्तु
- पारिवारिक समाचार, शुभकामनाएँ, सांत्वना, निमंत्रण, बधाई, अनुभव आदि।
- कोई कार्यालयी रिपोर्ट या आदेश नहीं, बल्कि निजी जीवन से जुड़े प्रसंग।
- पत्र का केंद्रबिंदु – संबंध और भावना, न कि Rule या Act।
3️⃣ Tone (लहजा)
- अपनापन, निकटता और विश्वास झलकना चाहिए।
- “काफी दिनों से तुम्हारा पत्र नहीं मिला, इसलिए तुम्हें याद करते–करते यह पत्र लिख रहा हूँ…” जैसे वाक्य उपयुक्त हैं।
- हल्का हास्य, शरारत, भावुकता – सब सामान्य व स्वीकार्य हैं।
4️⃣ Exam Point of View
- UPSSSC, UP SI, RO/ARO, TET, Super TET – पत्र लेखन में आवश्यक टॉपिक।
- SSC, TGT/PGT में अक्सर वैयक्तिक व शासकीय पत्र का अंतर पूछा जाता है।
- Noble Exam City की सलाह – साफ Format + सरल भाषा = High Marks।
📐 3. स्वरूप (Format) – Exam Friendly
अधिकांश पुस्तकों (NCERT, Testbook, Arihant आदि) में वैयक्तिक पत्र के लिए लगभग यही Basic Format दिया जाता है,
जिसे Noble Exam City ने Competitive Exams की दृष्टि से थोड़ा और Smart बनाया है।
- 1. प्रेषक का पता (From Address) – ऊपर दाएँ या बाएँ।
- 2. दिनांक (Date) – पते के नीचे।
- 3. संबोधन (Salutation) – प्रिय मित्र, प्रिय भाई, आदरणीय पिता जी आदि।
- 4. पत्र का मुख्य भाग (Body)
- क) प्रारंभिक अनुच्छेद – कुशल–क्षेम, पत्र लिखने का कारण।
- ख) मध्य भाग – मुख्य विषय की विस्तार से चर्चा।
- ग) अंतिम भाग – शुभकामनाएँ, धन्यवाद, शीघ्र उत्तर की अपेक्षा आदि।
- 5. समापन (Closing) – आपका पुत्र / तुम्हारा मित्र / तुम्हारी बहन आदि।
- 6. नाम व हस्ताक्षर – नीचे दाएँ या बाएँ।
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Format Trick – Noble Exam City:
“प–दि–सं–मुख–सम–नाम” → पता, दिनांक, संबोधन, मुख्य भाग, समापन, नाम – एक ही लाइन में पूरा Format याद।
“प–दि–सं–मुख–सम–नाम” → पता, दिनांक, संबोधन, मुख्य भाग, समापन, नाम – एक ही लाइन में पूरा Format याद।
📝 4. संक्षिप्त उदाहरण (Short Model – Exam Style)
यह मॉडल–पत्र UP Board / TET / UPSSSC जैसी परीक्षाओं के Standard के अनुसार है।
विद्यार्थी इसे Noble Exam City की Guideline मानकर अपने शब्दों में विस्तार कर सकते हैं।
प्रेषक का पता:
123, शास्त्री नगर
कानपुर (उ.प्र.)
