Quick Revision Notes & 50+ PYQs (UPSC, UPPSC, RO/ARO)
🌊 भारत की झीलें: एक विस्तृत परिचय
1. विवर्तनिक झीलें (Tectonic Lakes) 🏔️
इन झीलों का निर्माण पृथ्वी के भीतर होने वाली हलचलों (धंसने या उठने) के कारण होता है।
- वुलर झील (J&K): यह भारत की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील है। इसका निर्माण टेक्टोनिक गतिविधियों से हुआ है।
2. लैगून या अनूप झीलें (Lagoon Lakes) 🏖️
जब समुद्र का जल तटीय इलाकों में बालू के अवरोध के कारण मुख्य समुद्र से अलग होकर एक झील का रूप ले लेता है, उसे लैगून कहते हैं।
- चिल्का झील (ओडिशा): भारत की सबसे बड़ी तटीय झील और खारे पानी की लैगून।
- पुलिकट झील (Andhra/Tamil Nadu): सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र इसी के पास 'श्रीहरिकोटा' द्वीप पर है।
3. हिमानी झीलें (Glacial Lakes) ❄️
हिमालयी क्षेत्रों में हिमनदों (Glaciers) के पिघलने और उनके द्वारा बनाए गए गड्ढों में जल भरने से इनका निर्माण होता है।
- नैनीताल, भीमताल, राक्षसताल (उत्तराखंड): ये सभी मीठे पानी की प्रसिद्ध झीलें हैं।
4. क्रेटर झील (Crater/Caldera Lake) 🌋
ज्वालामुखी के शांत होने पर उसके मुख (Crater) में वर्षा का जल भरने से बनी झील।
- लोनार झील (महाराष्ट्र): यह भारत की प्रसिद्ध क्रेटर झील है। हाल ही में इसका रंग गुलाबी होने के कारण यह बहुत चर्चा में थी।
📍 राज्यवार झीलों की सूची एवं धांसू ट्रिक्स
प्रमुख झीलें: सांभर, राजसमंद, जयसमंद, डीडवाना, फतेहसागर, लूनकरणसर, पिछोला, पुष्कर।
प्रमुख झीलें: वुलर, डल, मानसबल, शेषनाग, अनंतनाग, बेरीनाग, पेंगोंग त्सो (लद्दाख)।
प्रमुख झीलें: नैनीताल, खुरपाताल, राकसताल, मालाताल, देवताल, रूपकुंड।
प्रमुख झील: लोकटक झील (Loktak Lake)
प्रमुख झीलें: वेम्बनाड, अष्टमुडी, पेरियार।
🏗️ भारत के प्रमुख बाँध: ऊँचाई और लंबाई का संगम
🏆 महत्वपूर्ण रिकॉर्ड्स जो परीक्षा में बार-बार आते हैं:
🔹 सबसे ऊँचा बाँध: टिहरी बाँध (उत्तराखंड) - 260.5 मीटर।
🔹 सबसे लंबा बाँध: हीराकुंड बाँध (ओडिशा) - कुल लंबाई 25.8 किमी।
🔹 सबसे पुराना बाँध: कल्लनई बाँध (तमिलनाडु) - कावेरी नदी पर (चोल राजाओं द्वारा निर्मित)।
🗺️ राज्यवार एवं नदीवार प्रमुख बाँध सूची
| बाँध का नाम | नदी (River) | राज्य (State) |
|---|---|---|
| टिहरी बाँध | भागीरथी | उत्तराखंड |
| भाखड़ा नांगल | सतलुज | हिमाचल/पंजाब |
| हीराकुंड बाँध | महानदी | ओडिशा |
| सरदार सरोवर | नर्मदा | गुजरात |
| नागार्जुन सागर | कृष्णा | तेलंगाना/AP |
| इदुक्की बाँध | पेरियार | केरल |
| माताटीला बाँध | बेतवा | उत्तर प्रदेश |
| गाँधी सागर | चंबल | मध्य प्रदेश |
🚀 नदी घाटी परियोजनाएँ (River Projects)
दामोदर घाटी परियोजना (DVC) ⚡
यह स्वतंत्र भारत की पहली बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना है (1948)। यह अमेरिका की 'टेनेसी घाटी परियोजना' पर आधारित है।
लाभान्वित राज्य: झारखंड और पश्चिम बंगालभाखड़ा नांगल परियोजना 🌊
यह विश्व का सबसे ऊँचा 'गुरुत्वीय बाँध' (Gravity Dam) है। इसके पीछे बनी झील को 'गोविंद सागर झील' कहते हैं।
🌊 नदी घाटी परियोजनाएं: विस्तृत समझ
🎯 इन परियोजनाओं के मुख्य उद्देश्य:
🔍 कुछ 'खास' परियोजनाएं जो अक्सर छूट जाती हैं
1. कोसी परियोजना (बिहार का शोक) 🌊
