Rise of Rajput Dynasties Notes | राजपूत वंशों का उदय व विशेषताएँ – Gurjara-Pratihara, Chauhan, Paramara, Solanki Full Magic Notes – Noble Exam City

Rise of Rajput Dynasties Notes | राजपूत वंशों का उदय व विशेषताएँ – Gurjara-Pratihara, Chauhan, Paramara, Solanki Full Magic Notes – Noble Exam City

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Rise of Rajput Dynasties – Structure & Warrior Ethos3️⃣ राजपूत वंशों का उदय व विशेषताएँ – गुर्जर-प्रतिहार, चौहान, परमार, सोलंकी आदि
🛡️ Rajput origin, प्रमुख वंश, संस्थापक शासक, सामाजिक–सैन्य ढाँचा, क्षत्रिय आदर्श व परीक्षा–उन्मुख तथ्य 📚 NCERT + मानक पुस्तकों + reputed edu websites से सटीक डेटा – UPSC/PSC/UPSSSC/Police के लिए
📚 Medieval Indian History Chapter 1: प्रारंभिक मध्यकालीन भारत (650–1200 ई.) राजपूत वंशों का उदय व विशेषताएँ
📘 भाग – 1 : विस्तृत Study Notes – राजपूत वंशों का उदय, ढाँचा व विशेषताएँ
UPSC / State PSC Level
🎯 आधार: NCERT, R.S. Sharma, Upinder Singh, NIOS, Testbook/BYJU’S इत्यादि – तथ्यों को समन्वित कर परीक्षा–उन्मुख रूप

🧭 1. राजपूत – कौन? कब? कहाँ? (Basic Overview)

“राजपूत” शब्द सामान्यतः उन योद्धा–कुलीन (warrior aristocracy) के लिए प्रयोग होता है जो लगभग 7वीं–12वीं सदी के बीच विशेष रूप से उत्तर व पश्चिम भारत में उभरे। यह केवल एक जाति नहीं, बल्कि राजनैतिक–सामाजिक श्रेणी (political category) मानी जाती है, जिसमें अनेक वंश व कुल शामिल हुए – गुर्जर–प्रतिहार, चौहान, परमार, सोलंकी, गहड़वाल, चंदेल, गोहिल/गुहिल आदि।
  • समय: मुख्य उदय 7वीं–10वीं सदी, चरम 10वीं–12वीं सदी में।
  • क्षेत्र: राजस्थान, गुजरात, मध्य भारत, पश्चिमी यूपी, मालवा, बुंदेलखंड आदि।
  • भूमिका: प्रादेशिक राजवंश के रूप में – सामन्त, राजा, महाराजाधिराज, feudatories–से–सम्राट बनने की प्रक्रिया।
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Exam Lens: “राजपूत” = fixed जाति नहीं, बल्कि उच्च कुलीन योद्धा–राजाओं का समूह, जो अलग–अलग वंशों में संगठित थे – यह NCERT व आधुनिक इतिहासकारों की महत्वपूर्ण लाइन है।

📜 2. राजपूत उद्भव (Origin) के प्रमुख सिद्धांत – परीक्षा की दृष्टि से

🔥 2.1 अग्निकुल सिद्धांत (Agnikula Theory)
  • कुछ मध्यकालीन ग्रंथों (जैसे प्रथम–राजपूत वंशावली–ग्रंथ) में वर्णन मिलता है कि राजपूतों का उदय अग्निकुंड से उत्पन्न चार कुलों से हुआ – परमार, चौहान, सोलंकी (चालुक्य), प्रतिहार।
  • यह एक पौराणिक–प्रतीकात्मक व्याख्या मानी जाती है; आधुनिक इतिहासकार इसे ऐतिहासिक रूप से शाब्दिक नहीं मानते।
🌍 2.2 विदेशी/मिश्रित–उत्पत्ति व स्थानीय कुलों का रूपांतरण
  • कुछ वंशों पर सिद्धांत: शकों, हूणों, कुषाण आदि विदेशी योद्धा समूहों के भारतीयीकरण से बने कुल।
  • कुछ स्थानीय जनजातीय व गणराज्य कुल (जैसे गहड़वाल, भारद्वाज lineage) समय के साथ राजपूत राजकुल के रूप में प्रतिष्ठित हुए।
  • अर्थात, “राजपूत” की पहचान का निर्माण धीरे–धीरे और विविध स्रोतों से हुआ।
🏹 2.3 आधुनिक दृष्टिकोण – Political Class
  • आधुनिक इतिहास–लेखन में राजपूतों को “राजसत्ता से जुड़े योद्धा–कुलीन / warrior ruling class” के रूप में देखा जाता है।
  • भिन्न–भिन्न वंश व कुलों ने क्षत्रिय–आदर्श अपनाकर स्वयं को राजपूत पहचान के अंतर्गत संगठित किया।
  • इसलिए राजपूत = प्रारंभिक मध्यकालीन भारतीय “राजसत्ता वर्ग” का एक प्रमुख रूप
📌
Prelims के लिए: “अग्निकुल सिद्धांत” – चार कुल (परमार, चौहान, सोलंकी/चालुक्य, प्रतिहार) – केवल पौराणिक/परंपरागत व्याख्या, आधुनिक इतिहासकार इसे प्रतीकात्मक मानते हैं।

