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संधि और संधि-विच्छेद — Complete Notes (DEEP + QUICK + PYQs)
UP Police SI • UPSSSC • RO/ARO • TET • SSC • TGT/PGT — Exam Oriented
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✍️ स्वर-संधि, व्यंजन-संधि, विसर्ग-संधि
⚡ Quick Revision • 22 PYQs • View/Hide
🔗 Noble Exam City Notes
भाग 1 — Deep Smart Notes
Concepts • Rules • Examples
संधि — दो वर्णों/दो शब्दों के मेल पर उच्चारण सहज करने हेतु होने वाला ध्वनि-परिवर्तन; हिंदी और संस्कृत व्याकरण में इसका विशिष्ट स्थान है।
संधि — परिभाषा व महत्व
- ध्वनि को सरल बनाने हेतु दो वर्णों में बदलाव — संधि।
- परीक्षा में संधि-नियमों का ज्ञान शब्द-विच्छेद (विग्रह) व विकल्प-निर्धारण में मदद करता है।
- मुख्य प्रयोग: स्वर-संधि, व्यंजन-संधि, विसर्ग-संधि।
विवरण — संधि के प्रकार और नियम (व्यवस्थित)
1. स्वर-संधि (Vowel Sandhi)
- स्पष्ट नियम: पूर्व स्वर + उत्तर स्वर → परिवर्तन।
- उपप्रकार — दीर्घ संधि, गुण संधि, वृद्धि संधि, यण्-संधि।
- Examples (simple): a) अ + अ = आ (दीर्घ). b) अ + इ = ऐ/ए (गुण/वृद्धि as per rule). c) इ/ई + अ → य (यण्).
2. व्यंजन-संधि (Consonant Sandhi)
- व्यंजन-व्यंजन या व्यंजन+स्वर के मेल से संयुक्ताक्षर व ध्वनि-परिवर्तन।
- परसवर्ण संधि, अनुनासिक संधि, यमक-प्रकार आदि आते हैं।
- उदाहरण: त् + त् = त्त, न् + द् =न्द
3. विसर्ग-संधि (Visarga Sandhi)
- विसर्ग (ः) के साथ आने पर लोप/परिवर्तन; संस्कृत-उत्पन्न शब्दों में ज़्यादा प्रभावी।
- उदाहरण (संस्कृत संदर्भ): रामः + इति → राम इति (विसर्ग का व्यवहार बदल सकता है)।
संधि-विच्छेद — प्रक्रिया और stepwise तरीका
- शब्द का अंतिम तथा आरम्भिक ध्वनि पहचानें।
- ध्वनि नियम लागू कर सकते हैं क्या — स्वर/व्यंजन/विसर्ग? पहचानें।
- विग्रह लगाकर अर्थ-संगति परखें; अर्थ-संगति सही होनी चाहिए।
💡 Exam Tip: संधि-विच्छेद करते समय हमेशा 'अर्थ-संगति' को प्राथमिकता दें — कई बार ध्वनि के आधार पर दो विग्रह सम्भव होते हैं; अर्थ-संगत वाला चुनें।
उपयुक्त उदाहरण (विस्तृत)
- सूर्य + उदय = सूर्योदय → विग्रह: सूर्य + उदय (स्वर-संधि)
- राम + ईश्वर → रामेश्वर (contextualized; depending on usage)
- नि + ग्रह = निग्रह (उपसर्ग-आधारित विग्रह)
- तत् + त = त्त (संयुक्ताक्षर उदाहरण)
Advanced notes — परीक्षा के लिए आवश्यक बिंदु
- गुण व वृद्धि के mnemonic याद रखें: अ → ए = गुण, अ → ऐ/औ = वृद्धि.
- यण्-संधि में पूर्व स्वर (इ/ई/उ/ऊ) के कारण य/व/र/ल का प्रवेश होता है — pattern याद रखें।
- विसर्ग नियमों का अभ्यास classical शब्दों के साथ करें (PGT/TGT के लिए जरूरी)।
भाग 2 — Quick Revision
2–3 मिनट में یاد रखिए
1. संधि का आसान नियम
दो स्वरों का मिलन → दीर्घ/गुण/वृद्धि; व्यंजन मिलन → संयुक्ताक्षर
2. गुण/वृद्धि याद रखें
अ→ए = गुण, अ→ऐ = वृद्धि
3. यण्-संधि पहचान
इ/ई/उ/ऊ + अ → य/व/र/ल का प्रवेश
4. विसर्ग-नोट
विसर्ग प्रभाव विशेषकर संस्कृत-आधारित शब्दों में देखा जाता है
🧠 Quick Trick: अगर अंतिम ध्वनि स्वर है और अगला स्वर भी स्वर है — सोचिए: दीर्घ/गुण/वृद्धि — सामान्यतः यही तीन विकल्प आते हैं।
Sandhi Quick
विग्रह टेक्निक
Exam Ready
भाग 3 — 22 PYQs (One question per card)
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प्रश्नों के नीचे उत्तर और संक्षिप्त व्याख्या दी गई है — हर प्रश्न का उत्तर देखने के लिए बटन दबाएँ।
Q1. संधि किसे कहते हैं?
