Complete Smart Notes: गंगा, सिंधु, ब्रह्मपुत्र एवं 60+ PYQs
1. अपवाह तंत्र (Drainage System) की बुनियादी शब्दावली
किसी भी नदी तंत्र को समझने के लिए इन 3 तकनीकी शब्दों (Keywords) को समझना अनिवार्य है, जो अक्सर परीक्षाओं में पूछे जाते हैं:
- 🚀 अपवाह द्रोणी (Drainage Basin): एक मुख्य नदी और उसकी सहायक नदियों द्वारा जिस क्षेत्र का जल बहाकर लाया जाता है, उसे उस नदी की 'द्रोणी' कहते हैं। भारत की सबसे बड़ी द्रोणी गंगा की है।
- ⛰️ जल विभाजक (Water Divide): वह ऊँचा क्षेत्र (जैसे पहाड़ या पठार) जो दो पड़ोसी अपवाह द्रोणियों को एक-दूसरे से अलग करता है। उदा: अंबाला शहर गंगा और सिंधु नदी तंत्र के बीच जल विभाजक है।
- 🔄 पूर्ववर्ती अपवाह (Antecedent Drainage): वे नदियाँ जो हिमालय के बनने से पहले भी वहीं बहती थीं और हिमालय के उठने के साथ-साथ उसे काटकर अपनी पुरानी घाटी बनाए रखी। उदा: सिंधु, सतलज, ब्रह्मपुत्र।
2. गंगा नदी का उद्गम: एक रहस्यमयी यात्रा
गंगा सीधे एक धारा के रूप में नहीं निकलती। यह उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्र में दो मुख्य धाराओं के मिलन का परिणाम है:
📍 पंच प्रयाग (The Five Confluences) – UPSC Table
अलकनंदा नदी का अन्य नदियों के साथ संगम क्रमवार (उत्तर से दक्षिण):
| प्रयाग का नाम | अलकनंदा + संगम नदी | विशेष तथ्य |
|---|---|---|
| 1. विष्णु प्रयाग | धौली गंगा | जोशीमठ के पास |
| 2. नंद प्रयाग | नंदाकिनी | - |
| 3. कर्ण प्रयाग | पिंडर नदी | पूर्वी त्रिशूल से आती है |
| 4. रुद्र प्रयाग | मंदाकिनी | केदारनाथ से आती है |
| 5. देव प्रयाग | भागीरथी | गंगा का जन्म |
1. बाएँ तट की सहायक नदियाँ (Left Bank Tributaries)
ये नदियाँ उत्तर दिशा (हिमालय) से आकर गंगा में मिलती हैं। इनका क्रम पश्चिम से पूर्व (West to East) अक्सर परीक्षाओं में पूछा जाता है:
क्रम (W to E): रामगंगा → गोमती → घाघरा → गंडक → कोसी → महानंदा
- रामगंगा: यह नैनीताल के पास से निकलती है और 'जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क' के बीच से बहती हुई कन्नौज में गंगा से मिलती है।
- गोमती: इसका उद्गम पीलीभीत की फुल्हर झील से होता है। यह गंगा की एकमात्र सहायक नदी है जो मैदानी भाग से निकलती है। (UPSC Favourite)
- घाघरा: यह तिब्बत के 'मापचाचुंगो' ग्लेशियर से निकलती है। इसकी सहायक नदी शारदा (काली) है।
- कोसी: इसे 'बिहार का शोक' (Sorrow of Bihar) कहते हैं क्योंकि यह अपना मार्ग बदलने के लिए कुख्यात है, जिससे भयंकर बाढ़ आती है।
- महानंदा: यह दार्जिलिंग की पहाड़ियों से निकलती है और गंगा की सबसे पूर्वी (Last) सहायक नदी है।
2. दाएँ तट की सहायक नदियाँ (Right Bank Tributaries)
ये नदियाँ दक्षिण या प्रायद्वीपीय पठार की ओर से आकर गंगा में मिलती हैं:
🌊 यमुना (The Great Yamuna)
• उद्गम: यमुनोत्री ग्लेशियर (बंदरपूँछ चोटी)।
• संगम: प्रयागराज में गंगा से (त्रिवेणी संगम)।
• सहायक नदियाँ: चंबल, सिंध, बेतवा, केन (ये नदियाँ प्रायद्वीपीय पठार से निकलती हैं और यमुना में मिलती हैं, सीधे गंगा में नहीं)।
🏔️ सोन (Son River)
• उद्गम: अमरकंटक की पहाड़ियाँ (MP)।
• विशेषता: यह एकमात्र बड़ी प्रायद्वीपीय नदी है जो सीधे जाकर गंगा (पटना के पास) में मिलती है।
• यह उत्तर दिशा की ओर बहती है।