🏰 3. प्रमुख राजपूत वंश – उदय, क्षेत्र व महत्वपूर्ण शासक

🛡️ 3.1 गुर्जर–प्रतिहार (Gurjara–Pratihara)
  • उदय: 7वीं–8वीं सदी; मूल क्षेत्र – राजस्थान–गुजरात belt।
  • महत्वपूर्ण शासक: नागभट्ट I, नागभट्ट II, मिहिरभोज (सबसे प्रसिद्ध), महेन्द्रपाल।
  • राजधानी: पहले भिनमाल व अन्य स्थान, बाद में कन्नौज (Kannauj) पर अधिकार।
  • भूमिका: Tripartite Struggle में कन्नौज के लिए Pala व Rashtrakuta के साथ संघर्ष; अरब आक्रमणों के खिलाफ पश्चिमी सीमा की रक्षा में महत्वपूर्ण।
🏹 3.2 चौहान / चाहमन (Chauhan / Chahaman)
  • क्षेत्र: अजमेर–शाकम्भरी, बाद में दिल्ली क्षेत्र।
  • महत्वपूर्ण शासक: अर्णोराज, विग्रहराज IV, पृथ्वीराज III (पृथ्वीराज चौहान)
  • राजधानी: अजयमेरु (Ajmer), बाद में दिल्ली पर भी शासन।
  • भूमिका: 12वीं सदी में तुर्क–आक्रमणों के खिलाफ संघर्ष – तराइन के युद्धों (1189/1191, 1192) में Ghurid सेना से भिड़ंत।
📚 3.3 परमार (Paramara) – मालवा के राजपूत
  • क्षेत्र: मालवा (Dhar, Ujjain) केंद्र।
  • संस्थापक माने जाते हैं: सीया–क या उपेन्द्र (विभिन्न परंपराएँ)।
  • सबसे प्रसिद्ध शासक: राजा भोज – विद्वान, साहित्य व वास्तुकला–संरक्षक।
  • राजधानी: धार; उज्जयिनी भी महत्वपूर्ण केन्द्र।
🌊 3.4 सोलंकी / चालुक्य (Solanki / Chaulukya of Gujarat)
  • क्षेत्र: अनहिलवाड़ा–पाटन (Anhilwara Patan), गुजरात
  • संस्थापक: मूलराज (Mularaja)।
  • प्रसिद्ध शासक: सिद्धराज जयसिंह, कुमारपाल – जैन धर्म के संरक्षण के लिए भी प्रसिद्ध।
  • मंदिर–वास्तुकला: मोडेरा सूर्य मंदिर आदि से जुड़ा काल।
🏯 3.5 अन्य महत्वपूर्ण राजपूत वंश (संक्षेप में)
  • गहड़वाल (Gahadavala): कन्नौज–वाराणसी के शासक; जयचंद्र सबसे प्रसिद्ध।
  • चंदेल (Chandela): बुंदेलखंड/खजुराहो के शासक – रमणीय मंदिर–समूह के लिए प्रसिद्ध।
  • गुहिल/गोहिल (Mewar): उदयपुर–चित्तौड़गढ क्षेत्र के पूर्वज राजपूत वंश।
  • तोमर (Tomara): दिल्ली क्षेत्र के प्रारंभिक शासक; बाद में चौहानों का आगमन।
🧠 3.6 “कौन कहाँ?” – याद रखने का शॉर्ट मैप
  • गुर्जर–प्रतिहार → राजस्थान–कन्नौज
  • चौहान / चाहमन → अजमेर–दिल्ली
  • परमार → मालवा (धार, उज्जैन)
  • सोलंकी/चालुक्य → गुजरात (अनहिलवाड़ा पाटन)
  • चंदेल → बुंदेलखंड (खजुराहो)
  • गहड़वाल → कन्नौज–वाराणसी
🧩 3.7 राजपूत वंशों की समानताएँ (Common Features)
  • स्वयं को क्षत्रिय / राजकुल के रूप में प्रस्तुत करना।
  • किले (दुर्ग), मंदिर–निर्माण, भूमि–दान, ब्राह्मण व मंदिर–संरक्षण।
  • सामन्त–आधारित सैन्य व प्रशासनिक ढाँचा – अनेक छोटे feudatories व ठिकाने अधीन।
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Prelims Shortcut: “कन्नौज” = Gurjara–Pratihara + बाद में Gahadavala। “अजमेर–दिल्ली” = Chauhan। “मालवा–धार–उज्जैन” = Paramara (Raja Bhoja)। “गुजरात–अनहिलवाड़ा” = Solanki (Chaulukya)।

