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Khilji Dynasty (1290–1320) – Alauddin Khilji ·
4️⃣ खिलजी वंश – अलाउद्दीन खिलजी की आर्थिक, सैनिक व दक्षिण भारत नीति
📊 मूल्य नियंत्रण, बाजार व्यवस्था, राजस्व सुधार, सैन्य सुधार
🏹 दक्षिण भारत विजय (मालिक काफूर), मंगोल नीति, UPSC/PCS Level Notes
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भाग – 1 : विस्तृत स्टडी नोट्स – खिलजी वंश व अलाउद्दीन खिलजी की नीतियाँ
NCERT + Standard Notes Oriented
🎯 Keywords: Khilji Dynasty Notes in Hindi, Alauddin Khilji Policy, Price Control, Market Reforms, Malik Kafur, Military Reforms.
🧭 1. खिलजी वंश की पृष्ठभूमि (1290–1320)
खिलजी वंश दिल्ली सल्तनत का दूसरा वंश था,
जो 1290–1320 ई. तक सत्ता में रहा।
यह मूलतः तुर्क–अफगान समूह से जुड़ा माना जाता है,
जिसने तुर्की अमीरों के वर्चस्व को तोड़कर नई सत्ता–व्यवस्था खड़ी की।
- जलालुद्दीन खिलजी – वंश का संस्थापक; अपेक्षाकृत उदार/नरम शासक।
- अलाउद्दीन खिलजी – सबसे शक्तिशाली राजा; कठोर, व्यावहारिक व महत्वाकांक्षी नीतियाँ।
- अलाउद्दीन के बाद कुतुबुद्दीन मुबारक शाह व खुसरो खाँ – अल्पकालिक व कमजोर शासन; अंततः तुगलक वंश का उदय।
👑 2. अलाउद्दीन खिलजी का उदय व सत्तारोहण
⚔️ 2.1 देवगिरि अभियान व महत्वाकांक्षा
- अलाउद्दीन, जलालुद्दीन का भतीजा/दामाद था; प्रारम्भ में कर्नाल/करा आदि प्रांतों का सूबेदार।
- देवगिरि (दक्षिण का यदुवंशी राज्य) पर सफल आक्रमण कर भारी धन–संपत्ति प्राप्त की।
- इस सफलता ने उसे आर्थिक रूप से सक्षम और राजनीतिक रूप से महत्वाकांक्षी बनाया।
🗡️ 2.2 जलालुद्दीन की हत्या व सिंहासन
- फिरोज़ाबाद के पास छलपूर्वक जलालुद्दीन की हत्या की और स्वयं सिंहासन पर बैठा (लगभग 1296)।
- इसके बाद एक कठोर, केंद्रीकृत व सैन्य–आधारित शासन की शुरुआत हुई।
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Exam Tip:
“Alauddin = No heart-conquest, only territory & revenue” –
उसने स्वयं कहा था कि वह “दिल जीतने नहीं, राज्य और धन बढ़ाने” आया है – यहीं से उसकी नीतियों की दिशा समझ आती है।
🏹 3. मंगोल खतरा व उत्तर–पश्चिम सीमांत
- खिलजी काल में मंगोलों के कई आक्रमण हुए – विशेषकर सिंध, पंजाब, दोआब क्षेत्र में।
- अलाउद्दीन ने सीमांत किलों की मरम्मत, सेना की संख्या में वृद्धि और स्थायी सेना तैयार की।
- यही कारण है कि मंगोल Delhi तक पहुँच तो पाए, पर स्थायी कब्ज़ा नहीं कर सके।
💰 4. अलाउद्दीन की नीतियों का मूल लक्ष्य – मजबूत सेना व भरपूर राजस्व
अलाउद्दीन की लगभग सभी प्रमुख नीतियाँ –
मूल्य नियंत्रण, बाज़ार व्यवस्था, राजस्व सुधार, दक्षिण भारत अभियान –
का मुख्य उद्देश्य था:
“मजबूत स्थायी सेना + भरपूर राज्य–राजस्व + अमीरों की ताकत पर नियंत्रण”।
📊 5. मूल्य नियंत्रण नीति – सैनिकों के लिए सस्ती जीवन–यापन लागत
🎯 5.1 उद्देश्य
- स्थायी सेना को नकद वेतन देना, पर वेतन बहुत अधिक न बढ़ाना।
- इसके लिए बाजार में मूल्यों को नियंत्रित कर सैनिकों की जीवन–यापन लागत (Cost of Living) कम रखना।
- महँगाई, जमाखोरी व मुनाफाखोरी पर अंकुश।
⚙️ 5.2 व्यवस्था
- अलग–अलग वस्तुओं के लिए निर्धारित अधिकतम मूल्य (Price list) तय किए गए।
- अनाज, दाल, घी, तेल, कपड़े, घोड़े, दास, दासियाँ – सबके दाम नियंत्रित।
- माप–तौल पर सख्त निगरानी; गलत माप पर तुरंत दंड।
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हाई–यील्ड लाइन:
“Alauddin’s price control was not a socialist ideal,
it was a military–fiscal measure to maintain a large army at low cost.”
