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Slave Dynasty – Ilutmish to Nasir ·
3.1 इल्तुतमिश, रज़िया सुल्तान व नसीरुद्दीन महमूद
⭐ इल्तुतमिश – दिल्ली सल्तनत का असली संस्थापक · तुर्क-ए-चहलियान · सिक्का–खुत्बा · इक्तादारी व्यवस्था
👑 रज़िया सुल्तान व नसीरुद्दीन – संक्रमण काल, बलबन के लिए मार्ग प्रशस्त
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भाग – 1 : विस्तृत स्टडी नोट्स – इल्तुतमिश से नसीरुद्दीन महमूद तक
NCERT Old + New Oriented
🎯 फोकस: Ilutmish as Real Founder, Turkan-e-Chahalgani, Iqta System, Razia Sultan, Nasiruddin + Exam Keywords: Ilutmish Notes in Hindi, Slave Dynasty, Delhi Sultanate.
🧭 1. भूमिका – इल्तुतमिश क्यों “वास्तविक संस्थापक”?
कुतुबुद्दीन ऐबक ने दिल्ली सल्तनत की औपचारिक शुरुआत की,
लेकिन इल्तुतमिश (Ilutmish) ने:
• राजनीतिक स्थिरता • प्रशासनिक ढांचा (इक्तादारी व्यवस्था) • मुद्रा, राजधानी, सल्तनत की अंतरराष्ट्रीय मान्यता को स्थापित कर सल्तनत को साम्राज्य का रूप दिया। इसलिए कई इतिहासकार उसे “Delhi Sultanate का असली संस्थापक” मानते हैं।
• राजनीतिक स्थिरता • प्रशासनिक ढांचा (इक्तादारी व्यवस्था) • मुद्रा, राजधानी, सल्तनत की अंतरराष्ट्रीय मान्यता को स्थापित कर सल्तनत को साम्राज्य का रूप दिया। इसलिए कई इतिहासकार उसे “Delhi Sultanate का असली संस्थापक” मानते हैं।
👤 2. इल्तुतमिश – प्रारंभिक जीवन से सुल्तान तक
🧒 2.1 मूल पृष्ठभूमि
- तुर्क मूल का, बचपन में ही गुलाम (दास) के रूप में बेचा गया।
- धीरे–धीरे दास वर्ग (Slave Elite) में ऊपर उठता गया – उसकी क्षमता और निष्ठा के कारण।
- कुतुबुद्दीन ऐबक ने उसे खरीदा और फिर उच्च अधिकारी के रूप में नियुक्त किया।
⚔️ 2.2 सत्ता का मार्ग
- सल्तनती अभियानों में सक्रिय भाग – विशेषतः उत्तर भारत के क्षेत्रों में।
- ऐबक की मृत्यु (1210) के बाद उत्तराधिकार संघर्ष में धीरे–धीरे उभरा।
- 1211 ई. के आसपास इल्तुतमिश ने दिल्ली का सिंहासन प्राप्त किया और गुलाम वंश का प्रमुख स्तम्भ बना।
🧠
Exam Tip: Ilutmish = Slave to Sultan;
Real Founder of Delhi Sultanate;
Important keyword: “Ilutmish real founder of Delhi Sultanate” (Prelims + Mains दोनों के लिए याद रखें)।
💰 3. सिक्का व खुत्बा – संप्रभुता की पुष्टि
इस्लामी राजनीतिक परंपरा में खुत्बा (जुमे की नमाज़ में नाम) और सिक्का (मुद्रा)
किसी शासक की सार्वभौमिक सत्ता को प्रमाणित करते हैं।
- इल्तुतमिश ने अपने नाम से सिक्के जारी किए – तंगा (Silver Coin) व जिटल (Copper Coin)।
- खुत्बा में अपने नाम का पढ़वाना – दिल्ली सल्तनत की स्वतंत्र पहचान।