⚔️ 4. राजपूत समाज व सैन्य–ढाँचा (Social–Military Structure)

👨‍👩‍👦 4.1 कुल, वंश, गोत्र व वंशावली
  • राजपूत समाज कुल (clan), वंश, गोत्र, शाखाओं में विभक्त।
  • प्रत्येक वंश अपनी वंशावली (genealogy) को प्राचीन राजाओं/देवताओं से जोड़ता है।
  • भाट, चारण आदि वंश–गायक वर्णन व गौरव–कथाएँ तैयार करते हैं।
🗡️ 4.2 सैन्य–संगठन
  • सेना मुख्यतः घुड़सवार (cavalry), पैदल सेना, हाथी व स्थानीय मिलिशिया पर आधारित।
  • अनेक ठाकुर, सामन्त, सरदार अपने–अपने सैनिक समूह लेकर राजा की सेवा में।
  • किले (दुर्ग) व पहाड़ी क्षेत्रों में रक्षा–व्यवस्था; युद्ध में व्यक्तिगत वीरता पर जोर।
🌾 4.3 भूमि–स्वामित्व व सामन्त
  • राजा द्वारा सामन्तों, ठाकुरों, मंदिरों, ब्राह्मणों को भूमि–दान।
  • इनको भूमि के साथ राजस्व–संग्रह, स्थानीय प्रशासन के अधिकार भी।
  • इससे समाज–सत्ता सामन्तों के हाथ में काफी हद तक आ जाती है – क्लासिक “feudal–like” संरचना।
📌
Mains के लिए: “राजपूत polity = किले–केन्द्रित सत्ता + सामन्त–आधारित सेना + वंश–गौरव पर आधारित सामाजिक ढाँचा।” इसे एक formula line की तरह याद रखें।

🕊️ 5. राजपूत क्षत्रिय–आदर्श (Kshatriya Ideals & Ethos)

⚖️ 5.1 क्षत्रिय धर्म व मर्यादा
  • वीरता (शौर्य), सम्मान (प्रतिष्ठा), निष्ठा (loyalty) को सर्वोच्च मूल्य।
  • “अपमान से मृत्यु बेहतर” – कई किंवदंतियाँ, लोक–काव्य इस आदर्श पर आधारित।
  • गाय, ब्राह्मण, भूमि व धर्म की रक्षा को भी क्षत्रिय–धर्म का अंग माना गया।
🏛️ 5.2 धर्म, कला व साहित्य का संरक्षण
  • मंदिर–निर्माण, तीर्थ–विकास, ब्राह्मण व मठों को भूमि–दान।
  • कई राजपूत दरबारों में कवि, विद्वान, वास्तु–विशारद, शिल्पी संरक्षित।
  • राजपूत–केंद्रित लोक–गीत, वीर–काव्य (जैसे पृथ्वीराज रासो) बाद की परंपरा का हिस्सा।
🔥 5.3 युद्ध, जौहर व सकाः (Exam Context)
  • मध्यकाल में कई स्रोतों में जौहर व सका का वर्णन – किलों के गिरने की स्थिति में स्त्रियों व पुरुषों की अलग–अलग प्रतिक्रियाएँ।
  • इन घटनाओं को इतिहास में संदर्भ सहित पढ़ा जाता है, आधुनिक दृष्टि में इनका मूल्यांकन बहस का विषय है।
  • परीक्षा में इन्हें मुख्यतः राजपूत warrior–ethos के एक पक्ष के रूप में संदर्भित किया जाता है, किसी प्रकार की Glorification नहीं लिखनी चाहिए।
🧠
Answer Writing Tip: “राजपूत क्षत्रिय–आदर्श केवल युद्ध–शौर्य तक सीमित नहीं थे; वे धर्म–संरक्षण, वचन–पालन, दान व कला–संरक्षण तक विस्तृत थे।” इसे mains में balance line की तरह उपयोग कर सकते हैं।