🛒 6. बाज़ार व्यवस्था – अलग–अलग बाजार व अधिकारियों की नियुक्ति
अलाउद्दीन ने Delhi में एक संगठित Market System बनाया,
जहाँ हर प्रकार की वस्तु के लिए अलग–अलग बाज़ार व अधिकारी नियुक्त किए गए।
🌾 6.1 अनाज व मूलभूत वस्तुओं के बाजार
- अनाज मंडी – गेहूँ, जौ, चावल आदि; यहाँ अनाज के भंडार की सही जानकारी रखी जाती थी।
- मंडी–प्रमुख (Shahna-i-Mandi) नियुक्त – जो कीमतों व भंडार पर नियंत्रण रखता था।
- किसान, व्यापारी व बिचौलिये – सभी पर कीमतों के पालन की जिम्मेदारी।
🧵 6.2 कपड़ा, घोड़े, दास–दासियाँ व अन्य
- कपड़ा बाजार – सैनिकों व जनता के लिए सस्ती दरों पर कपड़े उपलब्ध।
- घोड़ा व दास–बाजार – सेना के लिए घोड़े, दास–दासियाँ निर्धारित मूल्यों पर।
- हर बाजार पर अलग–अलग अधिकारी, जासूस व हिसाब–किताब की व्यवस्था।
- भंडारण (स्टॉक) पर निगरानी – कृत्रिम कमी (Artificial scarcity) न उत्पन्न हो।
- जो व्यापारी तय दाम से अधिक वसूलता, या भंडार छिपाता – उसे कड़ी सजा दी जाती।
📜 7. राजस्व सुधार – खासकर दोआब क्षेत्र
अलाउद्दीन ने दोआब (गंगा–यमुना के बीच) जैसे उपजाऊ क्षेत्रों में
भूमि–माप (Measurement) व कर–निर्धारण को सख्त किया,
ताकि राज्य–राजस्व अधिकतम हो सके और अमीरों की निजी शक्ति घटे।
- भूमि का सर्वे व माप कर, लगभग आधी उपज तक लगान वसूला जाने लगा (स्रोत–अंतर के साथ)।
- कई इक्तादारों/अमीरों से जागीर व जमीनें वापस लेकर सीधे राज्य के अधीन किया।
- किसानों से कर सीधे राज्य–कर्मचारियों द्वारा वसूलने की प्रवृत्ति बढ़ी – इससे अमीरों की आर्थिक जड़ें कमजोर हुईं।
🪖 8. सैन्य सुधार – दाग व चेहरा प्रणाली
🐎 8.1 दाग (घोड़ों पर मुहर)
- घोड़ों पर दाग (Brand) लगाया जाता – ताकि सैनिक नकली/कमज़ोर घोड़े दिखाकर वेतन न ले सकें।
- हर घोड़े की पहचान दर्ज, निरीक्षण के समय मिलान।
🧍 8.2 चेहरा (सैनिकों की सूची)
- प्रत्येक सैनिक का चेहरा–रजिस्टर (Roll) तैयार – नाम, हुलिया, पहचान।
- “भूत–सैनिक” (फर्जी नाम पर वेतन लेने) की संभावना कम हुई।
- सैनिकों को अधिकतर नकद वेतन – ताकि वे सुल्तान पर निर्भर रहें, अमीरों पर नहीं।
- सीमांत किलों में मजबूत चौकियाँ, अनुशासित सेना – मंगोल खतरे से निपटने में सहायक।
🌏 9. दक्षिण भारत की विजय – Malik Kafur के अभियान
अलाउद्दीन ने दक्षिण भारत (Deccan & South India) पर
प्रत्यक्ष शासन की बजाय कर (Tribute) आधारित नीति अपनाई –
इससे Delhi को अपार धन मिला, पर प्रशासनिक बोझ अपेक्षाकृत कम रहा।