3. गंगा का विसर्जन: सुंदरवन डेल्टा
पश्चिम बंगाल के **फरक्का** नामक स्थान पर गंगा दो धाराओं में बँट जाती है:
| धारा | विवरण |
|---|---|
| हुगली (Hooghly) | यह मुख्य धारा से अलग होकर दक्षिण की ओर बहती है और बंगाल की खाड़ी में गिरती है। कोलकाता इसी के तट पर है। |
| पद्मा (Padma) | यह मुख्य धारा है जो बांग्लादेश में प्रवेश करती है। यहाँ इसमें 'ब्रह्मपुत्र' (जमुना) मिलती है। |
❄️ 1. सिंधु नदी तंत्र (The Indus System)
सिंधु विश्व की विशालतम नदी द्रोणियों में से एक है। यह भारत के लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश से होकर बहती है।
- 📍 उद्गम (Origin): तिब्बत में मानसरोवर झील के पास बोखर-चू (Bokhar-Chu) ग्लेशियर।
- 🇮🇳 भारत में प्रवेश: 'दमचोक' (लद्दाख) के पास से।
- ⛰️ प्रवाह: यह लद्दाख और जास्कर श्रेणियों के बीच उत्तर-पश्चिम दिशा में बहती है।
याद रखें: लेह (Leh) शहर सिंधु नदी के दाएँ तट (Right Bank) पर स्थित है। UPSC ने यह कई बार पूछा है!
🔗 सिंधु की 'पंचनद' (The 5 Tributaries)
मिठनकोट (पाकिस्तान) में सिंधु से मिलने वाली 5 प्रमुख नदियाँ:
🐉 2. ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र (The Tsangpo-Brahmaputra)
यह नदी तीन देशों (चीन, भारत, बांग्लादेश) से होकर बहती है और अपनी अत्यधिक गाद (Silt) के लिए जानी जाती है।
| 🚩 तिब्बत में नाम: | सांगपो (Tsangpo) - अर्थ: 'शुद्ध करने वाली' |
| 🚩 अरुणाचल में नाम: | दिहांग (Dihang) |
| 🚩 असम में नाम: | ब्रह्मपुत्र |
| 🚩 बांग्लादेश में नाम: | जमुना (Jamuna) |
ब्रह्मपुत्र नदी असम में विश्व का सबसे बड़ा 'नदी द्वीप' (River Island) माजुली (Majuli) बनाती है। यह भारत का पहला द्वीपीय जिला भी है।
🌿 प्रमुख सहायक नदियाँ:
दिबांग, लोहित, सुबनसिरी, मानस, और तीस्ता (तीस्ता का विवाद भारत-बांग्लादेश के बीच है)।
🧭 1. मुख्य विभाजन: पूर्व बनाम पश्चिम (East vs West)
प्रायद्वीपीय भारत की नदियाँ अपने ढाल के अनुसार दो दिशाओं में बहती हैं:
⬅️ पश्चिम की ओर (Arabian Sea)
• मुख्य नदियाँ: नर्मदा, तापी, साबरमती, माही, लूनी।
• विशेषता: ये नदियाँ 'भ्रंश घाटी' (Rift Valley) में बहती हैं और एस्चुरी (Estuary) बनाती हैं, डेल्टा नहीं।
➡️ पूर्व की ओर (Bay of Bengal)
• मुख्य नदियाँ: गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, महानदी।
• विशेषता: ये नदियाँ बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं और विशाल डेल्टा (Delta) का निर्माण करती हैं।
🌊 2. प्रमुख नदियों का संक्षिप्त विश्लेषण
- 📜 गोदावरी (Godavari): इसे 'दक्षिण गंगा' या 'वृद्ध गंगा' कहा जाता है। यह प्रायद्वीपीय भारत की सबसे लंबी नदी है। (उद्गम: त्र्यंबकेश्वर, नासिक)
- 📜 कृष्णा (Krishna): यह दूसरी सबसे बड़ी प्रायद्वीपीय नदी है। इसकी सहायक नदियाँ तुंगभद्रा और भीमा अक्सर पूछी जाती हैं। (उद्गम: महाबलेश्वर)
- 📜 कावेरी (Kaveri): इसे 'दक्षिण भारत की गंगा' कहा जाता है। खास बात यह है कि इसमें साल भर पानी रहता है (उत्तर-पूर्वी मानसून के कारण)।
- 📜 नर्मदा (Narmada): यह विंध्य और सतपुड़ा के बीच रिफ्ट वैली में बहती है और प्रसिद्ध धुआँधार जलप्रपात (जबलपुर) बनाती है।
माही (Mahi) भारत की एकमात्र नदी है जो कर्क रेखा (Tropic of Cancer) को दो बार काटती है। इसे रट लीजिए!