- बगदाद के खलीफा से औपचारिक स्वीकृति (Investiture) प्राप्त की – अंतरराष्ट्रीय इस्लामी जगत में वैधता।
📜 4. इक्तादारी व्यवस्था (Iqta System) – प्रशासनिक ढांचा
🏞️ 4.1 इक्ताओं का वितरण
- सल्तनत के क्षेत्रों को इक्ता नामक इकाइयों में बाँटा गया।
- इन्हें इक्तादार नामक अमीरों को सौंपा गया – बदले में वे सेना तैयार करते और कर वसूलते थे।
- इक्तादार का अधिकार अस्थायी व बदली योग्य – ताकि विद्रोह की संभावना कम रहे।
⚖️ 4.2 महत्व
- केंद्र को दूर–दराज क्षेत्रों पर नियंत्रण रखने का प्रभावी साधन मिला।
- सेना के रख–रखाव का बोझ सीधे खजाने पर नहीं, इक्तादारों पर स्थानांतरित हुआ।
- यही प्रणाली आगे चलकर सल्तनत के प्रशासन की रीढ़ बनी।
👥 5. तुर्क-ए-चहलियान (Turkan-e-Chahalgani) – चालीस तुर्क अमीरों का समूह
इल्तुतमिश ने 40 प्रभावशाली तुर्क अमीरों का एक समूह बनाया, जिसे
“तुर्क-ए-चहलियान / चहलगानी (Corp of Forty)” कहा जाता है –
यह सल्तनत की प्रारंभिक राजनीतिक शक्ति–संरचना का मुख्य भाग था।
- ये लोग उच्च पदों, इक्ताओं व सैन्य कमान पर थे।
- शुरुआत में यह समूह इल्तुतमिश का सहायक रहा – कठिन समय में सल्तनत बचाने में मददगार।
- बाद में (विशेषकर रज़िया और नसीरुद्दीन के समय) यही समूह सत्ता–संघर्ष का केंद्र बन गया।
🐎 6. चंगेज़ ख़ाँ और इल्तुतमिश – सावधान कूटनीति
चंगेज़ ख़ाँ के मंगोल आक्रमणों के समय इल्तुतमिश ने
न तो खुला समर्थन दिया, न खुला विरोध – बल्कि संतुलन की कूटनीति अपनाई।
- मंगोल आक्रमण से बचने के लिए ख्वारज़्म के शासक जलालुद्दीन को खुला समर्थन नहीं दिया।
- इस संतुलित नीति के कारण दिल्ली सीधे–सीधे मंगोल आक्रमण का शिकार नहीं बनी।
- यह निर्णय सल्तनत की दीर्घकालिक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
🗼 7. कुतुब मीनार व अन्य निर्माण
- कुतुब मीनार का निर्माण आरंभ कुतुबुद्दीन ऐबक ने किया, पर उसकी ऊपरी मंज़िलें इल्तुतमिश ने पूर्ण करवाईं।
- Quwwat-ul-Islam मस्जिद परिसर का विस्तार, मकबरों व अन्य निर्माण कार्यों को प्रोत्साहन।
- इन निर्माणों ने सल्तनती स्थापत्य–शैली (सल्तनत आर्किटेक्चर) की नींव रखी।
🏙️ 8. दिल्ली – स्थायी राजधानी व प्रशासनिक सुधार
🏛️ 8.1 राजधानी का स्थिरीकरण
- इल्तुतमिश ने दिल्ली को स्पष्ट रूप से सल्तनत की राजधानी के रूप में विकसित किया।
- राजनीतिक, प्रशासनिक व आर्थिक गतिविधियों का केंद्र दिल्ली बना।
💱 8.2 मुद्रा सुधार
- चाँदी के तंगा और ताँबे के जिटल जारी – बाद के शासकों ने भी इन्हें जारी रखा।
- मुद्रा–प्रणाली को अपेक्षाकृत स्थिर व व्यवस्थित रूप दिया।
👑 9. रज़िया सुल्तान – इल्तुतमिश की नामित उत्तराधिकारी