- Devagiri (यादव), वारंगल (काकतीय), द्वारसमुद्र (होयसाल), मदुरै (पांड्य) पर Malik Kafur के नेतृत्व में अभियान।
- स्वर्ण, रत्न, हाथी, घोड़े व धन–संपदा Delhi लाए गए – Delhi Sultanate के लिए यह अभूतपूर्व आर्थिक लाभ था।
- अधिकतर स्थानों पर स्थानीय राजाओं से नियमित कर/भेंट (Tribute) स्वीकार करवाया गया; सीधे प्रशासन पर सीमित हस्तक्षेप।
📿 10. धार्मिक नीति – व्यावहारिक दृष्टिकोण
- अलाउद्दीन स्वयं को धार्मिक सुधारक से अधिक व्यावहारिक शासक मानता था।
- उलेमा (धर्म–पंडित) से दूरी रखते हुए भी, सत्ता की वैधता के लिए उनकी भूमिका पूरी तरह समाप्त नहीं की।
- उसकी नीतियाँ अधिकतर राजनीतिक–आर्थिक आवश्यकताओं पर आधारित थीं, न कि केवल धार्मिक सिद्धांतों पर।
📘 11. समग्र मूल्यांकन – खिलजी वंश व अलाउद्दीन की नीतियाँ
खिलजी वंश ने Delhi Sultanate को
सैन्य, राजस्व व बाजार–नीति के स्तर पर नया रूप दिया।
इनमें से विशेष रूप से:
• अलाउद्दीन के मूल्य नियंत्रण व बाजार–सुधार • दक्षिण के अभियानों से प्राप्त धन • कठोर सैन्य अनुशासन व जासूसी ने आगे आने वाले वंशों (तुगलक, खिलजी–उत्तर) के लिए मजबूत आर्थिक–सैन्य आधार तैयार कर दिया।
• अलाउद्दीन के मूल्य नियंत्रण व बाजार–सुधार • दक्षिण के अभियानों से प्राप्त धन • कठोर सैन्य अनुशासन व जासूसी ने आगे आने वाले वंशों (तुगलक, खिलजी–उत्तर) के लिए मजबूत आर्थिक–सैन्य आधार तैयार कर दिया।
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Mains सार वाक्य:
“अलाउद्दीन खिलजी की नीतियाँ धर्म–सिद्धांतों से अधिक एक सैन्य–आर्थिक राज्य की ज़रूरतों पर आधारित थीं – जहाँ मजबूत सेना, नियंत्रित बाजार और अनुशासित अमीर ही दिल्ली सल्तनत के अस्तित्व की गारंटी थे।”
“अलाउद्दीन खिलजी की नीतियाँ धर्म–सिद्धांतों से अधिक एक सैन्य–आर्थिक राज्य की ज़रूरतों पर आधारित थीं – जहाँ मजबूत सेना, नियंत्रित बाजार और अनुशासित अमीर ही दिल्ली सल्तनत के अस्तित्व की गारंटी थे।”
Khilji Dynasty Notes in Hindi
Alauddin Khilji Price Control
Market Reforms & Military
Malik Kafur South India Campaign
UPSC Medieval History
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भाग – 2 : त्वरित पुनरावृत्ति – खिलजी वंश व अलाउद्दीन की नीतियाँ
Hindi Quick Recap
⚡ 3–4 मिनट की Revision – UPSC, State PCS, RO/ARO, UPSSSC, Police व अन्य सभी परीक्षा हेतु।
1️⃣ खिलजी वंश – बेसिक तथ्य
- समय: लगभग 1290–1320 ई.
