5.1 बाबर का भारत आगमन एवं विजय – पानीपत, खानवा, घाघरा के युद्ध, बाबरनामा व प्रारंभिक मुगल सत्ता (UPSC/PCS/RO-ARO/UPSSSC/Police)
“26 में पानी पियो –27 में खाना खायो –28 में चल दियो –29 में घर गयो -30 में मर गयो” ⇒
पानी पियो = पानीपत का युद्ध (1526) • खाना खायो = खानवा का युद्ध (1527) • चल दियो = चंदेरी का युद्ध (1528) • घर गयो = घाघरा का युद्ध (1529) • मर गयो = मृत्यु (1530) यही क्रम अधिकांश MCQs में पूछा जाता है।
बाबर का पूरा नाम ज़हीरुद्दीन मुहम्मद बाबर था। जन्म: 1483 ई., फ़रग़ना (मध्य एशिया)। वंश: पितृ पक्ष से तैमूरी, मातृ पक्ष से चंगेज़ ख़ाँ की वंशावली से जुड़ा। प्रारंभिक जीवन लगातार संघर्ष, फ़रग़ना की गद्दी के लिए झगड़े और उज़्बेकों के आक्रमणों के बीच बीता।
- फ़रग़ना पर अधिकार खोने के बाद बाबर ने काबुल पर अधिकार किया (लगभग 1504 ई.)।
- काबुल को आधार बनाकर उसने भारत की ओर ध्यान देना शुरू किया।
- मध्य एशिया की अस्थिरता के कारण बाबर को स्थिर और समृद्ध क्षेत्र की तलाश थी – भारत आकर्षण का केंद्र बना।
बाबर ने 1519–1524 ई. के बीच भारत की उत्तर–पश्चिमी सीमाओं पर कई बार आक्रमण किए:
- पंजाब क्षेत्र में छापामार शैली के आक्रमण – धन व संसाधन प्राप्त करना मुख्य उद्देश्य।
- लाहौर, सियालकोट आदि क्षेत्रों पर दबाव बनाकर राजनीतिक पृष्ठभूमि तैयार की।
- इस दौरान उसे भारत की समृद्धि, मार्गों और राजनीतिक कमजोरी का प्रत्यक्ष अनुभव मिला।
धीरे–धीरे उसकी योजना “छापामारी” से हटकर “स्थायी विजय” की ओर बढ़ने लगी।
दिल्ली सल्तनत के अंतिम लोधी शासक इब्राहीम लोधी की नीति कठोर व अलोकप्रिय थी।
- अफ़गान अमीरों की शक्ति पर अंकुश, कई पुराने सरदारों का अपमान / पदच्युत।
- पंजाब के राज्यपाल दौलत खाँ लोधी व इब्राहीम के चचेरे भाई आलम खाँ उससे असंतुष्ट थे।
- इन्होंने बाबर को आमंत्रित किया कि वह भारत आए और इब्राहीम लोधी को हटाए।
- कुछ स्रोतों के अनुसार राणा सांगा ने भी अप्रत्यक्ष रूप से बाबर से संपर्क किया।
यही आंतरिक विभाजन आगे चलकर बाबर के लिए सबसे बड़ी ताकत बन गया।
पक्ष: बाबर बनाम इब्राहीम लोधी
- स्थान: पानीपत (हरियाणा) – समतल मैदान, युद्ध के लिए उपयुक्त।
- इब्राहीम की सेना संख्या में बहुत अधिक (हाथियों सहित), परंतु अनुशासन व आधुनिक तकनीक की कमी।
- बाबर के पास सेना संख्या कम, पर तुर्की तोपख़ाना, बंदूकें और तेज़ घुड़सवार सेना थी।
रणनीति:
- अरेबा व्यवस्था – गाड़ियों को रस्सों/तख़्तों से जोड़कर रक्षात्मक दीवार बनाई, जिनके पीछे तोपें व बंदूकची तैनात।
- तुलुग़मा (Tulguhma) – सेना को दाएँ–बाएँ पंखों में बाँटकर शत्रु को किनारों से घेरने की नीति।