⚖️ 3. डेल्टा और एस्चुरी में अंतर (Quick Compare)
| विशेषता | डेल्टा (Delta) | एस्चुरी (Estuary) |
|---|---|---|
| गति | नदी की गति धीमी होती है। | नदी बहुत तीव्र गति से समुद्र में गिरती है। |
| जमाव | गाद और अवसाद का ढेर बन जाता है। | नदी अपने साथ सारा मलबा बहा ले जाती है। |
| आकार | त्रिभुजाकार या पंजे जैसा। | कीपाकार (Funnel shape)। |
📐 1. अपवाह प्रतिरूप (Drainage Patterns)
नदियाँ जिस डिजाइन में बहती हैं, उसे 'प्रतिरूप' कहते हैं। यहाँ से UPSC सीधे सवाल उठाता है:
- 🌳 वृक्षाकार (Dendritic): जब नदियाँ वृक्ष की शाखाओं जैसी दिखती हैं। (उदा: गंगा का विशाल मैदान)
- 🎡 अरीय (Radial): जब नदियाँ एक केंद्रीय पहाड़ी से निकलकर चारों दिशाओं में फैलती हैं। (उदा: अमरकंटक पर्वत से निकलने वाली नर्मदा, सोन और जोहिला)
- ⛓️ जालीनुमा (Trellis): जब सहायक नदियाँ मुख्य नदी से समकोण (90°) पर मिलती हैं। (उदा: हिमालय की पुरानी नदियाँ)
- 🌀 अंत:स्थलीय अपवाह (Inland Drainage): वे नदियाँ जो समुद्र तक नहीं पहुँचतीं और रेगिस्तान में विलीन हो जाती हैं। (उदा: लूनी नदी, जो कच्छ के रन में खो जाती है)
💡 2. गंगा की सहायक नदियों का 'माइक्रो' डेटा
केवल नाम काफी नहीं है, इन 3 नदियों की विशेषताएँ गूगल रैंकिंग और एग्जाम दोनों के लिए जरूरी हैं:
यह मध्य प्रदेश के 'मऊ' से निकलती है। यह भारत की उन नदियों में से है जो **'बीहड़' (Badland Topography)** बनाती हैं। इसकी मुख्य सहायक नदियाँ बनास, काली सिंध और पार्वती हैं।
इसे 'सप्तकोसी' भी कहते हैं क्योंकि यह 7 धाराओं से मिलकर बनती है (मुख्य धारा: अरुण)। यह हिमालय से भारी मात्रा में गाद (Sediment) लाती है, जिससे इसका रास्ता अवरुद्ध हो जाता है और बाढ़ आती है।
फरक्का बैराज (Farakka Barrage): यहाँ से गंगा की एक वितरिका (Distributary) 'हुगली' अलग होती है। हुगली की सबसे बड़ी सहायक नदी दामोदर है, जिसे 'बंगाल का शोक' कहा जाता था (अब दामोदर घाटी परियोजना के कारण यह शांत है)।
🏞️ 3. दक्षिण भारत की नदियों का 'सीक्रेट' अंतर
प्रायद्वीपीय नदियों के बारे में ये 2 बिंदु बहुत कम लोग जानते हैं:
| नदी | विशेषता जो एग्जाम में आती है |
|---|---|
| कावेरी | यह दक्षिण भारत की एकमात्र नदी है जिसमें साल भर पानी रहता है, क्योंकि इसे दक्षिण-पश्चिम और उत्तर-पूर्वी दोनों मानसून से वर्षा प्राप्त होती है। |
| पेन्नार | यह कृष्णा और कावेरी के बीच में स्थित है, जो अक्सर मानचित्र आधारित प्रश्नों में पूछी जाती है। |
| भरतपुझा | यह केरल की सबसे लंबी नदी है (नीला नदी के नाम से भी प्रसिद्ध)। |
व्याख्या: कोसी नदी तिब्बत से 'अरुण' नाम से निकलती है। नेपाल में इसमें अन्य धाराएँ मिलने के बाद इसे सप्तकोसी कहा जाता है।
व्याख्या: हंगरी नदी (जिसे वेदवती भी कहते हैं) तुंगभद्रा की प्रमुख सहायक नदी है, जो अंततः कृष्णा नदी तंत्र का हिस्सा है।
व्याख्या: मंदाकिनी नदी रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी से मिलती है।
व्याख्या: अत्यधिक प्रदूषण के कारण दामोदर नदी में जलीय जीव लगभग समाप्त हो गए हैं, इसलिए इसे 'जैविक मरुस्थल' कहा जाता है।