दिनांक: 10 जनवरी 2025
प्रिय मित्र अमित,
स्नेहिल नमस्कार। आशा है कि तुम और तुम्हारा पूरा परिवार स्वस्थ एवं प्रसन्न होगा। काफी दिनों से तुम्हारा कोई पत्र नहीं मिला, इसलिए मन में चिंता भी थी और तुम्हें याद भी कर रहा था। इसी कारण आज तुम्हें पत्र लिखने बैठा हूँ।
(मुख्य विषय – जैसे परीक्षा की तैयारी, नए कॉलेज में प्रवेश, गाँव की स्थिति, परिवार के समाचार आदि 2–3 अनुच्छेदों में सरल भाषा में लिखे जाते हैं।)
शेष सब कुशल है। चाचा–चाची तथा छोटों को मेरा स्नेह कहना। समय मिलने पर अवश्य पत्र लिखना, तुम्हारा उत्तर पढ़कर बहुत अच्छा लगेगा।
तुम्हारा मित्र,
राहुल
Personal Letter in Hindi
Vayaktik Patra Format
Noble Exam City Hindi Notes
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भाग – 2 : Quick Smart Revision – Personal Letter
2–3 मिनट में पूरा Chapter
⚡ यह सेक्शन खासकर UPSSSC PET, UP Police, TET, Super TET, SSC जैसे One–Day Exams के लिए बनाया गया है।
1️⃣ One Line Definition
- वैयक्तिक पत्र = निजी संबंधों के बीच भावनात्मक पत्र–व्यवहार।
- Subject personal, Style informal.
2️⃣ Format Snapshot
- Address → Date → Salutation
- Intro → Main Body → Closing
- Signature / Name
3️⃣ Exam Focus
- UPSSSC, UP SI – Letter Writing
- RO/ARO – गुण व स्वरूप पर Theory
- TET, Super TET – Definition + Difference
4️⃣ Confusion Alert
- Personal ≠ Official / Semi–Official
- No office order, only feelings & info.
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Smart Line – Noble Exam City:
“जहाँ ‘दिल की बात’ हो और ‘दफ़्तर की भाषा’ न हो, वहाँ वैयक्तिक पत्र होता है।”
“जहाँ ‘दिल की बात’ हो और ‘दफ़्तर की भाषा’ न हो, वहाँ वैयक्तिक पत्र होता है।”
Quick Revision
General Hindi Letter
Exam Oriented Points
❓
भाग – 3 : 20+ Important One Liner PYQs – Personal Letter
👁️ View Answer / 🙈 Hide Answer + संक्षिप्त व्याख्या
हर कार्ड में केवल एक प्रश्न रखा गया है।
👁️ View Answer पर क्लिक करते ही उत्तर व संक्षिप्त व्याख्या खुलेगी और Text अपने–आप
🙈 Hide Answer में बदल जाएगा (और बंद करने पर फिर View Answer)।
यह पूरा Pattern Noble Exam City के स्टूडेंट्स के लिए तैयार किया गया है।
Q1. वैयक्तिक पत्र किसे कहा जाता है?
उत्तर: जो पत्र किसी परिचित, मित्र या संबंधी को निजी विषयों पर लिखा जाए, उसे वैयक्तिक पत्र कहते हैं।
Q2. वैयक्तिक पत्र की भाषा सामान्यतः कैसी होती है?
उत्तर: सरल, स्वाभाविक, अनौपचारिक और भावनात्मक।
Q3. वैयक्तिक पत्र का मुख्य उद्देश्य क्या होता है?
उत्तर: निजी भावनाओं, अनुभवों और समाचारों का आत्मीय आदान–प्रदान करना।
Q4. वैयक्तिक पत्र में किन–किन विषयों पर अधिक लिखा जाता है?
उत्तर: पारिवारिक समाचार, परीक्षा, नौकरी, स्वास्थ्य, शुभकामना, सांत्वना, निमंत्रण आदि विषयों पर।
Q5. वैयक्तिक पत्र में “संबोधन” (Salutation) का एक उदाहरण लिखिए।
उत्तर: प्रिय मित्र रवि / प्रिय भाई / आदरणीय पिताजी आदि।
Q6. वैयक्तिक पत्र में भाषा के लिए कौन–सा गुण सबसे आवश्यक है?
उत्तर: स्वाभाविकता और भावपूर्ण सरलता।
Q7. क्या वैयक्तिक पत्र में अत्यधिक औपचारिक शब्दावली का प्रयोग उचित है?
उत्तर: नहीं, अत्यधिक औपचारिक शब्दावली पत्र को कृत्रिम बना देती है।
Q8. वैयक्तिक पत्र का “मुख्य भाग” (Body) सामान्यतः कितने भागों में बाँटा जाता है?