यह भारत और नेपाल की संयुक्त परियोजना है। इसका मुख्य उद्देश्य कोसी नदी द्वारा आने वाली विनाशकारी बाढ़ को रोकना है।
2. गंडक परियोजना 🏞️
यह उत्तर प्रदेश और बिहार की संयुक्त परियोजना है, जिसमें नेपाल भी शामिल है।
3. मयूराक्षी परियोजना (West Bengal) 🕊️
इसे 'कनाडा बाँध' (Canada Dam) भी कहा जाता है क्योंकि इसका निर्माण कनाडा के सहयोग से हुआ था।
4. चंबल नदी घाटी परियोजना 🏹
यह राजस्थान और मध्य प्रदेश की संयुक्त परियोजना है। इसके अंतर्गत तीन मुख्य बाँध बनाए गए हैं:
- गांधी सागर (मध्य प्रदेश)
- राणा प्रताप सागर (राजस्थान)
- जवाहर सागर (राजस्थान)
⚠️ महत्वपूर्ण नदी विवाद (River Disputes):
अक्सर परीक्षाओं में बाँधों के साथ विवाद भी पूछे जाते हैं:
- मुल्लापेरियार बाँध विवाद: तमिलनाडु और केरल के बीच।
- बगलीहार/किशनगंगा परियोजना विवाद: भारत और पाकिस्तान के बीच (सिंधु जल समझौते के तहत)।
- कावेरी जल विवाद: कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी के बीच।
One Liner PYQs
व्याख्या: वुलर झील भारत की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील है। यह झेलम नदी के मार्ग में पड़ती है और एक विवर्तनिक (Tectonic) झील का उदाहरण है।
❓ पिछले वर्षों के महत्वपूर्ण प्रश्न (PYQs)
व्याख्या: यह जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले में स्थित है। यह झेलम नदी के मार्ग में आती है और इसका निर्माण विवर्तनिक (Tectonic) गतिविधियों के कारण हुआ है।
व्याख्या: लोकटक पूर्वोत्तर भारत की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील है। इस पर 'केबुल लामजाओ' (Keibul Lamjao) नामक दुनिया का एकमात्र तैरता हुआ नेशनल पार्क स्थित है।
व्याख्या: पुलिकट झील आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु की सीमा पर स्थित एक लैगून झील है। इसी के पास इसरो (ISRO) का सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा में स्थित है।
व्याख्या: टिहरी बाँध उत्तराखंड में स्थित है। इसकी ऊँचाई 260.5 मीटर है, जो इसे भारत का सबसे ऊँचा और दुनिया के सबसे ऊँचे बाँधों में से एक बनाती है।
व्याख्या: यह एक क्रेटर झील है। माना जाता है कि इसका निर्माण लगभग 52,000 साल पहले एक उल्कापिंड (Meteorite) के पृथ्वी से टकराने के कारण हुआ था।
व्याख्या: यह बाँध आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की सीमा पर स्थित है। इसका नाम बौद्ध विद्वान नागार्जुन के नाम पर रखा गया है।
व्याख्या: यह सोनभद्र जिले में रिहंद नदी पर स्थित है। इसके जलाशय को 'गोविंद वल्लभ पंत सागर' कहा जाता है, जो भारत की सबसे बड़ी कृत्रिम झील है।
व्याख्या: हीराकुंड दुनिया के सबसे लंबे मिट्टी के बाँधों (Earthen Dam) में से एक है। इसकी मुख्य धारा की लंबाई लगभग 4.8 किमी है।
व्याख्या: इसकी स्थापना 1948 में हुई थी। यह अमेरिका की टेनेसी वैली अथॉरिटी (TVA) के मॉडल पर आधारित है।
व्याख्या: यह भारत की सबसे लंबी और केरल की सबसे बड़ी झील है। प्रसिद्ध 'नेहरू ट्रॉफी नौका दौड़' इसी झील के एक हिस्से (पुन्नमडा झील) में आयोजित होती है।
व्याख्या: सलाल परियोजना जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित है। इसी नदी पर 'बगलीहार' और 'दुलहस्ती' परियोजनाएं भी स्थित हैं, जो अक्सर परीक्षा में पूछी जाती हैं।