- युद्ध की शुरुआत में तोपों की घोर गर्जना से हाथियों और सैनिकों में आतंक फैलाना।
परिणाम: इब्राहीम लोधी युद्ध में मारा गया, उसकी विशाल सेना पराजित हुई, और दिल्ली–आगरा पर बाबर ने अधिकार कर मुगल साम्राज्य की नींव रखी।
पक्ष: बाबर बनाम राणा सांगा (मेवाड़), राजपूत संघ स्थान: खानवा, आगरा के पश्चिम में।
- राणा सांगा उत्तर भारत में राजपूत एकता का प्रतीक था।
- उसे डर था कि बाबर की विजय से राजपूत प्रभुत्व घट जाएगा।
- कई अफ़गान अमीर भी राणा के साथ मिल गए – बाबर के खिलाफ संयुक्त मोर्चा।
- बाबर ने इस युद्ध को “जिहाद” रूप में भी प्रस्तुत किया ताकि सैनिकों में उत्साह बढ़े।
परिणाम: बाबर ने तोपख़ाने व घुड़सवार सेना की मदद से निर्णायक विजय प्राप्त की। राणा सांगा घायल होकर मैदान छोड़ गया। यह विजय बाबर की राजनीतिक स्थिति को कानूनी वैधता देती है – वह केवल “लुटेरा” नहीं, स्थायी बादशाह के रूप में स्थापित होता है।
पक्ष: बाबर बनाम मेदिनी राय (चंदेरी के राजपूत शासक) यह युद्ध खानवा के बाद राजपूत शक्ति को और कमजोर करने के लिए महत्वपूर्ण था।
- मेदिनी राय पहले मालवा सल्तनत से जुड़ा था, बाद में स्वतंत्र शक्ति।
- चंदेरी एक किलाबंद, सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान था।
- बाबर ने किले पर कब्जा किया; कई राजपूतों ने जौहर व शाका किया – यह घटना अक्सर परीक्षाओं में पूछी जाती है।
चंदेरी की विजय के बाद मध्य भारत में बाबर के विरोध की शक्ति काफी हद तक टूट गई।
पक्ष: बाबर बनाम अफ़गान शक्तियाँ (बंगाल–बिहार क्षेत्र) स्थान: घाघरा नदी के किनारे (गंगा–घाघरा संगम क्षेत्र के पास)।
- यह युद्ध अफ़गान प्रतिरोध को समाप्त करने की दिशा में अंतिम कड़ी था।
- बिहार–बंगाल क्षेत्र के अफ़गान सरदार बाबर के विरुद्ध एकत्रित थे।
- बाबर ने नदी–क्षेत्र की परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए सेना की रणनीतिक तैनाती की।
परिणाम: अफ़गान शक्तियाँ पराजित हुईं, गंगा–घाघरा क्षेत्र पर बाबर का प्रभाव स्थापित हुआ, और उत्तर भारत में मुगल सत्ता की पकड़ मजबूत हो गई।
“तुझुक–ए–बाबरी” या बाबरनामा बाबर की आत्मकथा है।
- मूल भाषा: तुर्की (चगताई तुर्की) – यह भी MCQ में पूछा जाता है।
- बाबर ने इसमें अपने जीवन, युद्धों, प्रकृति, जन–जीवन और राजनीति का वर्णन किया है।
- बाबर की लेखन–शैली सरल, सजीव और आत्मनिरीक्षणपूर्ण मानी जाती है।
- बाद में इसका फ़ारसी अनुवाद भी हुआ, जो मुगल दरबार में प्रचलित रहा।
इतिहासकारों के लिए यह ग्रंथ प्राथमिक स्रोत (Primary Source) माना जाता है।
बाबर का शासनकाल भारत में बहुत लंबा नहीं रहा (1526–1530), फिर भी उसने:
- लोधी वंश का अंत करके दिल्ली–आगरा पर मुगल सत्ता स्थापित की।
- राजपूत–अफ़गान संयुक्त विरोध (खानवा, चंदेरी, घाघरा) को परास्त किया।
- तोपख़ाना, बंदूक और घुड़सवार रणनीति को भारतीय युद्ध–कला में स्थापित किया।
- अपने पुत्र हुमायूँ के लिए एक स्थायी आधार–क्षेत्र छोड़कर गया।
इसलिए बाबर को भारतीय इतिहास में मुगल साम्राज्य का “वास्तविक संस्थापक” माना जाता है।
- भारत में आंतरिक विभाजन – अफ़गान अमीरों व इब्राहीम लोधी के बीच संघर्ष।
- राजपूतों और अफ़गानों का आपसी अविश्वास – साझा मोर्चा देर से और कमज़ोर बना।
- बाबर की व्यक्तिगत नेतृत्व क्षमता, अनुशासन और आधुनिक युद्ध–तकनीक।
- तोपख़ाना, मुस्कट (बारूद–आधारित हथियार) और तेज़ घुड़सवार सेना का बेहतर उपयोग।
- युद्ध–क्षेत्र का सही चुनाव (जैसे पानीपत) और “तुलुग़मा–अरेबा” जैसी रणनीतियाँ।
परीक्षा से ठीक पहले 5–7 मिनट में पूरा टॉपिक कवर करने के लिए यह सेक्शन तैयार किया गया है। 2–3 बार दोहराने से Babur – Panipat–Khanwa–Ghaghra से जुड़े अधिकांश प्रश्न कवर हो जाते हैं।
- भारत में बाबर का शासनकाल: 1526–1530 ई.
- प्रथम पानीपत युद्ध: 1526 – इब्राहीम लोधी पर विजय
- खानवा युद्ध: 1527 – राणा सांगा पर विजय
- चंदेरी युद्ध: 1528 – मेदिनी राय पर विजय
- घाघरा युद्ध: 1529 – अफ़गान शक्तियों पर विजय
- पन = पानीपत (1526)
- खा = खानवा (1527)
- चं = चंदेरी (1528)
- घा = घाघरा (1529)
- इब्राहीम लोधी बनाम बाबर
- बाबर – कम संख्या, पर आधुनिक तोपख़ाना
- इब्राहीम – बड़ी सेना व हाथी, पर रणनीति कमज़ोर
- रणनीति: अरेबा + तुलुग़मा
- परिणाम: लोधी शासन व दिल्ली सल्तनत का अंत, मुगल सत्ता की स्थापना
- राणा सांगा – राजपूत एकता का प्रतीक
- अफ़गान–राजपूत संयुक्त मोर्चा
- बाबर की तोपख़ाना–रणनीति फिर सफल
- बाबर ने इसे “धार्मिक संघर्ष” के रूप में भी प्रस्तुत किया
- परिणाम: बाबर की वैधता व स्थायित्व मजबूत
- चंदेरी (1528) – मेदिनी राय पर विजय
- जौहर–शाका का उल्लेख – परीक्षाओं में पूछा जाता है
- घाघरा (1529) – अफ़गान शक्तियाँ पराजित
- गंगा–घाघरा क्षेत्र पर मुगल पकड़ मजबूत
- आत्मकथा – तुर्की (चगताई) भाषा में
- बाद में फ़ारसी अनुवाद
- प्रकृति, युद्ध, समाज का सजीव वर्णन
- प्राथमिक ऐतिहासिक स्रोत
- तोपख़ाने व बंदूक का सुनियोजित उपयोग
- तेज़ घुड़सवार सेना, तुर्की–मंगोल परंपरा
- तुलुग़मा – किनारों से घेराबंदी
- अरेबा – गाड़ियों की रक्षात्मक पंक्ति
- मुगल साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक
- अफ़गान–लोधी सत्ता का अंत
- राजपूत–अफ़गान चुनौती पर विजय
- हुमायूँ के लिए मजबूत आधार–क्षेत्र
