सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) : प्राचीन इतिहास प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु मैजिक नोट्स

सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) : प्राचीन इतिहास प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु मैजिक नोट्स

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🏛️ सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) सम्पूर्ण नोट्स
UPSC / PCS / SSC / State Exams के लिए प्रामाणिक एवं विस्तृत Study Notes

📚 Part 1 : सिंधु घाटी सभ्यता – विस्तृत Notes (UPSC/PCS Level)

सिंधु घाटी सभ्यता को हड़प्पा सभ्यता भी कहा जाता है। यह भारतीय उपमहाद्वीप की प्रथम नगरीय सभ्यता मानी जाती है। इसका विकास लगभग ईसा-पूर्व 2600 से 1900 के बीच माना जाता है। यह सभ्यता मुख्यतः सिंधु, घग्घर-हकरा, रावी, सतलज आदि नदियों के किनारे विकसित हुई।

ध्यान दें (UPSC Point) : सिंधु सभ्यता पाषाण युग से लौह युग के बीच की – तांबे एवं कांसे (ब्रॉन्ज) के उपयोग वाली सभ्यता थी, इसलिए इसे कांस्य (Bronze Age) की नगरीय सभ्यता कहा जाता है।

1. भौगोलिक विस्तार एवं प्रमुख क्षेत्र

  • उत्तर में – मांड (जम्मू-कश्मीर)
  • दक्षिण में – डैमाबाद (महाराष्ट्र)
  • पूर्व में – आलमगीरपुर (उत्तर प्रदेश)
  • पश्चिम में – सूत्रकेडार / चन्हूदारो (पाकिस्तान)
  • लगभग 12–13 लाख वर्ग किमी का विशाल क्षेत्र – मिस्र एवं मेसोपोटामिया से भी अधिक विस्तृत।

इतने विस्तृत क्षेत्र में होने के बावजूद, सिंधु सभ्यता के नगरों में योजनाबद्धता (Town Planning), जल-निकासी, समान ईंटों के माप आदि में अद्भुत एकरूपता मिलती है, जो एक सशक्त प्रशासनिक तंत्र का संकेत देती है।

2. खोज, पुरातत्वविद एवं काल निर्धारण

  • 1921 ई.दयाराम साहनी ने हड़प्पा की खोज की (मॉन्टगोमरी जिला, अब पाकिस्तान)।
  • 1922 ई.राखालदास बनर्जी ने मोहनजोदाड़ो (लारकाना, सिंध) की खोज की।
  • जॉन मार्शल – तत्कालीन डायरेक्टर जनरल, ASI; इन्होंने इन स्थलों की खुदाई का नेतृत्व किया और इसे Harappan Civilization नाम दिया।
  • काल निर्धारण – रेडियोकार्बन एवं अन्य विधियों से वर्तमान में इसका मुख्य काल 2600–1900 BCE (Mature Harappan) माना जाता है।

3. नगर नियोजन (Town Planning) की प्रमुख विशेषताएँ

🏙️ नियोजित नगर
🚿 उन्नत जल-निकासी
🧱 मानकीकृत ईंटें
  • आयताकार ग्रिड योजना – सड़कों का जाल लगभग उत्तर-दक्षिण एवं पूर्व-पश्चिम दिशा में; 90° पर कटती सड़कें।
  • ऊपरी नगर (Citadel) एवं निचला नगर – ऊँचे चबूतरे पर किला-क्षेत्र तथा सामान्य निवास क्षेत्र अलग-अलग।
  • पक्की ईंटों का प्रयोग – प्रायः 1:2:4 अनुपात में बनी ईंटें; मानकीकरण पूरे क्षेत्र में समान।
  • जल निकासी व्यवस्था – प्रत्येक घर से निकलने वाला पानी पक्की नालियों के माध्यम से मुख्य नाली से जुड़ा; नालियों पर ऊपर से ढक्कन / स्लैब।
  • कचरा-निकासी – घरों में कचरा-कुण्ड; सार्वजनिक स्नानागार और कुएँ।