इल्तुतमिश ने अपनी पुत्री रज़िया को उसकी क्षमता के कारण उत्तराधिकारी घोषित किया –
यह निर्णय उस समय के पितृसत्तात्मक समाज में अत्यंत असामान्य था।
- इल्तुतमिश की दृष्टि में रज़िया अपने भाइयों से अधिक सक्षम व योग्य थी।
- तुर्क-ए-चहलियान के कई अमीर महिला शासक के विचार से असहमत थे।
- इल्तुतमिश की मृत्यु (लगभग 1236) के बाद सत्ता–संघर्ष शुरू हुआ।
👸 10. रज़िया सुल्तान – शासन, संघर्ष व पतन
⭐ 10.1 महत्व
- भारत के इतिहास की पहली महिला सुल्तान – केवल “नाम मात्र” नहीं, वास्तविक शासन करने का प्रयास।
- दरबार में सीधा बैठना, परदा–प्रथा से दूरी, स्वयं फैसले लेना – यह सब उस समय असाधारण था।
⚔️ 10.2 संघर्ष व पतन
- तुर्क अमीरों में असंतोष – विशेषतः जमालुद्दीन याकूत (अबीसीनियाई/हब्शी अमीर) के निकट होने के कारण।
- कुछ प्रांतों में विद्रोह, दरबार में षड्यंत्र – अंततः रज़िया को हटाया व मारा गया।
- उसका शासन अल्पकालिक, पर राजनीतिक साहस व लैंगिक बाधाओं को चुनौती देने वाला।
🛡️ 11. नसीरुद्दीन महमूद – कठपुतली सुल्तान
रज़िया के बाद सल्तनत कुछ समय के लिए अस्थिर रही।
अन्ततः नसीरुद्दीन महमूद के शासनकाल में वास्तविक सत्ता उसके वज़ीर – बलबन के हाथ में आ गई।
यही आगे चलकर 3.2 (बलबन) का आधार बनेगा।
- नसीरुद्दीन स्वयं धार्मिक स्वभाव का, किताबों व इबादत में समय बिताने वाला शासक बताया जाता है।
- प्रशासनिक, सैन्य और दरबारी निर्णय मुख्यतः घiyas-ud-din Balban द्वारा लिए जाते थे।
- इस अवधि में तुर्क अमीरों का प्रभाव बना रहा, पर धीरे–धीरे बलबन प्रमुख बनकर उभरा।
📘 12. समग्र निष्कर्ष – इल्तुतमिश से नसीरुद्दीन तक
इल्तुतमिश ने दिल्ली सल्तनत को संरचना व आधार दिया,
रज़िया ने उस संरचना में राजनीतिक प्रयोग किए,
और नसीरुद्दीन के समय से बलबन जैसी सशक्त केंद्रीय सत्ता के लिए जमीन तैयार हुई।
यही क्रम गुलाम वंश को अराजक से संगठित दिशा की ओर ले जाता है।
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Mains सार:
“Ilutmish, Razia और Nasiruddin के शासनकाल को मिलाकर देखें तो Delhi Sultanate की प्रारंभिक समस्याएँ – वैधता, प्रशासन, उत्तराधिकार, अमीरों का प्रभाव – सब स्पष्ट होती हैं, और बलबन की सख्त ‘केन्द्रीयता’ की भूमिका समझ में आती है।”
“Ilutmish, Razia और Nasiruddin के शासनकाल को मिलाकर देखें तो Delhi Sultanate की प्रारंभिक समस्याएँ – वैधता, प्रशासन, उत्तराधिकार, अमीरों का प्रभाव – सब स्पष्ट होती हैं, और बलबन की सख्त ‘केन्द्रीयता’ की भूमिका समझ में आती है।”
Ilutmish Notes in Hindi
Slave Dynasty – Ilutmish
Turkan-e-Chahalgani
Razia Sultan Facts
Nasiruddin Mahmud & Balban
Delhi Sultanate Real Founder
⚡