📊 6. राजपूत शासन–प्रणाली व अर्थ–व्यवस्था – मुख्य बिंदु

🏯 6.1 प्रशासन – स्तर व पद
  • राजा के अधीन अमात्य, मन्त्रि, सेनापति, ग्राम–प्रधान, देशाधिपति जैसे पद।
  • प्रदेश/मंडल–विभाजन – विभिन्न नामों से (देश, पट्ट, विशय, मंडल)।
  • वास्तविक नियंत्रण अक्सर स्थानीय सामन्तों व ठाकुरों के हाथ में।
🌾 6.2 अर्थ–व्यवस्था
  • मुख्य आधार – कृषि व भूमि–कर (भोग, कर, लगान)।
  • कुछ राजपूत राज्यों में व्यापार–मार्गों (राजस्थान–सिंध–गुजरात) से आय।
  • मंदिरों व मठों के पास भी बड़ी मात्रा में भूमि व संसाधन – ये भी स्थानीय अर्थ–व्यवस्था के केंद्र बने।
⚖️ 6.3 सीमाएँ
  • अधिकांश राजपूत राज्य क्षेत्रीय सीमा से बाहर स्थायी विस्तार नहीं कर सके।
  • आपसी संघर्ष, सामन्ती विखंडन व आर्थिक सीमाएँ – मजबूत केंद्रीकरण की कमी का कारण।
  • इसी पृष्ठभूमि में तुर्क–आक्रमणों का सामना करते हैं।
📌
निष्कर्ष: “राजपूत polity न तो पूर्ण रूप से विफल थी, न ही अखिल भारतीय सम्राज्य–स्तर की; यह क्षेत्रीय सामन्ती–सत्ता, क्षत्रिय–आदर्श और किले–केन्द्रित संरचना का मिश्रण थी।”
भाग – 2 : Quick Revision (पूरी तरह हिंदी – 3–5 मिनट में राजपूत टॉपिक रिवाइज)
Prelims + Mains Formula
परीक्षा–पूर्व दोहराने के लिए संक्षिप्त बिंदु – Rajput origin, प्रमुख वंश, map, सामाजिक–सैन्य ढाँचा
🧭 1. राजपूत – कौन? कब? कहाँ?
  • 7वीं–12वीं सदी के बीच उभरने वाला योद्धा–कुलीन (warrior aristocracy) समूह।
  • मुख्य क्षेत्र: राजस्थान, गुजरात, मालवा, बुंदेलखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश।
  • एक निश्चित जाति नहीं, बल्कि कई वंशों का राजनीतिक–सामाजिक समूह
  • गुर्जर–प्रतिहार, चौहान, परमार, सोलंकी, चंदेल, गहड़वाल, तोमर, गुहिल आदि वंश।
Warrior Aristocracy 7th–12th Century
📜 2. उद्भव के सिद्धांत (Origin)
  • अग्निकुल सिद्धांत: परमार, चौहान, सोलंकी, प्रतिहार अग्निकुंड से उत्पन्न – पौराणिक प्रतीक।
  • विदेशी/मिश्रित सिद्धांत: कुछ वंश – शक, हूण आदि के भारतीयीकरण से।
  • लोकल कुलों का उन्नयन: कई स्थानीय गण, जनजाति, भू–स्वामी कुल – समय के साथ “राजपूत” कहलाए।
  • आधुनिक दृष्टि: राजपूत = राजसत्ता–सम्बंधित योद्धा वर्ग, एक process से बनी पहचान।
Agnikula Political Class
🏰 3. प्रमुख রাজपूत वंश – “कौन कहाँ?”
  • गुर्जर–प्रतिहार → राजस्थान + कन्नौज (मिहिरभोज, नागभट्ट)।
  • चौहान/चाहमन → अजमेर–दिल्ली (पृथ्वीराज चौहान)।
  • परमार → मालवा (धार, उज्जैन) – राजा भोज।
  • सोलंकी/चालुक्य → गुजरात (अनहिलवाड़ा–पाटन) – सिद्धराज, कुमारपाल।
  • चंदेल → बुंदेलखंड, खजुराहो।
  • गहड़वाल → कन्नौज–वाराणसी (जयचंद्र)।
Pratihara–Kannauj Chauhan–Ajmer
⚔️ 4. सामाजिक–सैन्य ढाँचा
  • समाज = कुल, वंश, गोत्र, शाखाएँ; वंशावली पर जोर।
  • सेना = घुड़सवार, पैदल, हाथी; किले–आधारित रक्षा।
  • सामन्त, ठाकुर, सरदार अपने सैन्य दले के साथ राज–सेना का हिस्सा।
  • भूमि–दान व सामन्त–प्रथा = “feudal–type” संरचना, गाँव–स्तर पर local elites की मजबूत पकड़।
Feudal Pattern Fort–Based
🛡️ 5. क्षत्रिय आदर्श व राजपूत ethos