व्याख्या: संकोश नदी भूटान से निकलती है और असम तथा पश्चिम बंगाल के बीच सीमा का निर्धारण करते हुए ब्रह्मपुत्र में मिल जाती है।
व्याख्या: उत्तर में विंध्य और दक्षिण में सतपुड़ा पर्वत श्रेणियों के बीच के धंसाव के कारण बनी रिफ्ट वैली में नर्मदा बहती है।
व्याख्या: गोमती नदी पीलीभीत की फुल्हर झील से निकलकर गाजीपुर के पास गंगा में मिल जाती है।
व्याख्या: इन्हें वर्षा के साथ-साथ ऊंचे पहाड़ों पर पिघलने वाली बर्फ (ग्लेशियर) से भी पानी मिलता है।
व्याख्या: भारी वर्षा के दौरान महानदी ओडिशा के मैदानी भागों में भीषण बाढ़ लाती है। हीराकुंड बांध इसी पर बना है।
व्याख्या: यह झेलम की भी सहायक है (J&K में) और कृष्णा की भी सहायक है (महाराष्ट्र/कर्नाटक में)। विकल्प के अनुसार उत्तर चुनें।
व्याख्या: हीराकुंड बाँध ओडिशा में महानदी पर बना है और यह विश्व के सबसे लंबे मिट्टी के बाँधों में से एक है। इसका मुख्य उद्देश्य महानदी की विनाशकारी बाढ़ को नियंत्रित करना और जलविद्युत उत्पादन करना है।
व्याख्या: यह जलप्रपात मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में भेड़ाघाट नामक स्थान पर स्थित है। यहाँ नर्मदा नदी संगमरमर की चट्टानों के बीच से नीचे गिरती है, जिससे पानी की बूंदें धुएं जैसा अहसास कराती हैं।
व्याख्या: कर्नाटक में स्थित शिवसमुद्रम प्रपात एशिया के पहले जलविद्युत गृह (1902) के लिए प्रसिद्ध है। कावेरी नदी यहाँ से दो शाखाओं में बंटती है जो एक सुंदर द्वीप का निर्माण करती हैं।
व्याख्या: तिब्बत के मानसरोवर से निकलने वाली इस नदी को वहाँ 'सांगपो' कहते हैं जिसका अर्थ है 'शुद्ध करने वाली'। भारत के अरुणाचल में इसे 'दिहांग' और असम में 'ब्रह्मपुत्र' कहा जाता है।
व्याख्या: नर्मदा और तापी पश्चिम की ओर बहने वाली नदियाँ हैं जो कठोर चट्टानी रिफ्ट वैली से गुजरती हैं। तीव्र ढाल और कम गाद के कारण ये समुद्र में सीधे गिरती हैं और एस्चुरी (Estuary) बनाती हैं।
व्याख्या: यह कर्नाटक में शरावती नदी पर स्थित है। इसे गरसोप्पा (Gersoppa) प्रपात भी कहा जाता है और यह भारत के सबसे ऊँचे सीधे गिरने वाले प्रपातों में से एक है।
व्याख्या: यमुना गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदी है, जिसकी कुल लंबाई लगभग 1376 किमी है। यह प्रयागराज में गंगा से मिलने से पहले चंबल, बेतवा और केन जैसी नदियों का जल लेकर आती है।
व्याख्या: काली नदी भारत-नेपाल के बीच सुगौली संधि के अनुसार सीमा मानती है। हाल के वर्षों में कालापानी और लिंपियाधुरा क्षेत्र को लेकर इसके उद्गम स्थान पर विवाद उत्पन्न हुआ है।
व्याख्या: साबरमती नदी राजस्थान की अरावली पहाड़ियों से निकलती है और गुजरात से होते हुए खंभात की खाड़ी में गिरती है। महात्मा गांधी का आश्रम भी इसी नदी के तट पर स्थित है।
व्याख्या: दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में औद्योगिक कचरे और सीवेज के अत्यधिक गिरने के कारण यमुना का प्रदूषण स्तर बहुत अधिक है, जिससे इसे 'खुला नाला' की संज्ञा दी जाती है।