4. प्रमुख नगर एवं उनकी विशेषताएँ

स्थल वर्तमान राज्य/देश विशेषता
हड़प्पा पंजाब (पाकिस्तान) सभ्यता को नाम; गोदाम, अनाज कोठार, कंकालों के समूह मिले।
मोहनजोदाड़ो सिंध (पाकिस्तान) महान स्नानागार, सभा-भवन, नृत्य करती हुई नर्तकी की मूर्ति, पुजारी की मूर्ति।
धोलावीरा गुजरात (कच्छ) तीन भागों वाला नगर, जल-संचयन प्रणाली, सबसे बड़ा शिलालेख, स्टेडियम जैसे निर्माण।
कालीबंगा राजस्थान हलक़े की जुताई के प्रमाण, अग्निकुण्ड, ईंटों से बनी वेदियाँ।
लोथल गुजरात गोदी/बंदरगाह, मोती-निर्माण, चेस-बोर्ड जैसा गोदाम, नाप-तौल के साक्ष्य।
राखीगढ़ी हरियाणा भारत में सबसे बड़ा हड़प्पा स्थल; अनेक आवासीय संरचनाएँ, नालियाँ, हड्डी-शिल्प।
बनावली हरियाणा पूर्व-हड़प्पा एवं हड़प्पा दोनों स्तर, किलेबंदी, कृषि के प्रमाण।
आलमगीरपुर उत्तर प्रदेश सबसे पूर्वी स्थल; मदरास की ओर का विस्तार नहीं।

5. अर्थव्यवस्था : कृषि, शिल्प एवं व्यापार

(क) कृषि

  • मुख्य फसलें – गेहूँ, जौ, तिल, खजूर, मटर, सरसों आदि।
  • कुछ क्षेत्रों (जैसे लोथल, रंगपुर) से चावल के भी प्रमाण।
  • कालीबंगा से हल की जुताई के निशान – दोहरी फसल-पट्टी (Double Cropping) की संभावना।
  • सिंचाई – अधिकांशतः वर्षा व नदी के सहारे; नहर सिंचाई के सीधे प्रमाण नगण्य।

(ख) पशुपालन

  • गाय, भैंस, भेड़, बकरी, सूअर, कुत्ता, ऊँट आदि के अवशेष।
  • घोड़े के स्पष्ट प्रमाण विवादित; कुछ स्थलों से घोड़े जैसे अस्थि-अवशेष मिले हैं पर सर्वसम्मति नहीं।

(ग) शिल्प एवं उद्योग

  • कांस्य धातु-शिल्प (Copper + Tin) – उपकरण, मूर्तियाँ, बर्तन।
  • मोती-निर्माण – लोथल, चन्हूदारो; अर्ध-मूल्यवान पत्थरों (लालड़ी, अगेट, कार्नेलियन) का उपयोग।
  • गहनों में – सोना, चाँदी, फैयेंस, शंख आदि का प्रयोग।
  • मिट्टी के खिलौने, बैलगाड़ियाँ, रथ, घरों के मॉडल – लोकजीवन की झलक।

(घ) व्यापार

  • आंतरिक एवं बाह्य – मेसोपोटामिया (सुमेर) से व्यापार के प्रबल प्रमाण।
  • सुमेर के अभिलेखों में Meluhha (मेलुह्हा) – अधिकांश विद्वानों द्वारा भारत/सिंधु क्षेत्र से जोड़ा जाता है।
  • निर्यात – कपड़ा, मोती, कीमती पत्थर; आयात – ताँबा (राजस्थान, ओमान), टिन, कीमती धातुएँ।
  • माप–तौल – पत्थर के मानकीकृत बाट, अनुपातिक तौल-सिस्टम; लंबाई के लिए हाथी दाँत/लकड़ी की माप-पट्टियाँ।