भाग – 2 : त्वरित पुनरावृत्ति – इल्तुतमिश, रज़िया व नसीरुद्दीन (3–4 मिनट में)
Hindi Smart Recap
⚡ UPSC, State PCS, RO/ARO, UPSSSC, Police & All Exams के लिए High–Yield Summary।
1️⃣ इल्तुतमिश – Real Founder
- गुलाम से सुल्तान – Slave to Sultan journey।
- Delhi Sultanate की राजनीतिक–प्रशासनिक नींव उसी ने मजबूत की।
- इक्तादारी व्यवस्था, सिक्का–खुत्बा, राजधानी स्थिरीकरण = Key pillars।
2️⃣ Iqta System & Chahalgani
- इक्तादारों को क्षेत्र, बदले में सेना व कर–व्यवस्था की जिम्मेदारी।
- तुर्क-ए-चहलियान = 40 तुर्क अमीरों का Powerful group।
- शुरू में सहायक, बाद में शक्ति–संघर्ष का केंद्र।
3️⃣ सिक्का, खुत्बा, खलीफा मान्यता
- अपने नाम से तंगा व जिटल जारी – Currency Reform।
- खुत्बा में नाम – Political Sovereignty।
- बगदाद खलीफा से पत्र–द्वारा वैधता – International Islamic World में स्थान।
4️⃣ Razia Sultan – पहली महिला सुल्तान
- इल्तुतमिश ने रज़िया को उत्तराधिकारी बनाया – क्षमता के आधार पर।
- तुर्क अमीरों का विरोध, दरबारी षड्यंत्र, जमालुद्दीन याकूत प्रकरण।
- शासन अल्प, पर महत्व बहुत – Gender barrier तोड़ने वाली शासक।
5️⃣ Nasiruddin – Puppet Phase
- धार्मिक स्वभाव; वास्तविक सत्ता वज़ीर बलबन के हाथ में।
- Saltnat में “बाहरी तौर पर शांति, अंदर Power shifts” का समय।
- यही समय बलबन के मजबूत होने का आधार बनता है।
6️⃣ Overall Theme
- Ilutmish = Structure, Razia = Experiment, Nasiruddin = Transition to Balban.
- Early Slave Dynasty = संघर्ष: अमीर vs सुल्तान, बाहरी खतरा vs आंतरिक स्थिरता।
Ilutmish Quick Revision
Razia Sultan Summary
Nasiruddin Mahmud Short Notes
Slave Dynasty Revision
❓
भाग – 3 : PYQ / One-liners – इल्तुतमिश, रज़िया व नसीरुद्दीन (Show / Hide Answer)
40 High Yield Qs
फोकस: इल्तुतमिश real founder, Turkan-e-Chahalgani, Iqta, Razia, Nasiruddin, coins, Khutba, Khilafat recognition –
Testbook level one-liners + हल्का सा विस्तार ताकि याद पक्का हो।
Q1. Delhi Sultanate का “वास्तविक संस्थापक” किसे माना जाता है? 👁️Show / Hide
उत्तर: इल्तुतमिश।
Q2. किस सुल्तान ने अपने नाम से सिक्का (तंगा, जिटल) और खुत्बा चलाकर संप्रभुता स्थापित की? 👁️Show / Hide
उत्तर: इल्तुतमिश।
Q3. “तुर्क-ए-चहलियान” या “चहलगानी” किसके समय बना शक्तिशाली अमीर समूह था? 👁️Show / Hide
उत्तर: इल्तुतमिश के समय।
Q4. इक्तादारी व्यवस्था (Iqta System) को व्यवस्थित रूप देने का श्रेय किसे जाता है? 👁️Show / Hide
उत्तर: इल्तुतमिश।
Q5. दिल्ली सल्तनत की राजधानी के रूप में “दिल्ली” को स्पष्ट रूप से किस सुल्तान ने स्थापित किया? 👁️Show / Hide
