पत्र लेखन — परिभाषा, प्रकार और रूपरेखा
पत्र वह कागज़ है जिस पर कोई बात लिखी या छपी हो। पत्र व्यक्ति के विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने का एक सशक्त माध्यम है। पहले के समय में यह दो व्यक्तियों के बीच संचार का मुख्य साधन था। आज टेलीफोन, मोबाइल आदि आधुनिक साधनों के बावजूद भी पत्र का महत्त्व बना हुआ है, क्योंकि यह भावनाओं की सजीव अभिव्यक्ति का प्रतीक है।
एक अच्छे पत्र की विशेषताएँ (बिंदुवार — परीक्षा हेतु)
- भाषा की सरलता: पत्र की भाषा सरल, सहज और बोलचाल की होनी चाहिए।
- विचारों की स्पष्टता: पत्र में विचार स्पष्ट और क्रमबद्ध रूप में प्रस्तुत होने चाहिए।
- संक्षिप्तता: पत्र छोटा और सारगर्भित होना चाहिए; अनावश्यक बातें न हों।
- विनम्रता एवं शिष्टता: पत्र में विनम्र, शालीन और सहज भाव होना चाहिए।
- साफ-सुथरी लिखावट: लिखावट सुंदर, स्पष्ट और साफ-सुथरी होनी चाहिए।
- उचित प्रारूप: शीर्षक, दिनांक, अभिवादन, विराम चिह्न आदि का सही प्रयोग होना चाहिए।
पत्र के प्रकार (संक्षेप में)
पत्र दो प्रकार के होते हैं—
- औपचारिक पत्र (Formal Letter): ऐसे व्यक्तियों को लिखा जाता है जिनसे हमारा निजी या पारिवारिक संबंध नहीं होता। इनकी भाषा संयमित, शिष्ट एवं औपचारिक होती है। (उदाहरण: विद्यालय के प्रधानाचार्य, अधिकारी, संपादक आदि)
- अनौपचारिक पत्र (Informal Letter): ये अपने सगे-संबंधियों, मित्रों या परिचितों को लिखे जाते हैं। भाषा सरल, आत्मीय और भावनात्मक होती है।
औपचारिक पत्र के अंग / भाग (परीक्षा हेतु — संक्षेप)
- पत्र संख्या / पत्रांक – प्रत्येक कार्यालयी पत्र का क्रमांक या संदर्भ संख्या।
- शीर्षक या कार्यालय का नाम – जिस कार्यालय से पत्र भेजा जा रहा है।
- प्रेषक (Sender) – पत्र भेजने वाले का नाम, पद एवं विभाग।
- सेवा में (To) – पत्र प्राप्त करने वाले अधिकारी को संबोधित करने के लिए।
- प्रेषिती का पद व पता – जिस व्यक्ति या अधिकारी को पत्र भेजा जा रहा है।
- स्थान एवं दिनांक – पत्र लिखे जाने का स्थान और तिथि।
- विषय (Subject) – पत्र की मुख्य बात का संक्षिप्त उल्लेख।
- संबोधन (Salutation) – जैसे “श्रीमान,” “मान्यवर” आदि।
- निर्देश (Body of the Letter) – पत्र की मुख्य सामग्री या विवरण।
- स्वनिर्देश / अभिनिवेदन (Complimentary Close) – जैसे “भवदीय,” “सादर,” आदि।
- हस्ताक्षर (Signature) – पत्र भेजने वाले के हस्ताक्षर और नाम।
- संलग्न सूची (Enclosure List) – पत्र के साथ संलग्न दस्तावेजों की सूची।
अनौपचारिक पत्र के अंग (संक्षेप)
- प्रेषक का पता और स्थान
- दिनांक (Date)
- संबोधन (Salutation) — जैसे प्रिय मित्र, प्यारे पिताजी आदि।
- अभिवादन (Greeting) — सप्रेम नमस्कार, सादर प्रणाम आदि।
- स्वनिर्देश / अभिनिवेदन (Body & Closing)
- हस्ताक्षर (Signature) — तुम्हारा पुत्र, तुम्हारा मित्र आदि।
📌 नोट: औपचारिक पत्रों में अभिवादन शब्दों (जैसे ‘सप्रेम नमस्कार’) का सामान्यत: प्रयोग नहीं किया जाता; अनौपचारिक पत्रों में विषय नहीं लिखा जाता।