6. समाज और दैनिक जीवन

  • समाज शहरी और वर्गीकृत प्रतीत होता है – शासक वर्ग, व्यापारी, कारीगर, मजदूर।
  • घरों से – चूल्हे, अनाज-कोठरियाँ, स्नानघर, शौचालय – स्वच्छता के प्रति सजगता।
  • वस्त्र – सूती वस्त्रों के प्रमाण; पुरुष व महिलाएँ आभूषण (हार, चूड़ी, झुमके) पहनते थे।
  • मिट्टी के खिलौने – बच्चों के खेल-कूद व मनोरंजन का संकेत; कुछ खिलौने गतिशील (चलने वाले) भी।
  • शतरंज/लूडो जैसी खेल-गोटियाँ और पाशे – मनोरंजन एवं समय-व्यतीत का साधन।

7. धर्म, आस्था और संस्कृति

परीक्षा टिप : सिंधु सभ्यता में मंदिरों या स्पष्ट देवालयों के अवशेष नहीं मिलते; इसलिए इनके धर्म को अधिकतर प्रकृति-पूजक एवं प्रतीकात्मक माना जाता है।
  • मातृदेवी (Mother Goddess) – उर्वरता व प्रजनन की प्रतीक मिट्टी की मूर्तियाँ।
  • पशुपति महादेव रूपी मुहर
– एक पुरुष आकृति, त्रिमुखी, चारों ओर पशु; कुछ विद्वान इसे शिव का प्रारंभिक रूप मानते हैं।
  • वृक्ष-पूजा – पीपल, नीम आदि के प्रतीक, वृक्ष व पशु के संयुक्त चित्र।
  • यज्ञ या अग्नि-वेदियाँ – विशेषकर कालीबंगा आदि से अग्निकुण्ड के प्रमाण।
  • शव-संस्कार – मुख्यतः समाधि (Inhumation), साथ में कुछ स्थानों पर दाह-संस्कार व अस्थि-विसर्जन के संकेत।
  • 8. लिपि, भाषा एवं कला

    (क) लिपि

    • सिंधु लिपि अब तक पूरी तरह अपठनीय है।
    • इसका लेखन दिशा – अधिकतर दायें से बायें (Right to Left) मानी जाती है।
    • लिपि में 400 के आस-पास चिह्न; संभवतः शब्द-चिह्न व वर्ण-चिह्न का मिश्रण।
    • लिपि के अपठनीय होने के कारण – राजनीतिक व्यवस्था, धार्मिक मत, सामाजिक संरचना पर अंतिम निष्कर्ष सीमित।

    (ख) कला

    • कांस्य नर्तकी (Dancing Girl) – मोहनजोदाड़ो से प्राप्त, पतली कांस्य मूर्ति; उन्नत धातुशिल्प का उदाहरण।
    • पुजारी / दाढ़ी वाला व्यक्ति – मोहनजोदाड़ो, चोगा व तिरछी डिज़ाइन; उच्च वर्ग के प्रतीक।
    • मिट्टी की मूर्तियाँ – जानवर, मानव, देवताओं के रूप; आस्थाओं का द्योतक।
    • मुहरें (Seals) – प्रायः स्टियाटाइट से बनी; एक-सींग वाला बैल, हाथी, बाघ, बकरी आदि आकृतियाँ। ऊपर लिपि, नीचे चित्र।

    9. प्रशासन एवं राजनीतिक व्यवस्था (अनुमान आधारित)

    • कोई राजा, महल या सेना के स्पष्ट प्रमाण नहीं; परन्तु एकरूप नगर-योजना और मानकीकरण किसी केंद्रीय प्राधिकरण की ओर संकेत करते हैं।
    • संभवतः व्यापारी-शासक वर्ग या नगर-परिषद के रूप में प्रशासन था।
    • न्याय-व्यवस्था, कर-प्रणाली आदि की निश्चित जानकारी नहीं, पर गोदाम, अनाज-कोठार से किसी संगठित संग्रह-पद्धति का अनुमान।