व्याख्या: यह परियोजना झेलम नदी के मुहाने पर वुलर झील के पास स्थित है। इसे लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच अक्सर विवाद रहता है।
व्याख्या: यह गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान की संयुक्त परियोजना है। यह नर्मदा नदी पर बना सबसे बड़ा बाँध है।
व्याख्या: यह एक 'कयाल' (Backwater) झील है। 'अष्टमुडी' का अर्थ है आठ शाखायें, क्योंकि इसकी आकृति आठ भुजाओं वाली है। यह एक महत्वपूर्ण रामसर साइट भी है।
व्याख्या: यह सतलुज नदी पर स्थित है। भाखड़ा और नांगल दो अलग-अलग बाँध हैं जो एक-दूसरे से 13 किमी की दूरी पर स्थित हैं।
व्याख्या: पेरियार झील एक कृत्रिम झील है जो पेरियार नदी पर मुल्लापेरियार बाँध के निर्माण से बनी है। यह क्षेत्र हाथियों के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध है।
व्याख्या: 1902 में स्थापित यह परियोजना भारत की सबसे पुरानी जल विद्युत परियोजनाओं में से एक है। कावेरी नदी पर ही प्रसिद्ध 'शिवसमुद्रम जलप्रपात' भी स्थित है।
व्याख्या: यह राजस्थान के जयपुर जिले के पास स्थित है। यह भारत की सबसे बड़ी 'अंतःस्थलीय' (Inland) खारे पानी की झील है।
व्याख्या: यह परियोजना एशिया के सबसे बड़े 'आर्च डैम' (Arch Dam) के लिए प्रसिद्ध है। यह दो पहाड़ियों 'कुरुवन' और 'कुरुथी' के बीच स्थित है।
व्याख्या: यह तमिलनाडु का सबसे बड़ा बाँध है। यह कावेरी नदी के जल विवाद का एक प्रमुख केंद्र बिंदु भी रहता है।
व्याख्या: हुसैन सागर झील अपनी 'बुद्ध प्रतिमा' के लिए प्रसिद्ध है जो झील के बीच में स्थित है।
व्याख्या: इसका निर्माण 1975 में सिंचाई और जल विद्युत के उद्देश्य से किया गया था।
व्याख्या: यह सोनभद्र (UP) में स्थित है लेकिन इसका लाभ एमपी को भी मिलता है। इसके पीछे गोविंद वल्लभ पंत सागर है।
व्याख्या: इसे 'रानी लक्ष्मीबाई बाँध' के नाम से भी जाना जाता है। यह यूपी और एमपी की संयुक्त परियोजना है।
व्याख्या: यह भारत की सबसे ऊँची झील है (लगभग 5330 मीटर)। तीस्ता नदी का उद्गम यहीं से माना जाता है।
व्याख्या: गांधी सागर एमपी में है, जबकि राणा प्रताप और जवाहर सागर राजस्थान में स्थित हैं।
व्याख्या: केरल के तटीय इलाकों में स्थित खारे पानी की झीलों को स्थानीय भाषा में कयॉल कहा जाता है।
व्याख्या: सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी के नाम पर इस मानव निर्मित झील का नाम रखा गया है।
व्याख्या: यह कृष्णा और गोदावरी डेल्टा के बीच स्थित मीठे पानी की एक बड़ी झील है।
व्याख्या: यह परियोजना उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के पास बेतवा नदी पर स्थित है।
व्याख्या: यह पश्चिम बंगाल में गंगा नदी पर स्थित है। इसका मुख्य उद्देश्य कोलकाता बंदरगाह को गाद (Silt) से बचाना है।
व्याख्या: यह 450 मेगावाट की जल विद्युत परियोजना है जिसे लेकर पाकिस्तान ने सिंधु जल समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाया था।
व्याख्या: यह शिलांग से 15 किमी दूर स्थित एक बहुत ही सुंदर कृत्रिम झील है, जो पर्यटन का मुख्य केंद्र है।
व्याख्या: यह गुजरात की दूसरी सबसे बड़ी जल विद्युत परियोजना है। इसे 'वल्लभ सागर' भी कहा जाता है।