  • शौर्य, सम्मान, निष्ठा – सर्वोच्च मूल्य।
  • “अपमान से मृत्यु श्रेयस्कर” – लोक–कथाओं में बार–बार।
  • धर्म, गौ, ब्राह्मण, मातृभूमि की रक्षा को कर्तव्य माना।
  • मंदिर–निर्माण, दान, साहित्य–संरक्षण – राजपूत संस्कृति का प्रमुख पक्ष।
Kshatriya Dharma Veer Tradition
📊 6. शक्ति व सीमाएँ (Strength & Limits)
  • शक्ति: वीर योद्धा, क्षेत्रीय पहचान, दुर्ग–संरचना, कला–वास्तुकला का विकास।
  • सीमाएँ: आपसी संघर्ष, सामन्ती विखंडन, अखिल भारतीय केंद्रीकरण की कमी।
  • तुर्क आक्रमणों के समय कोई संयुक्त रक्षा–फ्रंट नहीं बन पाया।
  • फिर भी ये प्रारंभिक मध्यकालीन भारतीय polity के मुख्य regional actor थे।
Fragmentation Regional Power
भाग – 3 : PYQs / One Liners – राजपूत वंशों का उदय व विशेषताएँ (Show / Hide Answer)
40 High Yield Qs
फोकस: राजपूत शब्द, उद्भव के सिद्धांत, प्रमुख वंश (गुर्जर–प्रतिहार, चौहान, परमार, सोलंकी, चंदेल, गहड़वाल आदि), map–matching, संस्थापक–शासक, क्षत्रिय आदर्श व socio–military structure।
Q1. “राजपूत” शब्द मुख्यतः किस काल में उभरता दिखता है – प्रारंभिक मध्यकाल (7वीं–12वीं सदी) या वैदिक युग में? 👁️Show / Hide
उत्तर: प्रारंभिक मध्यकाल (लगभग 7वीं–12वीं सदी)।
वैदिक युग में यह “राजपूत” शब्द के रूप में नहीं मिलता।
Q2. राजपूत को आज के इतिहास–लेखन में किस रूप में देखा जाता है – एक निश्चित जाति या warrior aristocracy/political class? 👁️Show / Hide
सही उत्तर: warrior aristocracy / political class।
कई वंशों व कुलों का समूह, केवल एक जाति नहीं।
Q3. अग्निकुल सिद्धांत के अनुसार कितने प्रमुख राजपूत कुल अग्निकुंड से उत्पन्न माने गए हैं – दो या चार? 👁️Show / Hide
उत्तर: चार – परमार, चौहान, सोलंकी (चालुक्य), प्रतिहार।
यह पौराणिक/परंपरागत व्याख्या है।
Q4. आधुनिक इतिहासकार अग्निकुल सिद्धांत को किस रूप में देखते हैं – शाब्दिक ऐतिहासिक तथ्य या प्रतीकात्मक पौराणिक कथा? 👁️Show / Hide
सही उत्तर: प्रतीकात्मक पौराणिक कथा / वैध वैदिक–देव–legitimacy की प्रतीक।
इसे literal history नहीं माना जाता।
Q5. गुर्जर–प्रतिहार वंश की प्रारंभिक शक्ति किस क्षेत्र में थी – राजस्थान–गुजरात या असम–मणिपुर में? 👁️Show / Hide
उत्तर: राजस्थान–गुजरात व पश्चिमी भारत।
बाद में कन्नौज पर भी इनका अधिकार रहा।
Q6. गुर्जर–प्रतिहारों के सर्वाधिक प्रसिद्ध शासक कौन माने जाते हैं – मिहिरभोज या पृथ्वीराज चौहान? 👁️Show / Hide
सही उत्तर: मिहिरभोज (Pratihara ruler)।
पृथ्वीराज चौहान – Chauhan वंश के।
Q7. कन्नौज पर अधिकार के लिए Tripartite Struggle में दक्षिण से भाग लेने वाला वंश कौन था – Rashtrakuta या Chola? 👁️Show / Hide
उत्तर: Rashtrakuta।
Chola मुख्यतः दक्षिण–पूर्वी तटीय शक्ति थे।
Q8. चौहान/चाहमन वंश का प्रमुख क्षेत्र कौन–सा था – अजमेर–दिल्ली या बंगाल–बिहार? 👁️Show / Hide
सही उत्तर: अजमेर–दिल्ली क्षेत्र।
अजयमेरु (Ajmer) इनकी प्रमुख राजधानी रही।
Q9. पृथ्वीराज III (पृथ्वीराज चौहान) किस युद्ध के लिए सर्वाधिक प्रसिद्ध हैं – तराइन के युद्ध या पानीपत का युद्ध? 👁️Show / Hide