    10. पतन के कारण – प्रमुख मत

    • नदी-प्रणालियों में परिवर्तन – विशेषकर घग्घर-हकरा/सरस्वती के सूखने या मार्ग-परिवर्तन की परिकल्पना।
    • बाढ़ या पर्यावरणीय दबाव – बार-बार की बाढ़, भूजल-स्तर में परिवर्तन।
    • अत्यधिक शहरीकरण से संसाधनों पर दबाव, कृषि-क्षेत्र का क्षरण।
    • जलवायु-परिवर्तन – सूखे एवं तापमान-वृद्धि के साक्ष्य।
    • बाहरी आक्रमण (आर्य) वाला मत अब अधिकांश विद्वानों द्वारा कम स्वीकार्य; पतन को बहु-कारक, क्रमिक और पर्यावरण-आधारित माना जाता है।

    11. सिंधु सभ्यता की विशेषताएँ व महत्व

    • भारत की प्रथम नगरीय सभ्यता – नियोजित नगर, सुविकसित जल निकासी, सार्वजनिक भवन।
    • उच्च स्तर का शिल्प एवं उद्योग – धातुकला, मोती-निर्माण, वस्त्र-उद्योग।
    • अंतरराष्ट्रीय व्यापार – मेसोपोटामिया से संपर्क; भारतीय समुद्री व्यापार की प्राचीन परंपरा।
    • अहिंसा की प्रवृत्ति – कम вооружित हथियार, युद्ध-चित्रों का अभाव; शांति-प्रिय समाज की छवि।
    • भारतीय संस्कृति की कई बाद की विशेषताओं – जैसे वृक्ष-पूजा, मातृदेवी पूजा, नदी-आस्था – की जड़ें संभवतः इसी सभ्यता में।

    Part 2 : सिंधु घाटी सभ्यता – Quick Revision Notes

    ⏱️ 1–2 Minute Turbo Revision

    🔹 बुनियादी तथ्य

    • काल – लगभग 2600–1900 BCE (Mature Harappan)।
    • स्वरूप – कांस्य युग की नगरीय सभ्यता
    • प्रसार – अफगान सीमा से यूपी के आलमगीरपुर तक; कच्छ से डैमाबाद तक।
    • प्रमुख नदियाँ – सिंधु, रावी, सतलज, घग्घर-हकरा आदि।
    • खोज – हड़प्पा (दयाराम साहनी, 1921), मोहनजोदाड़ो (आर. डी. बनर्जी, 1922)।

    🏙️ नगर व योजना

    • नगर दो भागों में – ऊपरी किला क्षेत्र + निचला नगर
    • सड़के – उत्तर–दक्षिण, पूर्व–पश्चिम, ग्रिड-पैटर्न।
    • घर – पक्की ईंटें, आँगन, स्नानघर, शौचालय, कुएँ।
    • जल-निकासी – ढकी हुई पक्की नालियाँ; घरों से सीधे जुड़ी।
    • मोहनजोदाड़ो – महान स्नानागार; धोलावीरा – तीन भागों वाला नगर।

    💱 अर्थव्यवस्था

    • कृषि – गेहूँ, जौ, सरसों, तिल, खजूर, कुछ स्थलों पर चावल।
    • कालीबंगा – हल की जुताई के प्रमाण।
    • शिल्प – कांस्य धातुशिल्प, मोती-निर्माण, गहने, मिट्टी के खिलौने।
    • व्यापार – मेसोपोटामिया से समुद्री व स्थलीय व्यापार; Meluhha का उल्लेख।
    • माप-तौल – मानकीकृत पत्थर के बाट व माप-पट्टियाँ।

    🕉️ धर्म व आस्था

    • मातृदेवी, पशुपति-रूप, वृक्ष-पूजा के प्रमाण।
    • मंदिरों की स्पष्ट इमारतें नहीं – प्रकृति-पूजक एवं प्रतीकात्मक धर्म।
    • शव-संस्कार – मुख्यतः समाधि; कभी दाह-संस्कार के संकेत।
    • अग्निकुण्ड व वेदियों से यज्ञ-सदृश कर्मकांड की संभावना।