उत्तर: तीन भाग – प्रारंभिक अनुच्छेद, मध्य भाग, अंतिम अनुच्छेद।
Q9. वैयक्तिक पत्र के अंत में प्रेषक सामान्यतः क्या लिखता है?
उत्तर: समापन वाक्य (जैसे – “शीघ्र उत्तर की प्रतीक्षा में”) + “तुम्हारा मित्र / आपका पुत्र / तुम्हारी बहन” और नीचे अपना नाम।
Q10. “तुम्हारा पत्र पाकर मुझे बहुत प्रसन्नता हुई” – यह वाक्य किस प्रकार के पत्र में स्वाभाविक है?
उत्तर: वैयक्तिक पत्र में।
Q11. वैयक्तिक पत्र व शासकीय पत्र में एक मुख्य अंतर लिखिए।
उत्तर: वैयक्तिक पत्र की भाषा भावनात्मक व अनौपचारिक, जबकि शासकीय पत्र की भाषा औपचारिक व दफ़्तरी होती है।
Q12. क्या वैयक्तिक पत्र में “विषय” (Subject) लिखना अनिवार्य है?
उत्तर: सामान्यतः नहीं; अधिकतर वैयक्तिक पत्र बिना Subject लिखे भी लिखे जाते हैं।
Q13. वैयक्तिक पत्र में तिथि (Date) कहाँ लिखी जाती है?
उत्तर: प्रेषक के पते के ठीक नीचे, दाएँ या बाएँ।
Q14. “प्रिय मित्र” जैसे संबोधन सामान्यतः किस प्रकार के पत्रों में नहीं लिखे जाते?
उत्तर: शासकीय / औपचारिक पत्रों में।
Q15. “आपका स्नेहिल पुत्र” – यह समापन किस पत्र के लिए उपयुक्त है?
उत्तर: माता–पिता को लिखे गए वैयक्तिक पत्र के लिए।
Q16. वैयक्तिक पत्र में “कुशल–क्षेम” पूछने हेतु एक वाक्य लिखिए।
उत्तर: “आशा है कि तुम तथा तुम्हारा समस्त परिवार स्वस्थ एवं प्रसन्न होगा।”
Q17. क्या वैयक्तिक पत्र में विषय से हटकर हल्की–फुल्की बातचीत की जा सकती है?
उत्तर: हाँ, उचित सीमा तक; यही पत्र को जीवन्त व आत्मीय बनाती है।
Q18. निम्न में से कौन–सा पत्र निश्चित रूप से वैयक्तिक पत्र है? (क) नौकरी के लिए आवेदन, (ख) मित्र को जन्मदिन की शुभकामना, (ग) बैंक मैनेजर को प्रार्थना–पत्र
उत्तर: (ख) मित्र को जन्मदिन की शुभकामना।
Q19. वैयक्तिक पत्र में कौन–सी बात ज़्यादा महत्वपूर्ण है – व्याकरण या भावना?
उत्तर: दोनों; परंतु भाषा सरल–शुद्ध हो और भावना सच्ची व स्वाभाविक हो, यही आदर्श संयोजन है।
Q20. एक पंक्ति में – वैयक्तिक पत्र का केन्द्रीय तत्त्व क्या है?
उत्तर: निजी संबंधों के बीच भावनाओं और विचारों का आत्मीय आदान–प्रदान ही इसका केन्द्रीय तत्त्व है।
Q21. वैयक्तिक पत्र अधिकतर किन दो वर्गों के बीच लिखे जाते हैं?
उत्तर: (1) मित्र–मित्र के बीच, (2) परिवार के सदस्यों के बीच।
Q22. वैयक्तिक पत्र में “दफ़्तरी भाषा” का प्रयोग क्यों नहीं किया जाना चाहिए?
उत्तर: क्योंकि दफ़्तरी भाषा सूखी व औपचारिक होती है, जबकि वैयक्तिक पत्र का उद्देश्य आत्मीयता व भावनात्मक निकटता प्रकट करना होता है।