उत्तर: तराइन के युद्ध (1191, 1192) – Ghurid सेनापति मुहम्मद गोरी के साथ।
पानीपत – बाद के मध्यकाल (मुगल–काल)।
Q10. परमार वंश की राजधानी कौन–सी थी – धार/उज्जैन या थंजावुर? 👁️Show / Hide
सही उत्तर: धार (Dhar) व उज्जयिनी (Malwa region)।
थंजावुर – चोल साम्राज्य की राजधानी।
Q11. “राजा भोज” किस राजपूत वंश से सम्बंधित थे – परमार या सोलंकी? 👁️Show / Hide
उत्तर: परमार (Paramara) वंश, मालवा क्षेत्र के शासक।
विद्वान, साहित्य–संरक्षक के रूप में प्रसिद्ध।
Q12. सोलंकी/चालुक्य वंश की राजधानी कौन–सी थी – अनहिलवाड़ा–पाटन या नालंदा? 👁️Show / Hide
सही उत्तर: अनहिलवाड़ा–पाटन (गुजरात)।
नालंदा – महाविहार (Pala–पोषित)।
Q13. सोलंकी शासक कुमारपाल किस धर्म के महत्वपूर्ण संरक्षक माने जाते हैं – जैन धर्म या बौद्ध धर्म? 👁️Show / Hide
उत्तर: जैन धर्म।
सिद्धराज जयसिंह व कुमारपाल – Solanki शासक।
Q14. खजुराहो के प्रसिद्ध मंदिर–समूह किस राजपूत वंश से जुड़े हैं – चंदेल या गहड़वाल? 👁️Show / Hide
सही उत्तर: चंदेल (Chandela) वंश।
बुंदेलखंड क्षेत्र के शासक।
Q15. गहड़वाल (Gahadavala) वंश की प्रमुख राजधानी कौन–सी थी – कन्नौज या कांचीपुरम? 👁️Show / Hide
उत्तर: कन्नौज (और वाराणसी क्षेत्र)।
जयचंद्र – इसी वंश के शासक माने जाते हैं।
Q16. तोमर (Tomara) राजपूत मुख्यतः किस नगर–क्षेत्र से जुड़े हैं – प्रारंभिक दिल्ली या मदुरै? 👁️Show / Hide
सही उत्तर: प्रारंभिक दिल्ली (लगभग 8वीं–12वीं सदी)।
बाद में चौहानों ने दिल्ली पर अधिकार किया।
Q17. निम्न में से कौन–सा जोड़ा गलत है?
(अ) गुर्जर–प्रतिहार – कन्नौज
(ब) चौहान – अजमेर–दिल्ली
(स) परमार – मालवा (धार)
(द) सोलंकी – वाराणसी
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गलत जोड़ा: (द) सोलंकी – वाराणसी।
सोलंकी – अनहिलवाड़ा पाटन (गुजरात) से संबद्ध।
Q18. राजपूत सेना में निम्न में से किस घटक पर सबसे अधिक जोर था – घुड़सवार, नाविक या हवाई सेना? 👁️Show / Hide
उत्तर: घुड़सवार (cavalry) व हाथी–दले के साथ पैदल सेना।
नाविक/हवाई सेना का संदर्भ इस युग में नहीं।
Q19. राजपूत समाज में वंशावली (genealogy) का लेखन किसके द्वारा अधिक किया जाता था – भाट/चारण या फ़ारसी इतिहासकारों द्वारा? 👁️Show / Hide
सही उत्तर: भाट, चारण, जात–कवि आदि द्वारा।
फ़ारसी इतिहासकार बाद के सुल्तनत/मुगल काल में अधिक सक्रिय।
Q20. राजपूत शासकों के संदर्भ में कौन–सा कथन अधिक उपयुक्त है?
(अ) केवल युद्ध, कोई सांस्कृतिक योगदान नहीं
(ब) युद्ध के साथ–साथ मंदिर–निर्माण, साहित्य–संरक्षण आदि में भी योगदान
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उचित कथन: (ब)।
खजुराहो, मंदिर–शहर, किला–वास्तुकला आदि इसका प्रमाण हैं।
Q21. “अपमान से मृत्यु श्रेयस्कर है” – इस प्रकार की धारणाएँ किस आदर्श से जुड़ी हैं – क्षत्रिय–धर्म या वैश्य–धर्म? 👁️Show / Hide
उत्तर: क्षत्रिय–धर्म व warrior ethos से।
कई राजपूत लोक–कथाएँ इस आदर्श को प्रतिबिम्बित करती हैं।
Q22. जौहर–सका जैसी प्रथाएँ किस समाज से विशेष रूप से जोड़ी जाती हैं – राजपूत या मगध के नंद शासकों से? 👁️Show / Hide
सही उत्तर: राजपूत–समाज की अनेक कथाओं/दाख़लों से।