- हर युद्ध के लिए – वर्ष + प्रतिद्वंदी + परिणाम याद करें।
- “Language of Baburnama?” सवाल लगभग हर स्तर के Exam में पूछा जा चुका है।
- Chronological प्रश्न – अक्सर 4 युद्धों के क्रम पूछे जाते हैं।
1. बाबर मूल रूप से किस क्षेत्र का शासक था? 👁️ उत्तर देखें
व्याख्या: बाबर का जन्म 1483 ई. में मध्य एशिया के फ़रग़ना राज्य में हुआ था। यहीं की गद्दी के संघर्षों के कारण वह आगे चलकर काबुल और फिर भारत की ओर आया।
2. वंश की दृष्टि से बाबर किन दो प्रसिद्ध विजेताओं से जुड़ा था? 👁️ उत्तर देखें
व्याख्या: बाबर पितृ पक्ष से तैमूर और मातृ पक्ष से चंगेज़ ख़ाँ की वंशावली से जुड़ा था; इसी से उसकी वैधता और राजनीतिक प्रतिष्ठा बढ़ जाती है।
3. भारत पर “स्थायी विजय” की योजना बाबर ने लगभग कब से बनानी शुरू की? 👁️ उत्तर देखें
व्याख्या: 1519–1524 के बीच पंजाब पर छापामार आक्रमणों और लोधी विरोधी अमीरों के आमंत्रण के बाद बाबर ने भारत में स्थायी शासन की योजना बनाई।
4. प्रथम पानीपत का युद्ध किस तिथि को लड़ा गया? 👁️ उत्तर देखें
व्याख्या: यह युद्ध बाबर और इब्राहीम लोधी के बीच लड़ा गया, जिसने दिल्ली सल्तनत के अंत और मुगल सत्ता की शुरुआत का मार्ग प्रशस्त किया।
5. प्रथम पानीपत के युद्ध में बाबर का प्रमुख प्रतिद्वंदी कौन था? 👁️ उत्तर देखें
व्याख्या: इब्राहीम लोधी दिल्ली सल्तनत का अंतिम लोधी सुल्तान था। उसकी मृत्यु के साथ लोधी वंश और पुरानी सल्तनत व्यवस्था दोनों समाप्त हो गईं।
6. पानीपत के युद्ध में बाबर की सबसे बड़ी सैन्य विशेषता क्या थी? 👁️ उत्तर देखें
व्याख्या: भारतीय सेनाएँ परंपरागत थीं, जबकि बाबर ने तुर्की शैली की तोपें और मुस्कटधारी सेना का योजनाबद्ध उपयोग कर युद्ध की दिशा बदल दी।
7. “तुलुग़मा” किस प्रकार की सैन्य रणनीति थी? 👁️ उत्तर देखें
व्याख्या: इसमें सेना के भागों को पंखों में बाँटकर इस प्रकार चलाया जाता था कि वे सीधे टकराने के बजाय शत्रु को चारों ओर से घेर लें; यह रणनीति पानीपत व खानवा दोनों में उपयोग हुई।
8. “अरेबा व्यवस्था” का प्रयोग बाबर ने क्यों किया? 👁️ उत्तर देखें
व्याख्या: गाड़ियों को रस्सों व तख़्तों से जोड़कर एक किलेबंद रेखा बनाई गई, जिसके पीछे तोपें व बंदूकची सुरक्षित रहकर लगातार गोलाबारी कर सकते थे।
9. प्रथम पानीपत के युद्ध के बाद बाबर ने किन दो प्रमुख नगरों पर अधिकार किया? 👁️ उत्तर देखें
व्याख्या: इन दोनों नगरों पर अधिकार से बाबर को राजनीतिक–प्रशासनिक और आर्थिक दृष्टि से एक मजबूत आधार–क्षेत्र प्राप्त हुआ।
10. खानवा के युद्ध (1527) में बाबर का मुख्य प्रतिद्वंदी कौन था? 👁️ उत्तर देखें