    ✍️ लिपि व कला

    • सिंधु लिपि – अभी भी अपठनीय; संभवतः दाएँ से बाएँ।
    • मुहरें – एक-सींग वाला बैल, पशुपति, अन्य पशु; ऊपर लिपि।
    • प्रसिद्ध मूर्तियाँ – कांस्य नर्तकी, पुजारी, मिट्टी की मूर्तियाँ।

    ❗ पतन व महत्व

    • पतन – नदी-प्रणाली में परिवर्तन, पर्यावरणीय कारण, जलवायु परिवर्तन, संसाधन दबाव।
    • आर्य आक्रमण सिद्धांत अब कमजोर माना जाता है।
    • महत्व – भारतीय नगरीय परंपरा की शुरुआत, व्यापारिक व सांस्कृतिक विरासत की मजबूत नींव।

    Part 3 : Previous Year One-Liner Questions (Show / Hide Answer)

    नीचे दिए गए प्रश्न विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के पैटर्न पर आधारित हैं। “उत्तर देखें” पर क्लिक करते ही उत्तर के साथ छोटा सा Explanation भी दिखाई देगा।

    Q1. सिंधु घाटी सभ्यता को प्रायः किस नाम से जाना जाता है?
    उत्तर: हड़प्पा सभ्यता।
    Explanation: हड़प्पा इस सभ्यता का पहला खोजा गया नगर था, इसलिए इसे Harappan Civilization भी कहा जाता है।
    Q2. हड़प्पा स्थल की खोज किसने की थी?
    उत्तर: दयाराम साहनी।
    Explanation: 1921 ई. में दयाराम साहनी ने हड़प्पा की खुदाई की, जिससे इस सभ्यता के अस्तित्व का पता चला।
    Q3. मोहनजोदाड़ो की खुदाई से प्राप्त प्रसिद्ध स्नानागार को क्या कहा जाता है?
    उत्तर: महान स्नानागार (Great Bath)।
    Explanation: यह ईंटों से बना बड़ा जलाशय था, जिसे धार्मिक / सामाजिक अनुष्ठानों से जोड़ा जाता है।
    Q4. कांस्य निर्मित ‘नर्तकी’ की प्रसिद्ध मूर्ति किस स्थल से मिली?
    उत्तर: मोहनजोदाड़ो।
    Explanation: यह मूर्ति सिंधु धातु-शिल्प की उच्चता और सौंदर्य-बोध का प्रतीक मानी जाती है।
    Q5. ‘पुजारी’ या ‘दाढ़ी वाले पुरुष’ की प्रसिद्ध मूर्ति किस स्थल से प्राप्त हुई?
    उत्तर: मोहनजोदाड़ो।
    Explanation: यह पत्थर की मूर्ति है, जिसमें व्यक्ति ने डिज़ाइनदार चोगा पहना है, जो उच्च वर्ग या पुरोहित का प्रतीक मानी जाती है।
    Q6. धोलावीरा किस आधुनिक राज्य में स्थित एक प्रमुख हड़प्पा स्थल है?
    उत्तर: गुजरात (कच्छ)।
    Explanation: धोलावीरा कच्छ जिले में स्थित है और अपने तीन भागों वाले नगर एवं जल-संचयन व्यवस्था के लिए प्रसिद्ध है।
    Q7. किस स्थल से सिंधु सभ्यता के समुद्री व्यापार का प्रमाणस्वरूप गोदी/बंदरगाह मिला?
    उत्तर: लोथल।
    Explanation: लोथल (गुजरात) से प्राप्त गोदी संरचना सिंधु सभ्यता के समुद्री व्यापार की महत्वपूर्ण साक्ष्य है।
    Q8. कालीबंगा स्थल विशेष रूप से किस प्रमाण के लिए प्रसिद्ध है?
    उत्तर: हल की जुताई के निशान।
    Explanation: कालीबंगा (राजस्थान) के खेतों में दोहरी जुताई के निशान पाए गए, जो उन्नत कृषि-तकनीक दर्शाते हैं।