हालाँकि इनका आधुनिक व्याख्यान संवेदनशील व बहस–योग्य विषय है।
Q23. राजपूत polity में “सामन्त” किसे कहा जा सकता है – स्थानीय अधीन–राजा/भू–स्वामी या केवल व्यापारीवर्ग को? 👁️Show / Hide
उत्तर: स्थानीय अधीन–राजा/भू–स्वामी (subordinate rulers)।
व्यापारीवर्ग अलग सामाजिक–आर्थिक समूह था।
Q24. राजपूत राज्यों में भूमि–दान सामान्यतः किसको नहीं दिया जाता था – ब्राह्मण, मंदिर, मठ या “विदेशी आक्रमणकारी सेनापति” को? 👁️Show / Hide
स्पष्ट उत्तर: “विदेशी आक्रमणकारी सेनापति” को नहीं।
भूमि–दान अधिकतर ब्राह्मण, मंदिर, मठ, स्थानीय सामन्त को।
Q25. निम्न में से कौन–सा राजपूत वंश गुजरात क्षेत्र से संबंधित है?
(अ) सोलंकी/चालुक्य
(ब) गहड़वाल
(स) चंदेल
(द) परमार
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सही विकल्प: (अ) सोलंकी/चालुक्य।
अनहिलवाड़ा–पाटन इनकी राजधानी थी।
Q26. खजुराहो किस राजपूत वंश और किस क्षेत्र से जुड़ा है – चंदेल, बुंदेलखंड या चौहान, मेवाड़? 👁️Show / Hide
उत्तर: चंदेल वंश, बुंदेलखंड क्षेत्र।
यहाँ के नागर–शैली मंदिर विश्व–प्रसिद्ध हैं।
Q27. राजपूत polity की एक महत्वपूर्ण कमजोरी क्या मानी जाती है – आंतरिक एकता या आपसी संघर्ष व सामन्ती विखंडन? 👁️Show / Hide
सही उत्तर: आपसी संघर्ष व सामन्ती विखंडन।
इसी कारण वे अखिल भारतीय स्तर पर एकजुट defence नहीं बना सके।
Q28. Early Medieval India में राजपूत वंशों का उदय किस प्रक्रिया से जुड़ा है – regionalisation of polity या complete centralisation? 👁️Show / Hide
उत्तर: regionalisation of polity – सत्ता का क्षेत्रीय राज्यों में बँटना।
राजपूत वंश इन्हीं क्षेत्रीय शक्तियों का एक प्रमुख रूप हैं।
Q29. निम्न में से कौन–सा जोड़ा सही है?
(अ) गुर्जर–प्रतिहार – अरब–आक्रमणों के प्रतिकार से भी जुड़े
(ब) चौहान – केवल दक्षिण भारत
(स) सोलंकी – असम
(द) चंदेल – कश्मीर
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सही जोड़ा: (अ) गुर्जर–प्रतिहार – अरब–आक्रमणों के प्रतिकार से भी जुड़े।
बाकी तीन pairings गलत हैं।
Q30. किस वंश के शासक को “राजपूतों में एक महान विद्वान–राजा” के रूप में उल्लेखित किया जाता है – राजा भोज या पृथ्वीराज चौहान? 👁️Show / Hide
उत्तर: राजा भोज (परमार वंश)।
उनके नाम पर “भोजशाला” व अनेक ग्रंथों की परंपरा जुड़ी है।
Q31. राजपूत समाज में “भाट” और “चारण” की भूमिका क्या थी – राजस्व–वसूली या वंशावली व वीर–कथाओं का संरक्षण? 👁️Show / Hide
सही उत्तर: वंशावली व वीर–कथाओं का संरक्षण व गायन।
राजस्व–वसूली प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा।
Q32. कोई प्रश्न पूछे – “राजपूत केवल युद्धक समाज था, उनका कोई सांस्कृतिक योगदान नहीं।” – यह कथन कैसा है? 👁️Show / Hide
Mains उत्तर: एकतरफा और गलत। राजपूतों ने मंदिर–निर्माण, नगर–विकास, साहित्य व कला–संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया (खजुराहो, मंदिर–शहर, किला–वास्तुकला, लोक–काव्य आदि)।
Balanced view देना जरूरी है।
Q33. राजपूत polity पर 2–3 पंक्तियों का निष्कर्ष कैसे लिखेंगे? (Ready–made line) 👁️Show / Hide