- मुख्य शासक: जलालुद्दीन खिलजी, अलाउद्दीन खिलजी।
- खिलजी क्रांति = तुर्क अमीरों के वर्चस्व को चुनौती।
2️⃣ अलाउद्दीन का लक्ष्य
- मजबूत स्थायी सेना खड़ी करना।
- राज्य–राजस्व को अधिकतम करना।
- अमीरों व विद्रोहों को नियंत्रित रखना।
3️⃣ मूल्य नियंत्रण – Why & How
- सेना को कम वेतन में संतुष्ट रखना = मुख्य कारण।
- अनाज, कपड़ा, घोड़े, दास–दासियाँ, रोज़मर्रा की चीजें – सबके दाम तय।
- जमाखोरी, काला बाज़ार, गलत माप पर कड़ी सजा।
4️⃣ Market System – Organized Approach
- अनाज, कपड़ा, जानवर, दास–दासियों के अलग–अलग बाजार।
- हर बाजार पर Shahna-i-Mandi, जासूस व हिसाब–किताब।
- भंडारण पर निगरानी – कृत्रिम कमी रोकी गई।
5️⃣ राजस्व व सैन्य सुधार
- दोआब व उपजाऊ क्षेत्रों पर ऊँचा लगान।
- दाग (घोड़ों पर मुहर) व चेहरा (सैनिक–रजिस्टर)।
- नकद वेतन प्रणाली – सैनिक सीधे सुल्तान पर निर्भर।
6️⃣ South India Campaign – Malik Kafur
- Devagiri, Warangal, Dwarasamudra, Madurai पर अभियानों की श्रृंखला।
- स्थानिक राजाओं को Tribute देने पर मजबूर किया।
- Delhi Sultanate को अपार धन–संपत्ति, पर सीधे प्रशासन का बोझ कम।
Khilji Quick Revision
Alauddin Price Control Summary
South India Campaign Recap
❓
भाग – 3 : PYQ / One-liners – खिलजी वंश (Show / Hide Answer + छोटी व्याख्या)
40+ High Yield Qs
फोकस: खिलजी वंश, अलाउद्दीन की आर्थिक नीति, मूल्य नियंत्रण, बाजार व्यवस्था, सैन्य सुधार, Malik Kafur अभियान –
हर उत्तर के बाद Short Explanation ताकि Concept बैठ जाए।
Q1. Delhi Sultanate में खिलजी वंश का समय लगभग किस अवधि के बीच माना जाता है? 👁️Show / Hide
उत्तर: लगभग 1290–1320 ई.
Q2. खिलजी वंश का सबसे शक्तिशाली व प्रसिद्ध सुल्तान कौन माना जाता है? 👁️Show / Hide
उत्तर: अलाउद्दीन खिलजी।
Q3. किस खिलजी शासक ने Devagiri पर सफल आक्रमण कर भारी धन–संपत्ति प्राप्त की और बाद में सुल्तान बना? 👁️Show / Hide
उत्तर: अलाउद्दीन खिलजी।
Q4. Delhi में “मूल्य नियंत्रण नीति (Price Control)” सबसे पहले किस सुल्तान ने व्यापक रूप में लागू की? 👁️Show / Hide
उत्तर: अलाउद्दीन खिलजी।
Q5. अलाउद्दीन की मूल्य–नियंत्रण नीति का मुख्य उद्देश्य क्या था – गरीबों का कल्याण या सैनिकों के लिए सस्ती वस्तुएँ? 👁️Show / Hide
उत्तर: सैनिकों के लिए सस्ती वस्तुएँ सुनिश्चित करना।
Q6. शाहना-ए-मंडी (Shahna-i-Mandi) किस व्यवस्था से संबंधित अधिकारी था? 👁️Show / Hide
उत्तर: बाज़ार व्यवस्था व मूल्य नियंत्रण।
Q7. किस प्रकार की वस्तुओं पर अलाउद्दीन ने सरकारी स्तर पर नियंत्रण/नियमन किया? 👁️Show / Hide
उत्तर: अनाज, दालें, घी, तेल, कपड़े, घोड़े, दास–दासियाँ व अन्य आवश्यक वस्तुएँ।
Q8. दाग प्रणाली किससे संबंधित थी – भूमि, सैनिक या घोड़े? 👁️Show / Hide
उत्तर: घोड़े।