उत्तर: दो वर्णों/शब्दों के मिलन से उच्चारण सहज करने हेतु होने वाला ध्वनि-परिवर्तन।
विस्तार: स्वर-संधि, व्यंजन-संधि व विसर्ग-संधि प्रमुख।
Q2. 'अ' + 'अ' किस संधि में बदलते हैं? उदाहरण दें।
उत्तर: दीर्घ-संधि (अ + अ = आ).
उदाहरण: क + अ = का (contextual)।
Q3. गुण-संधि और वृद्धि-संधि का छोटा फर्क क्या है?
उत्तर: गुण = एक-स्तरीय परिवर्तन (अ→ए), वृद्धि = दो-स्तरीय (अ→ऐ/औ).
Q4. 'इ' + 'अ' मिलने पर किस तरह का परिवर्तन संभव है?
उत्तर: यण्-संधि से 'य' का प्रवेश संभव; उदाहरण: 'वि' + 'अ' → 'व्या' (contextual).
Q5. 'न' + 'द' मिलकर किस संयुक्ताक्षर बनाते हैं? उदाहरण दें।
उत्तर: 'न्द' (न्+द् = न्द).
Q6. विसर्ग-संधि किस प्रकार कार्य करती है?
उत्तर: विसर्ग (ः) का प्रभाव समीपवर्ती ध्वनि पर निर्भर करता है; संस्कृत शब्दों में परिवर्तन स्पष्ट दिखता है।
Q7. संधि-विच्छेद करते समय सबसे पहले क्या करें?
उत्तर: शब्द की अंतिम व प्रारम्भिक ध्वनि पहचानें और अर्थ-संगति जाँचें।
Q8. 'सूर्यादय' का सम्भव विग्रह क्या है?
उत्तर: सूर्य + उदय = सूर्योदय (आम विग्रह).
Q9. परसवर्ण संधि क्या है — एक वाक्य में बताइए।
उत्तर: समान वर्ग के व्यंजन मिलने पर जो परिवर्तन होता है वह परसवर्ण संधि है; उदाहरण: त्+त्=त्त।
Q10. यण्-संधि की पहचान का सरल नियम क्या है?
उत्तर: यदि पूर्व स्वर इ/ई/उ/ऊ है और बाद में 'अ' आता है तो यण्-संधि सम्भव है (य/व/र/ल)।
Q11. 'निग्रह' का विग्रह लिखिए।
उत्तर: निग्रह = नि + ग्रह (उपसर्ग 'नि' + मूल 'ग्रह').
Q12. 'दीर्घ संधि' व 'गुण संधि' के लिए एक mnemonic दीजिए।
उत्तर: "दो समान = दीर्घ; एक छोटा→मध्यम = गुण" — तेज़ elimination trick।
Q13. संयुक्ताक्षर का उदाहरण दीजिए और बताइए यह किस संधि का परिणाम है।
उत्तर: 'क्ष' = क् + ष् → संयुक्ताक्षर; व्यंजन-संधि/संयोजन का परिणाम।
Q14. संधि-विच्छेद में अर्थ-संगति क्यों ज़रूरी है?
उत्तर: क्योंकि कई बार ध्वनि के हिसाब से दो विग्रह बन सकते हैं; अर्थ-संगति ही सही विग्रह बताती है।
Q15. 'अ' + 'उ' से सामान्यतः किस ध्वनि का निर्माण होता है?
उत्तर: ओ/औ (गुण/वृद्धि के आधार पर)।
Q16. 'अनुनासिक संधि' क्या है?
उत्तर: जब किसी ध्वनि पर नासिका का प्रभाव पड़ता है और ध्वनि अनुनासिक हो जाती है, वह अनुनासिक संधि है।
Q17. 'संधि-विच्छेद' करते समय किन तीन चीज़ों की जाँच करते हैं?
उत्तर: (1) अंतिम व प्रारम्भिक ध्वनि, (2) अर्थ-संगति, (3) उपसर्ग/प्रत्यय/समास की मौजूदगी।
Q18. 'यण्-संधि' का सरल उदाहरण दीजिए।
उत्तर: 'वि' + 'अ' → 'व्या' (contextualized usage) — यण् पैटर्न।
Q19. 'संधि' और 'समास' में मुख्य अंतर एक वाक्य में लिखिए।
उत्तर: संधि = ध्वनि-परिवर्तन; समास = शब्दों का संयोजन जो नया अर्थ देता है।
Q20. Practical tip — संधि-विच्छेद लिखते समय exam में क्या include करें?
उत्तर: विगrah (components), कारण (कौन-सा संधि नियम लागू हुआ), और अर्थ-संगति।
Q21. 'कर्म' + 'इन्द्र' = ? उदाहरण और विग्रह दीजिए।
उत्तर: सम्भव संयोजन 'कर्मेन्द्र' (contextual); विग्रह: कर्म + इन्द्र. (यह दिखाता है कि संयुक्त शब्दों में अर्थ पर विचार करें)।
Q22. संक्षेप में — परीक्षा के लिए तीन सबसे जरूरी संधि-रूल कौन से हैं?
उत्तर: (1) अ→ए (गुण), (2) अ→ऐ/औ (वृद्धि), (3) इ/ई/उ/ऊ + अ → य/व/र/ल (यण्).