Suggested Line:
“राजपूत वंशों का उदय प्रारंभिक मध्यकालीन भारत की क्षेत्रीय, सामन्त–आधारित व किले–केन्द्रित राजनीति का प्रतीक था। इनकी वीर परंपरा के साथ–साथ मंदिर–निर्माण, कला–संरक्षण व धर्म–संरक्षण ने भारतीय मध्यकालीन समाज को गहराई से प्रभावित किया।”
इसे mains answer के conclusion में use कर सकते हैं।
Q34. MCQ के लिए – “अग्निकुल राजपूत” शब्द निम्न में से किन वंशों से जोड़ा जाता है? एक उपयुक्त विकल्प चुनिए। 👁️Show / Hide
संकेतात्मक उत्तर: परमार, चौहान, सोलंकी (चालुक्य), प्रतिहार – ये चार अग्निकुल परंपरा में गिने जाते हैं।
कई State PSC में सीधा पूछा गया है।
Q35. Early Medieval India के संदर्भ में “Rajputisation” शब्द से क्या अभिप्राय है? (Conceptual) 👁️Show / Hide
Concept: कई स्थानीय गण, जनजाति, भू–स्वामी व शक्ति–समूह समय के साथ–साथ राजपूत पहचान के तहत शामिल होते गए – अर्थात राजपूत status प्राप्त करने की ऐतिहासिक–सामाजिक प्रक्रिया।
यह शब्द आधुनिक इतिहास–लेखन में प्रयुक्त है।
Q36. एक लाइन में लिखिए – “Why Rajputs are central to Early Medieval polity?” (1–2 मार्क्स के लिए) 👁️Show / Hide
संक्षिप्त उत्तर: क्योंकि 7वीं–12वीं सदी में उत्तर–पश्चिम, मालवा, गुजरात, बुंदेलखंड, कन्नौज–घाटी आदि क्षेत्रों की प्रमुख राजनीतिक शक्ति इन्हीं राजपूत वंशों के हाथ में थी।
यानी वे regional power–centres के मुख्य carrier थे।
Q37. निम्न mapping मिलाइए – (1) गुर्जर–प्रतिहार (2) परमार (3) चंदेल (4) सोलंकी
(क) मालवा (ख) बुंदेलखंड (ग) कन्नौज/राजस्थान (घ) गुजरात
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सही matching:
गुर्जर–प्रतिहार → (ग) कन्नौज/राजस्थान
परमार → (क) मालवा
चंदेल → (ख) बुंदेलखंड
सोलंकी → (घ) गुजरात
ऐसे matching प्रश्न State PCS में अक्सर आते हैं।
Q38. राजपूत वंशों की आलोचना में कौन–सा बिंदु कभी–कभी उठता है, जिसे उत्तर में balanced तरीके से address करना चाहिए? 👁️Show / Hide
Point: आपसी ईर्ष्या, संकीर्ण क्षेत्रीय हित, सामन्ती विखंडन, और समय पर संयुक्त प्रतिरोध का अभाव – पर साथ–साथ यह भी लिखना चाहिए कि इनमें सांस्कृतिक व निर्माण–गत योगदान भी अत्यधिक था।
Answer को केवल नकारात्मक या केवल सकारात्मक न बनाएं।
Q39. MCQ: “राजपूतों को केवल एक ‘सैन्य जाति’ कहना गलत है क्योंकि…” – उपयुक्त कारण चुनिए। 👁️Show / Hide
Reason: वे न केवल युद्ध में, बल्कि प्रशासन, भूमि–व्यवस्था, संस्कृति, कला, धर्म–संरक्षण में भी सक्रिय थे; इसलिए उन्हें केवल “सैन्य जाति” कहना उनके बहुआयामी योगदान को कम करके देखना होगा।
ऐसी पंक्तियाँ Mains के लिए ready–made रखें।
Q40. एक वाक्य में लिखिए – “Early Medieval India में राजपूत वंशों की राजनीतिक विरासत क्या थी?” (1–2 अंक) 👁️Show / Hide
Suggested Sentence:
“Early Medieval India में राजपूत वंशों ने क्षेत्रीय राज्यों की ऐसी परंपरा स्थापित की जो Delhi Sultanate व बाद के मध्यकालीन भारत के राजनीतिक मानचित्र की बुनियाद बनी।”
इसे सीधे answer में lift कर सकते हैं।

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