व्याख्या: पंजाब के 'हरिके बैराज' पर सतलुज और व्यास नदियों के संगम से यह नहर निकाली गई है, जो राजस्थान के मरुस्थलीय इलाकों को पानी उपलब्ध कराती है।
व्याख्या: गुजरात के केवडिया में स्थित यह दुनिया के सबसे बड़े बाँधों में से एक है। 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' भी इसी के पास स्थित है।
व्याख्या: महाराष्ट्र का नासिक शहर गोदावरी के उद्गम (त्र्यंबकेश्वर) के निकट है और यहाँ कुंभ मेले का आयोजन भी किया जाता है।
व्याख्या: यह तिब्बत के कैलाश पर्वत श्रेणी से निकलती है और लद्दाख के लेह जिले से होते हुए पाकिस्तान में प्रवेश करती है।
व्याख्या: ये तीनों नदियाँ अंतरराष्ट्रीय नदियाँ हैं और हिमालय के निर्माण से पहले की (पूर्ववर्ती) नदियाँ मानी जाती हैं।
व्याख्या: उत्तराखंड में स्थित यह भारत का सबसे ऊँचा बाँध है। यह भागीरथी और भिलंगना नदियों के संगम पर बना है।
व्याख्या: केरल की सबसे लंबी नदी पेरियार पश्चिम की ओर बहती है और अरब सागर में विलीन होती है। इसे केरल की जीवनरेखा कहा जाता है।
व्याख्या: श्रीनगर डल झील और झेलम नदी के सुंदर नजारों के लिए प्रसिद्ध है। झेलम विसर्प (Meander) बनाती हुई आगे बढ़ती है।
व्याख्या: इसे 'खूनी नदी' (River of Blood) भी कहा जाता है क्योंकि इसमें मिट्टी के कारण लाल रंग दिखाई देता है। ढोला-सादिया पुल इसी पर बना है।
व्याख्या: असम में ब्रह्मपुत्र नदी के बीच स्थित यह द्वीप अत्यधिक कटाव के कारण धीरे-धीरे छोटा हो रहा है, यह भारत का पहला द्वीपीय जिला भी है।
व्याख्या: झेलम नदी वुलर झील से होकर गुजरती है। यह भारत की सबसे बड़ी मीठे पानी की प्राकृतिक झील है।
व्याख्या: फरक्का के बाद गंगा बांग्लादेश में प्रवेश करती है जहाँ इसे पद्मा कहा जाता है। ब्रह्मपुत्र (जमुना) के मिलने के बाद यह अंततः मेघना कहलाती है।
व्याख्या: यह तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की सीमा पर स्थित है। इसे याद रखने की ट्रिक है 'कृष्ण और अर्जुन' (नागार्जुन)।
व्याख्या: चंबल नदी पर ये तीन मुख्य बाँध सिंचाई और बिजली के लिए बने हैं। गांधी सागर MP में है, जबकि अन्य दो राजस्थान में हैं।
व्याख्या: क्षिप्रा चंबल की सहायक नदी है। उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर इसी नदी के तट पर है, जहाँ प्रत्येक 12 वर्ष में कुंभ लगता है।
व्याख्या: यह तमिलनाडु के सबसे बड़े बाँधों में से एक है और कावेरी नदी के जल प्रबंधन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
व्याख्या: यह पश्चिमी घाट की महाबलेश्वर चोटी से निकलती है और महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना से होते हुए आंध्र प्रदेश के पास डेल्टा बनाती है।
व्याख्या: पंजाब का औद्योगिक शहर लुधियाना सतलुज नदी के पुराने तट के पास स्थित है। सतलुज राक्षस ताल (तिब्बत) से निकलकर भारत आती है।
व्याख्या: यह कर्नाटक में स्थित है। यह बाँध जल विद्युत और सिंचाई दोनों के काम आता है और ऊपरी कृष्णा परियोजना का हिस्सा है।
व्याख्या: चिल्का झील एशिया की सबसे बड़ी लैगून है जो ओडिशा में महानदी डेल्टा के दक्षिणी भाग में दया नदी के मुहाने पर स्थित है।