Q9. चेहरा प्रणाली मुख्यतः किस चीज की रजिस्ट्री थी? 👁️Show / Hide
उत्तर: सैनिकों की व्यक्तिगत पहचान व विवरण।
Q10. दोआब क्षेत्र किस दो नदियों के बीच का भाग होता है, जहाँ अलाउद्दीन ने ऊँचा लगान लगाया? 👁️Show / Hide
उत्तर: गंगा और यमुना नदियों के बीच।
Q11. Malik Kafur किस सुल्तान का प्रमुख सेनापति था, जिसने दक्षिण भारत पर अभियान चलाए? 👁️Show / Hide
उत्तर: अलाउद्दीन खिलजी।
Q12. क्या अलाउद्दीन ने दक्षिण भारत के सभी राज्यों को सीधे अपना प्रांत बना लिया था? 👁️Show / Hide
उत्तर: नहीं, अधिकतर को Tribute देने वाला बना कर छोड़ा।
Q13. दक्षिण भारत के अभियानों से Delhi Sultanate को क्या प्रमुख लाभ मिला – भूमि या धन? 👁️Show / Hide
उत्तर: विशाल धन–संपदा व नियमित Tribute।
Q14. अलाउद्दीन खिलजी की नीति किस पर केंद्रित थी – दिल जीतना या नियंत्रण व अनुशासन? 👁️Show / Hide
उत्तर: नियंत्रण व अनुशासन।
Q15. मंगोल आक्रमणों से निपटने के लिए अलाउद्दीन ने कौन–से दो मुख्य उपाय अपनाए? 👁️Show / Hide
संकेतात्मक उत्तर:
(1) सीमांत किलों की मजबूती, (2) स्थायी सेना की संख्या व अनुशासन बढ़ाना, साथ ही (3) पर्याप्त वित्तीय व्यवस्था।
Q16. खिलजी वंश की स्थापना किसने की – जलालुद्दीन या अलाउद्दीन?👁️Show
उत्तर: जलालुद्दीन खिलजी।
Q17. “खिलजी क्रांति” से किस वर्ग की शक्ति को चुनौती मिली – चहलगानी तुर्क अमीर या हिंदू जमींदार?👁️Show
उत्तर: चहलगानी तुर्क अमीरों की शक्ति को।
Q18. अलाउद्दीन की Price Control Policy किस शहर पर मुख्यतः लागू थी – Delhi या पूरे उपमहाद्वीप पर?👁️Show
उत्तर: मुख्यतः Delhi व आसपास के क्षेत्र पर।
Q19. अलाउद्दीन ने Price Control के तहत किस पर कड़ी सजा का प्रावधान रखा – मुनाफाखोरी या सादा व्यापार?👁️Show
उत्तर: मुनाफाखोरी, जमाखोरी, गलत माप–तौल पर।
Q20. क्या अलाउद्दीन ने उलेमा को पूरी तरह दरबार से हटाया था?👁️Show
उत्तर: नहीं, पर उनकी भूमिका सीमित रखी; प्रमुख नीति–निर्णय राजनीतिक–आर्थिक आधार पर लिए।
Q21. अलाउद्दीन ने सैन्य वेतन किस रूप में देना ज्यादा पसंद किया – नकद या इक्ता?👁️Show
उत्तर: नकद वेतन।
Q22. दक्षिण भारत से आने वाली नियमित भेंट को किस रूप में देखा जा सकता है – कर (Tribute) या सामान्य व्यापार?👁️Show
उत्तर: कर/Tribute।
Q23. Malik Kafur के अभियानों से किस प्रकार की वस्तुएँ सबसे अधिक Delhi लायी गईं – धन–रत्न या अनाज?👁️Show
उत्तर: धन, रत्न, सोना–चाँदी, हाथी–घोड़े आदि।
Q24. क्या खिलजी काल में Delhi Sultanate की सीमाएँ दक्षिण की ओर काफी बढ़ीं?👁️Show
उत्तर: हाँ, प्रभाव क्षेत्र बहुत बढ़ा, पर प्रत्यक्ष प्रशासन हर जगह स्थापित नहीं हुआ।
Q25. एक वाक्य में – अलाउद्दीन की नीति का आधार क्या था?👁️Show
Model Line: “Strong Army + High Revenue + Strict Control on Markets & Nobles.”