    Q9. सिंधु सभ्यता में प्रचलित ईंटों का सामान्य अनुपात क्या था?
    उत्तर: 1 : 2 : 4।
    Explanation: ईंटों के मानकीकरण से पूरे क्षेत्र में निर्माण तकनीक की एकरूपता का पता चलता है।
    Q10. सिंधु सभ्यता की लिपि किस दिशा से लिखी जाने की संभावना अधिक मानी जाती है?
    उत्तर: दाएँ से बाएँ।
    Explanation: मुहरों के अन्वेषण से लिपि के दिशा-निर्धारण का अनुमान लगाया गया है, पर लिपि अभी भी अपठनीय है।
    Q11. मेसोपोटामिया के अभिलेखों में भारत क्षेत्र को किस नाम से संबोधित किया गया है?
    उत्तर: मेलुह्हा (Meluhha)।
    Explanation: यह नाम प्राचीन सुमेरियाई अभिलेखों में आता है और इसे सिंधु घाटी क्षेत्र से जोड़ा जाता है।
    Q12. किस स्थल से सबसे बड़ा हड़प्पाई शिलालेख/लेखन पट्ट प्राप्त हुआ है?
    उत्तर: धोलावीरा।
    Explanation: धोलावीरा से प्राप्त बड़े आकार का अभिलेख किसी भवन पर लगाया गया बोर्ड जैसा माना जाता है।
    Q13. भारत में वर्तमान समय का सबसे बड़ा हड़प्पा स्थल कौन-सा माना जाता है?
    उत्तर: राखीगढ़ी (हरियाणा)।
    Explanation: हाल की खुदाइयों के बाद राखीगढ़ी को क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा भारतीय हड़प्पा स्थल माना जाता है।
    Q14. सिंधु सभ्यता में प्रचलित प्रमुख धातु संयोजन कौन-सा था?
    उत्तर: कांस्य (ताँबा + टिन)।
    Explanation: लौह के प्रयोग के साक्ष्य नगण्य हैं; इसलिए इसे Bronze Age Civilization कहा जाता है।
    Q15. सिंधु सभ्यता की मुहरों पर सबसे अधिक किस पशु की आकृति मिलती है?
    उत्तर: एक-सींग वाला बैल (Unicorn Bull)।
    Explanation: वास्तविकता में यह पशु नहीं था; संभवतः प्रतीकात्मक या मिथकीय रूप था।
    Q16. कालीबंगा किस नदी के तट पर स्थित हड़प्पा स्थल है?
    उत्तर: घग्घर (संभावित सरस्वती)।
    Explanation: राजस्थान में स्थित कालीबंगा सिंधु-सरस्वती क्षेत्र के महत्वपूर्ण स्थलों में से एक है।
    Q17. ‘फैयेंस’ (Faience) किस प्रकार की सामग्री है, जिसका प्रयोग हड़प्पाई गहनों में होता था?
    उत्तर: चमकीला कृत्रिम पत्थर जैसा पदार्थ।
    Explanation: यह रंगीन, चमकदार पदार्थ था जिसका उपयोग मोती व सजावटी वस्तुओं में होता था।
    Q18. किस हड़प्पा स्थल से ‘अग्निकुण्ड’ और वेदियों के अच्छे प्रमाण मिले हैं?
    उत्तर: कालीबंगा और लोथल (कुछ प्रमाण)।
    Explanation: अग्निकुण्ड यज्ञ-सदृश धार्मिक अनुष्ठानों की ओर संकेत करते हैं।
    Q19. सिंधु सभ्यता की अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार क्या था?
    उत्तर: कृषि तथा व्यापार।
    Explanation: कृषि के साथ-साथ शिल्प एवं बाहरी व्यापार ने इस सभ्यता को समृद्ध बनाया।
    Q20. निम्न में से किस धातु का प्रयोग हड़प्पाई लोगों द्वारा लगभग नहीं किया जाता था? (क) तांबा (ख) सोना (ग) लोहा (घ) चाँदी