व्याख्या: यह मयूराक्षी नदी पर स्थित है। इसे कनाडा के विदेश मंत्री द्वारा उद्घाटन किए जाने के कारण 'कनाडा बाँध' कहा जाता है।
व्याख्या: यह एक प्राकृतिक झील है और प्रवासी पक्षियों (जैसे फ्लेमिंगो) के लिए प्रसिद्ध रामसर साइट है।
व्याख्या: यह औरंगाबाद जिले में स्थित है। इसका उद्देश्य मराठवाड़ा के सूखाग्रस्त इलाकों में सिंचाई सुविधा देना है।
व्याख्या: यह चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित है। यह राजस्थान का सबसे अधिक जल भराव क्षमता वाला बाँध है।
व्याख्या: यह पंजाब के पठानकोट जिले में स्थित है। यह पंजाब और जम्मू-कश्मीर की सीमा पर बना है।
व्याख्या: बाँध बनने के बाद पूरा शहर झील के नीचे समा गया और 'नई टिहरी' बसाई गई। यहाँ स्वामी रामतीर्थ सागर जलाशय बना है।
व्याख्या: ये परियोजनाएं धौलीगंगा नदी पर स्थित हैं। साल 2021 में यहाँ आई आकस्मिक बाढ़ (Flash Flood) के कारण ये काफी चर्चा में रही थीं।
व्याख्या: यह महाकाली नदी (शारदा नदी) पर प्रस्तावित है। यह दोनों देशों के बीच महाकाली संधि का हिस्सा है।
व्याख्या: किशनगंगा, झेलम नदी की एक सहायक नदी है। पाकिस्तान का दावा है कि यह 'सिंधु जल समझौते' (1960) का उल्लंघन है।
व्याख्या: यह एक ऐतिहासिक झील है जिसका उपयोग सिंचाई के लिए किया जाता है। (भाई, आपके जिले महोबा की शान है, इसे जरूर शामिल करें!)
व्याख्या: गिरि नदी, यमुना की सहायक नदी है। इस परियोजना से दिल्ली सहित 6 राज्यों को पेयजल की आपूर्ति होगी।
व्याख्या: यह अंडमान-निकोबार की पहली जल विद्युत परियोजना है, जो कल्पोंग नदी पर स्थित है।
व्याख्या: इसे 'लाल बहादुर शास्त्री बाँध' के नाम से भी जाना जाता है। यह उत्तरी कर्नाटक में सिंचाई का प्रमुख स्रोत है।
व्याख्या: यह दया नदी (Daya River) के मुहाने पर स्थित है। जाड़े के मौसम में यहाँ 'साइबेरियन क्रेन' जैसे प्रवासी पक्षी आते हैं।
व्याख्या: यह जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में स्थित है। यह 'Run-of-the-river' प्रकार की परियोजना है।
व्याख्या: यह हिमाचल के चंबा जिले में स्थित है और बिजली उत्पादन का एक बड़ा केंद्र है।
व्याख्या: इसे 'चूका बीच' के नाम से भी जाना जाता है, जो पर्यटन के लिए बहुत प्रसिद्ध हो रहा है।
व्याख्या: यह सोन नदी पर स्थित है। इसका नाम प्रसिद्ध कवि 'बाणभट्ट' के नाम पर रखा गया है।
व्याख्या: यहाँ भारत का दूसरा सबसे बड़ा जलप्रपात स्थित है। यहीं पर 1902 में भारत का पहला प्रमुख जलविद्युत संयंत्र लगाया गया था।
व्याख्या: यह अलीपुरद्वार जिले में स्थित है। यह क्षेत्र बक्सा टाइगर रिजर्व के लिए भी जाना जाता है।
व्याख्या: यह बाँध केरल में स्थित है लेकिन इसका संचालन तमिलनाडु सरकार करती है। इसकी सुरक्षा को लेकर विवाद चलता रहता है।
व्याख्या: यह झील के अंदर एक द्वीप है, जो सर्दियों में हजारों प्रवासी पक्षियों का घर बनता है।
व्याख्या: यह धौलीगंगा नदी पर स्थित है, जो अलकनंदा की सहायक नदी है।
व्याख्या: यह चंबल नदी घाटी परियोजना का तीसरा चरण है। यहाँ कोटा बैराज भी पास में ही स्थित है।
व्याख्या: इसे 'ग्रैंड एनीकट' भी कहते हैं। इसे दूसरी शताब्दी में चोल राजा करिकाल द्वारा बनवाया गया था। यह आज भी कार्य कर रहा है।
व्याख्या: यह खंडवा जिले में स्थित है। नर्मदा नदी पर बनी यह एक प्रमुख बहुउद्देशीय परियोजना है।