उत्तर: इल्तुतमिश।
Q6. कुतुब मीनार की ऊपरी मंज़िलों को किस सुल्तान ने पूर्ण कराया? 👁️Show / Hide
उत्तर: इल्तुतमिश।
Q7. किस सुल्तान को बगदाद के खलीफा से औपचारिक मान्यता (Investiture) प्राप्त हुई? 👁️Show / Hide
उत्तर: इल्तुतमिश।
Q8. चंगेज़ ख़ाँ के आक्रमणों के समय इल्तुतमिश की नीति कैसी थी – खुला विरोध या संतुलन? 👁️Show / Hide
उत्तर: संतुलन की नीति (Balanced Diplomacy)।
Q9. इल्तुतमिश ने किसे अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था? 👁️Show / Hide
उत्तर: रज़िया (Razia Sultan)।
Q10. भारत की पहली महिला सुल्तान किसे माना जाता है? 👁️Show / Hide
उत्तर: रज़िया सुल्तान।
Q11. रज़िया सुल्तान के शासनकाल में किस अमीर के साथ निकटता को लेकर विवाद रहा? 👁️Show / Hide
उत्तर: जमालुद्दीन याकूत।
Q12. किस सुल्तान के बारे में कहा जाता है कि वह अधिक समय इबादत, नमाज़ और धार्मिक कार्यों में बिताता था और वास्तविक सत्ता वज़ीर के पास थी? 👁️Show / Hide
उत्तर: नसीरुद्दीन महमूद।
Q13. नसीरुद्दीन महमूद के समय वास्तविक सत्ता किसके हाथ में थी (जो आगे चलकर सुल्तान बना)? 👁️Show / Hide
उत्तर: ग़ियासुद्दीन बलबन।
Q14. तुर्क-ए-चहलियान (Chahalgani) समूह आगे चलकर किस सुल्तान के समय कठोर रूप से तोड़ा गया? 👁️Show / Hide
संकेत: बलबन (विषय 3.2) – पर इसकी जड़ें इल्तुतमिश के समय बनी थीं।
Q15. किस सुल्तान के समय Slave Dynasty को “संरचना व आधार” मिला – न कि केवल नाम मात्र की सत्ता? 👁️Show / Hide
उत्तर: इल्तुतमिश।
Q16. इल्तुतमिश का मूल status क्या था?👁️Show
उत्तर: गुलाम (Slave) से ऊपर उठकर सुल्तान।
Q17. इक्ता किसे कहते हैं?👁️Show
उत्तर: शासन द्वारा किसी अमीर या अधिकारी को दिया गया कर–उपज वाला क्षेत्र, बदले में सैन्य व प्रशासनिक सेवा।
Q18. तंगा किस धातु का सिक्का था?👁️Show
उत्तर: चाँदी (Silver)।
Q19. जिटल किस धातु का सिक्का था?👁️Show
उत्तर: ताँबा (Copper)।
Q20. इल्तुतमिश ने किस बाहरी शक्ति से प्रत्यक्ष टकराव से बचने की नीति अपनाई?👁️Show
उत्तर: मंगोल (चंगेज़ ख़ाँ)।
Q21. किस शासक ने रज़िया को उत्तराधिकारी घोषित किया?👁️Show
उत्तर: इल्तुतमिश।
Q22. रज़िया का शासनकाल छोटा था या बड़ा?👁️Show
उत्तर: छोटा, पर राजनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण।
Q23. नसीरुद्दीन महमूद किस वंश का शासक था?👁️Show
उत्तर: गुलाम वंश (Slave Dynasty)।
Q24. क्या नसीरुद्दीन महमूद को “कठपुतली सुल्तान” कहा जा सकता है?👁️Show
उत्तर: हाँ, क्योंकि वास्तविक सत्ता वज़ीर बलबन के हाथ में थी।
Q25. तुर्क-ए-चहलियान का अंग्रेज़ी में सामान्य पद क्या है?👁️Show