    उत्तर: लोहा।
    Explanation: हड़प्पा सभ्यता लौह-पूर्व (Pre-Iron) सभ्यता मानी जाती है, लौह-उपकरणों के प्रमाण लगभग नहीं मिलते।
    Q21. कौन-सा हड़प्पा स्थल उत्तर प्रदेश में स्थित है और सभ्यता के पूर्वी विस्तार का संकेत देता है?
    उत्तर: आलमगीरपुर।
    Explanation: मेरठ के निकट स्थित आलमगीरपुर सभ्यता की पूर्वी सीमा का प्रमुख स्थल है।
    Q22. सिंधु सभ्यता के लोगों का मुख्य भवन निर्माण सामग्री क्या थी?
    उत्तर: पक्की ईंटें।
    Explanation: शहरों में अधिकांश भवन पक्की ईंटों से बने थे; कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में कच्ची ईंटें भी।
    Q23. “No temple, no palace, no clear army” वाली विशेषता किस सभ्यता पर अधिक लागू होती है?
    उत्तर: सिंधु घाटी सभ्यता।
    Explanation: यहाँ विशाल राजमहल या मंदिरों के स्पष्ट अवशेष नहीं मिलते, जो इसे अन्य समकालीन सभ्यताओं से अलग बनाता है।
    Q24. जिस मुहर पर त्रिमुखी पुरुष, चारों ओर पशु और नीचे चिह्न बने हैं, उसे विद्वान किस देवता से जोड़ते हैं?
    उत्तर: पशुपति महादेव (प्रारंभिक शिव रूप)।
    Explanation: स्थिति निश्चित नहीं, पर यह मुहर बाद के शिव-पशुपति रूप से साम्य रखती है।
    Q25. हड़प्पा सभ्यता के लोगों की प्रमुख फसलें कौन-सी थीं?
    उत्तर: गेहूँ और जौ।
    Explanation: इन फसलों के अधिक प्रमाण अनाज-कोठारों व अवशेषों से मिले हैं।
    Q26. “सिंधु सभ्यता की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि” किसे माना जाता है?
    उत्तर: नगर नियोजन एवं जल-निकासी व्यवस्था।
    Explanation: इतनी प्राचीन सभ्यता में आधुनिक स्तर की drainage system अद्वितीय है।
    Q27. सिंधु सभ्यता के पतन के मुख्य कारणों में आज प्रचलित मत किस पर अधिक बल देता है?
    उत्तर: पर्यावरणीय व जलवायु परिवर्तन, नदी-प्रणाली में बदलाव।
    Explanation: आर्य आक्रमण का सिद्धांत अब पर्याप्त प्रमाणों के अभाव में कमजोर माना जाता है।
    Q28. सिंधु सभ्यता में शहरी जीवन की नियोजन-तकनीक से क्या निष्कर्ष निकलता है?
    उत्तर: सशक्त एवं संगठित प्रशासनिक व्यवस्था।
    Explanation: मानकीकृत ईंट, समान योजना, जल-निकासी आदि बिना मजबूत शासन के संभव नहीं।
    Q29. किस स्थल से मिट्टी से बनी ‘मातृदेवी’ की सबसे अधिक मूर्तियाँ मिली हैं?
    उत्तर: विभिन्न स्थलों से, विशेषकर मोहनजोदाड़ो व हड़प्पा।
    Explanation: मातृदेवी की मूर्तियाँ उर्वरता / प्रजनन पूजा को दर्शाती हैं।
    Q30. सिंधु सभ्यता के संदर्भ में ‘Chess-board like pattern’ वाला गोदाम किस स्थल से संबंधित है?
    उत्तर: लोथल।
    Explanation: लोथल के गोदाम में कक्षों की संरचना शतरंज की बिसात जैसी दिखाई देती है।