व्याख्या: राणा सांगा उस समय राजपूत शक्ति का केन्द्रीय नेता था, जिसने बाबर के विरुद्ध व्यापक मोर्चा खड़ा किया।
11. खानवा का युद्ध किस वर्ष और कहाँ लड़ा गया? 👁️ उत्तर देखें
व्याख्या: स्थान याद रखना महत्वपूर्ण है, क्योंकि कई बार पानीपत, खानवा, चंदेरी, घाघरा के स्थान–मिलान वाले प्रश्न पूछे जाते हैं।
12. खानवा के युद्ध से पहले बाबर ने अपनी सेना को प्रेरित करने के लिए क्या किया? 👁️ उत्तर देखें
व्याख्या: इससे सैनिकों में मनोवैज्ञानिक उत्साह और धार्मिक जोश पैदा हुआ, जो युद्ध में मनोबल बढ़ाने की रणनीति थी।
13. खानवा के बाद बाबर ने स्वयं को किस विशेष उपाधि से जोड़ा? 👁️ उत्तर देखें
व्याख्या: खानवा की विजय के बाद बाबर ने स्वयं को “ग़ाज़ी” मानते हुए इस युद्ध को ईमान की रक्षा का संघर्ष भी बताया।
14. चंदेरी का युद्ध (1528) किस राजपूत शासक के विरुद्ध लड़ा गया? 👁️ उत्तर देखें
व्याख्या: मेदिनी राय मध्य भारत में एक महत्त्वपूर्ण राजपूत शक्ति था; उसकी पराजय से खानवा के बाद शेष राजपूत विरोध भी काफी कमज़ोर पड़ गया।
15. चंदेरी की घेराबंदी के साथ किस घटना का विशेष उल्लेख मिलता है? 👁️ उत्तर देखें
व्याख्या: परंपरा के अनुसार महिलाओं ने जौहर किया और योद्धाओं ने अंतिम क्षण तक लड़ते हुए शाका किया; यह घटना परीक्षाओं में “किस युद्ध से संबंधित?” रूप में पूछी जाती है।
16. घाघरा का युद्ध किस वर्ष लड़ा गया और इसका मुख्य प्रतिद्वंदी वर्ग कौन था? 👁️ उत्तर देखें
व्याख्या: घाघरा में बाबर ने अफ़गान शक्तियों को परास्त कर गंगा–घाघरा क्षेत्र पर मुगल सत्ता की पकड़ मजबूत की।
17. प्रथम पानीपत, खानवा, चंदेरी और घाघरा – इन चारों युद्धों का क्रम याद रखने की लोकप्रिय ट्रिक क्या है? 👁️ उत्तर देखें
व्याख्या: पन = पानीपत (1526), खा = खानवा (1527), चं = चंदेरी (1528), घा = घाघरा (1529); Chronology आधारित प्रश्नों के लिए यह ट्रिक बहुत उपयोगी है।
18. बाबरनामा किस प्रकार का साहित्यिक/ऐतिहासिक ग्रंथ है? 👁️ उत्तर देखें
व्याख्या: इसमें बाबर ने अपने जीवन, युद्धों, प्रकृति, समाज, नगरों आदि का प्रत्यक्ष वर्णन किया है, जो इतिहासकारों के लिए अत्यंत विश्वसनीय सामग्री देता है।
19. बाबरनामा मूल रूप से किस भाषा में लिखा गया था? 👁️ उत्तर देखें
व्याख्या: बाद में इसका फ़ारसी अनुवाद हुआ, जो मुगल दरबार में प्रचलित रहा; परीक्षा में “भाषा” पर आधारित प्रश्न अक्सर पूछा जाता है।
20. भारत में बाबर का शासनकाल लगभग कितने समय तक रहा? 👁️ उत्तर देखें
व्याख्या: कम समय में ही उसने मुगल शासन की नींव मज़बूत कर दी और अपने उत्तराधिकारी हुमायूँ के लिए आधार तैयार किया।
21. प्रथम पानीपत के युद्ध का सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक परिणाम क्या माना जाता है? 👁️ उत्तर देखें