उत्तर: Corps of Forty (चहलगानी)।
Q26. इल्तुतमिश ने किस क्षेत्र से अपना शासन सबसे अधिक मजबूत किया – पंजाब, बंगाल या दिल्ली?👁️Show
उत्तर: दिल्ली और उसके आसपास का क्षेत्र।
Q27. क्या रज़िया सल्तनत की आधिकारिक/औपचारिक रूप से मान्यता प्राप्त सुल्तान थी या केवल रीजेंट?👁️Show
उत्तर: औपचारिक रूप से सुल्तान; सिक्का–खुत्बा के माध्यम से उसकी सत्ता स्वीकार की गई।
Q28. नसीरुद्दीन महमूद के समय Delhi Sultanate में कौन–सा भाव अधिक था – धार्मिकता या सैन्य कठोरता?👁️Show
उत्तर: धार्मिकता; सैन्य–कठोरता बलबन के हाथ में थी (जो अभी वज़ीर था)।
Q29. इल्तुतमिश से पहले Delhi Sultanate को कौन–सा खतरा अधिक था – आंतरिक या बाहरी?👁️Show
संकेत: दोनों; पर इल्तुतमिश ने दोनों मोर्चों पर संतुलन बनाकर सल्तनत को टिकाऊ रूप दिया।
Q30. एक वाक्य में – Ilutmish का सबसे बड़ा योगदान क्या है?👁️Show
Model Line:
“Ilutmish ने Delhi Sultanate को राजनीतिक मान्यता, प्रशासनिक ढांचा और आर्थिक स्थिरता देकर
उसे अस्थायी विजयों से स्थायी राज्य–व्यवस्था में बदला।”
Q31. Ilutmish किस वंश का शासक था?👁️Show
उत्तर: गुलाम वंश (Slave Dynasty)।
Q32. Razia Sultan किस भाषा/लिपि में सिक्का चलाने के लिए जानी जाती है – देवनागरी या अरबी–फ़ारसी?👁️Show
उत्तर: अरबी–फ़ारसी लिपि; पर उसे Female Sultan के रूप में उल्लेख करना महत्वपूर्ण।
Q33. Nasiruddin Mahmud का शासन किसके लिए मार्ग–प्रशस्त करने वाला माना जाता है?👁️Show
उत्तर: बलबन के सशक्त शासन के लिए (3.2 विषय)।
Q34. इक्ता प्रणाली से राज्य को क्या लाभ हुआ?👁️Show
संक्षिप्त उत्तर: दूर–दराज क्षेत्रों पर नियंत्रण, सेना पालन में सुविधा, कर–व्यवस्था में स्थिरता।
Q35. क्या तुर्क-ए-चहलियान का निर्माण पूरी तरह सकारात्मक कदम था?👁️Show
Model Point: शुरुआत में सहायक, पर आगे चलकर सुल्तानों के लिए चुनौती – दोधारी तलवार।
Q36. Non-Exam language में – Ilutmish को किस रूप में याद रखना सबसे सही है?👁️Show
उत्तर: “System Builder of Delhi Sultanate.”
Q37. Razia के पतन का एक सामाजिक कारण?👁️Show
उत्तर: महिला शासक को स्वीकार करने में दरबार व तुर्क अमीरों की अनिच्छा।
Q38. Nasiruddin Mahmud की मुख्य पहचान क्या है – मजबूत शासक या धार्मिक शासक?👁️Show
उत्तर: धार्मिक शासक; मजबूत प्रशासन बलबन ने चलाया।
Q39. Early Slave Dynasty की मुख्य चुनौती क्या थी?👁️Show
Model Point: अमीरों की शक्ति vs केंद्रीय सुल्तानी सत्ता का संघर्ष।
Q40. एक लाइन में – 3.1 (Ilutmish–Razia–Nasir) किस चीज़ की तैयारी है?👁️Show
Model Line:
यह पूरा चरण बलबन के कठोर केंद्रीय शासन (3.2) के लिए राजनीतिक और प्रशासनिक जमीन तैयार करता है।