    Q31. सिंधु सभ्यता में माप–तौल के लिए किनका प्रयोग किया जाता था?
    उत्तर: पत्थर के मानकीकृत बाट और माप-पट्टियाँ।
    Explanation: अलग-अलग आकार के लेकिन निर्धारित अनुपात वाले बाट मिले हैं, जो विकसित व्यापार का संकेत हैं।
    Q32. किस स्थल से ‘कुत्ते को बांधे हुए आदमी’ का खिलौना मिला है, जो पालतू पशु-पालन की ओर संकेत करता है?
    उत्तर: मोहनजोदाड़ो।
    Explanation: मिट्टी के खिलौने हड़प्पाई लोगों के रोज़मर्रा के जीवन की झलक देते हैं।
    Q33. हड़प्पा सभ्यता में प्रयुक्त अधिकांश मुहरें किस पत्थर से निर्मित थीं?
    उत्तर: स्टियाटाइट (soapstone)।
    Explanation: इसे पहले नर्म अवस्था में खोदकर बाद में पकाया जाता था जिससे यह कठोर हो जाता था।
    Q34. किस स्थल से सबसे प्राचीन ज्ञात ‘जलाशय प्रणाली’ व Reservoirs मिले हैं, जो जल-संचयन की उन्नत तकनीक दिखाते हैं?
    उत्तर: धोलावीरा।
    Explanation: यहाँ बड़े-बड़े टैंक, नहरें और नालियाँ जल संग्रह के लिए बनाई गई थीं।
    Q35. क्या हड़प्पा लोगों को घोड़े की जानकारी थी?
    उत्तर: स्पष्ट नहीं; कुछ विवादित प्रमाण हैं।
    Explanation: कुछ स्थलों से घोड़े जैसी अस्थियाँ मिली हैं, पर विद्वानों में सर्वसम्मति नहीं है।
    Q36. हड़प्पा सभ्यता की आर्थिक वाणिज्यिक प्रकृति को किस शब्द से अभिव्यक्त किया जा सकता है?
    उत्तर: शहरी–व्यापारी (Urban-Commercial)।
    Explanation: विकसित शिल्प, व्यापार और नगरों की बहुलता इसके शहरी-व्यापारी स्वरूप को दर्शाती है।
    Q37. सिंधु सभ्यता की तिथियाँ निर्धारित करने में किस वैज्ञानिक विधि का विशेष योगदान है?
    उत्तर: रेडियोकार्बन (C-14) विधि।
    Explanation: जैविक पदार्थों की आयु ज्ञात करने हेतु C-14 का प्रयोग किया गया।
    Q38. निम्न में से किस विशेषता से हड़प्पा लोगों के स्वच्छता-प्रेम की झलक मिलती है?
    उत्तर: घर-घर स्नानघर, शौचालय और नालियों की व्यवस्था।
    Explanation: यह व्यवस्था प्राचीन विश्व की सबसे उन्नत sanitation systems में से एक मानी जाती है।
    Q39. क्या सिंधु सभ्यता के लोग लिपि का प्रयोग व्यापार के अतिरिक्त अन्य प्रयोजनों में भी करते थे?
    उत्तर: संभवतः हाँ, पर स्पष्ट प्रमाण नहीं।
    Explanation: अधिकतर लेखन मुहरों पर, छोटे शिलालेखों में मिला; दीर्घ कथात्मक लेखन अभी तक नहीं मिला है।
    Q40. सिंधु सभ्यता का आधुनिक भारतीय इतिहास लेखन में मुख्य महत्व किस रूप में माना जाता है?
    उत्तर: भारत की प्राचीन नगरीय और सांस्कृतिक परंपरा की प्राचीनतम सशक्त कड़ी।
    Explanation: यह प्रमाणित करती है कि भारत में उन्नत नगर, व्यापार व संस्कृति की परंपरा अत्यंत प्राचीन है।

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