व्याख्या: इस युद्ध के बाद दिल्ली–आगरा क्षेत्र पर बाबर की सत्ता स्थापित हुई, जो आगे चलकर विस्तृत मुगल साम्राज्य की बुनियाद बनी।
22. बाबर की सफलता का एक प्रमुख कारण भारतीय पक्ष की कौन–सी कमजोरी थी? 👁️ उत्तर देखें
व्याख्या: अफ़गान सरदारों, इब्राहीम लोधी और राजपूतों के बीच एकता का अभाव था; कई भारतीय शक्तियों ने ही बाबर को आमंत्रित किया।
23. बाबर को भारत आने का आमंत्रण देने वाले प्रमुख लोधी सरदारों के नाम क्या थे? 👁️ उत्तर देखें
व्याख्या: ये दोनों इब्राहीम लोधी से अत्यधिक असंतुष्ट थे और बाबर को बुलाकर उसे दिल्ली की गद्दी दिलाने की योजना बना रहे थे।
24. बाबर द्वारा पानीपत–खानवा युद्धों में अपनाई गई कौन–सी बात भारतीय युद्ध–कला में नए युग की शुरुआत मानी जाती है? 👁️ उत्तर देखें
व्याख्या: इससे हाथी–केंद्रित परंपरागत युद्ध–कला पिछड़ गई और आधुनिक तोपख़ाना–केंद्रित युद्ध–शैली उभरकर सामने आई।
25. बाबर ने खानवा की विजय के बाद अपने निजी जीवन में कौन–सा महत्वपूर्ण संकल्प लिया था (जिसका उल्लेख बाबरनामा में है)? 👁️ उत्तर देखें
व्याख्या: बाबरनामा में उल्लेख है कि खानवा के बाद उसने शराब के बर्तनों को तुड़वाया और शराब त्यागने की घोषणा की; इसे कई इतिहासकार मनोवैज्ञानिक मोड़ मानते हैं।
26. बाबर की मृत्यु कब और कहाँ हुई? 👁️ उत्तर देखें
व्याख्या: भारत में कुछ ही वर्षों के शासन के बाद बाबर की मृत्यु आगरा में हुई, जहाँ से उसने अधिकांश प्रशासनिक कार्य संचालित किए थे।
27. बाबर के शव को बाद में कहाँ दफनाया गया (स्थायी समाधि)? 👁️ उत्तर देखें
व्याख्या: प्रारंभिक दफ़न आगरा में माना जाता है, परंतु उसकी इच्छा के अनुसार बाद में काबुल में “बाग–ए–बाबर” में दफनाया गया।
28. भारतीय भू–भाग के कौन–से दो क्षेत्रों पर पूर्ण नियंत्रण के बाद बाबर की सत्ता अपेक्षाकृत स्थिर मानी गई? 👁️ उत्तर देखें
व्याख्या: पानीपत, खानवा, चंदेरी और घाघरा के बाद इन क्षेत्रों पर उसकी पकड़ मजबूत हो गई, जो प्रारंभिक मुगल राज्य का कोर क्षेत्र बना।
29. बाबर की सेनाओं और भारतीय सेनाओं के बीच घुड़सवार सेना के उपयोग में क्या मुख्य अंतर था? 👁️ उत्तर देखें
व्याख्या: तुर्की–मंगोल परंपरा की हल्की–फुल्की घुड़सवार सेना ने धीमी, भारी हाथी–आधारित भारतीय सेना पर निर्णायक बढ़त बनाई।
30. बाबर की दृष्टि में भारत की एक प्रमुख प्राकृतिक कमी क्या थी (बाबरनामा के अनुसार)? 👁️ उत्तर देखें
व्याख्या: बाबरनामा में उसने कई बार लिखा कि भारत में काबुल–फ़रग़ना जैसी ठंडक, फल और बाग़ों की कमी उसे खलती है।
31. बाबर के भारत आने का सबसे बड़ा आर्थिक कारण क्या था? 👁️ उत्तर देखें
व्याख्या: मध्य एशिया की अस्थिरता और सीमित संसाधनों के कारण बाबर भारत की धन–सम्पदा और राजस्व–आधार से आकर्षित हुआ।
32. बाबर की भारतीय विजयों का प्रारंभिक लक्ष्य “लूट” से हटकर किस दिशा में विकसित हुआ? 👁️ उत्तर देखें
व्याख्या: प्रारंभिक छापामार आक्रमणों के बाद उसकी सोच “लूट” से आगे बढ़कर स्थायी “शासन” की ओर मुड़ी, जो मुगल साम्राज्य की नींव का मूल बिंदु है।
33. बाबर के समय में भारतीय पक्ष की “हाथी–केंद्रित सेना” की सबसे बड़ी कमजोरी क्या थी? 👁️ उत्तर देखें
व्याख्या: बारूद–आधारित शोर और धुएँ से हाथियों में भगदड़ मच जाती थी, जो स्वयं अपनी सेना को ही कुचलने लगते थे; यह बाबर के लिए लाभकारी रहा।
34. बाबर की विजयों के संदर्भ में “राजपूत–अफ़गान संयुक्त मोर्चा” किस युद्ध में प्रमुख रूप से देखा जाता है? 👁️ उत्तर देखें
व्याख्या: राणा सांगा के साथ कई अफ़गान सरदार भी जुड़े, परन्तु एकजुट नेतृत्व और रणनीति के अभाव में यह मोर्चा सफल नहीं हो पाया।
35. बाबर के समय उत्तर भारत की राजनीतिक स्थिति को एक वाक्य में कैसे सारांशित किया जा सकता है? 👁️ उत्तर देखें
व्याख्या: यही संयोजन बाबर की सफलता और लोधी–राजपूत विफलता का मूल राजनीतिक कारण बनता है।
36. बाबर की विजयों में धार्मिक–मनोवैज्ञानिक अपील का प्रयोग किस युद्ध में विशेष रूप से दिखाई देता है? 👁️ उत्तर देखें
व्याख्या: बाबर ने युद्ध को “धार्मिक संघर्ष” की संज्ञा देकर सैनिकों को प्रेरित किया और अपनी विजय को “ईमान की जीत” के रूप में प्रस्तुत किया।
37. किन दो युद्धों के बाद बाबर ने उत्तर भारत में राजपूत और अफ़गान दोनों प्रकार के प्रतिरोध को निर्णायक रूप से कमजोर कर दिया? 👁️ उत्तर देखें
व्याख्या: खानवा में राजपूत शक्ति और घाघरा में अफ़गान शक्ति को पराजित कर बाबर ने अपनी प्रारंभिक मुगल सत्ता को स्थिर आधार दिया।
38. बाबर की विजय–शृंखला का संक्षिप्त Chronological क्रम क्या है? 👁️ उत्तर देखें
व्याख्या: अधिकांश परीक्षाओं में इन्हीं चार युद्धों का सही कालानुक्रम मिलान पूछा जाता है, इसलिए यह क्रम बार–बार दोहराना जरूरी है।
39. बाबर को “केवल लुटेरा आक्रमणकारी” मानना क्यों सही नहीं है? 👁️ उत्तर देखें
व्याख्या: छापामार लूट के बजाय उसने राजधानी, प्रशासनिक केंद्र और युद्ध–श्रृंखला के माध्यम से लंबे समय तक चलने वाला शासन स्थापित किया।
40. परीक्षा की दृष्टि से बाबर से जुड़े सबसे महत्वपूर्ण 4–5 टॉपिक कौन–से हैं जिन्हें बार–बार दोहराना चाहिए? 👁️ उत्तर देखें
व्याख्या: इन्हीं बिंदुओं पर आधारित अधिकतर MCQs, Assertion–Reason और Match–The–Following बनते हैं।
