🪨 Chapter 1: प्रागैतिहासिक भारत – शैलाश्रय व पुरापाषाण संस्कृति
Prehistoric India Notes in Hindi for UPSC, SSC, State PCS, Railway, Police, Teaching Exams
यह नोट्स प्रागैतिहासिक भारत (Prehistoric India) के अंतर्गत आने वाले शैलाश्रय (Rock Shelters) व पुरापाषाण संस्कृति (Paleolithic Culture) पर आधारित हैं। यहाँ जानकारी को Chronological (समयक्रमिक) तरीके से, साथ में Infographic Timeline और अंत में Quick Revision Notes के रूप में प्रस्तुत किया गया है।
1️⃣ प्रागैतिहासिक भारत व पुरापाषाण काल : एक परिचय
प्रागैतिहासिक भारत (Prehistoric India) वह काल है जब मनुष्य ने अभी लेखन कला (Writing) विकसित नहीं की थी। इस काल की जानकारी हमें मुख्यतः पुरातात्विक साक्ष्यों से मिलती है, जैसे: शैलाश्रय, गुफाएँ, पत्थर के औज़ार, हड्डियों के अवशेष, चित्र आदि।
इसी प्रागैतिहासिक काल का आरंभिक हिस्सा है पुरापाषाण काल (Paleolithic Age), जिसका शाब्दिक अर्थ है – पुराना पत्थर युग (Old Stone Age)। इस समय मनुष्य शिकारी-संग्राहक (Hunter-Gatherer) था और मुख्यतः कठोर पत्थर के औज़ार बनाता था।
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2️⃣ पुरापाषाण काल की समयरेखा (Chronology of Paleolithic Age)
1. प्रारंभिक पुरापाषाण काल (Lower Paleolithic)
- सबसे पुराने पत्थर के औज़ार – हैंडऐक्स (Handaxe), क्लिवर (Cleaver)
- प्रमुख स्थल: सोन-नर्मदा घाटी, अत्तिरमपक्कम (तमिलनाडु)
- होमो हैबिलिस, होमो इरेक्टस जैसे आरंभिक मानव प्रकारों से सम्बंधित
2. मध्य पुरापाषाण काल (Middle Paleolithic)
- फ्लेक (Flake) आधारित औज़ार – स्क्रेपर, बोरोर आदि
- शिकार की तकनीक में सुधार, समूह बनाकर शिकार
- कुछ स्थानों पर आग के प्रयोग के प्रमाण
3. उत्तर पुरापाषाण काल (Upper Paleolithic)
- सूक्ष्म औज़ार (Microliths) की शुरुआत
- शैलचित्र (Rock Paintings) व कला के प्रारंभिक प्रमाण
- प्रसिद्ध स्थल: भीमबेटका शैलाश्रय (मध्य प्रदेश)
3️⃣ शैलाश्रय (Rock Shelters) व गुफाएँ
शैलाश्रय (Rock Shelters) प्राकृतिक रूप से बने हुए पत्थरीले आश्रय होते हैं, जहाँ प्रारंभिक मनुष्य बारिश, ठंड, गर्मी और जंगली जानवरों से बचने के लिए रहता था। ये अधिकतर चट्टानी पहाड़ियों, नदी घाटियों और जंगलों के आसपास मिलते हैं।
- आमतौर पर रेत-पत्थर (Sandstone) या चूना-पत्थर की चट्टानों से बने होते हैं।
- कई शैलाश्रयों की छतों और दीवारों पर शैलचित्र (Rock Paintings) मिलते हैं।
- यही शैलचित्र हमें प्रागैतिहासिक मानव के जीवन, शिकार, नृत्य, पशु-पक्षी, धार्मिक धारणाओं की झलक देते हैं।
• यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल (UNESCO World Heritage Site)
• यहाँ के चित्र Upper Paleolithic से लेकर ऐतिहासिक काल तक के हैं।
• चित्रों में – शिकार, नृत्य, युद्ध, जानवर, हाथों की छाप, ज्यामितीय आकृतियाँ दिखाई देती हैं।
4️⃣ भारत में पुरापाषाण काल के प्रमुख स्थल (Important Paleolithic Sites in India)
प्रतियोगी परीक्षाओं में अक्सर “स्थल – राज्य – विशेषता” के रूप में प्रश्न पूछे जाते हैं। नीचे तालिका के रूप में मुख्य पुरापाषाण स्थल दिए जा रहे हैं:
| स्थल / क्षेत्र | वर्तमान राज्य | मुख्य विशेषताएँ | Exam Point |
|---|---|---|---|
| भीमबेटका शैलाश्रय | मध्य प्रदेश (भोपाल के पास) | शैलचित्र, Upper Paleolithic से ऐतिहासिक काल तक की परतें | UNESCO World Heritage Site; प्रागैतिहासिक कला का प्रमुख केंद्र |
| सोन व नर्मदा घाटी | मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश | Lower Paleolithic के Handaxe, Cleaver औज़ार | भारत के सबसे पुराने पुरापाषाण स्थलों में से एक |
| अत्तिरमपक्कम | तमिलनाडु | बहुत प्राचीन पत्थर के औज़ार, Acheulian परंपरा | शुरुआती मानव बस्तियों के साक्ष्य; Lower Paleolithic |
| कुर्नूल गुफाएँ | आंध्र प्रदेश | हड्डियों के अवशेष, शिकार के प्रमाण | प्रागैतिहासिक भोजन-पद्धति का महत्वपूर्ण स्रोत |
| हुनsgi, बहादुराबाद आदि | कर्नाटक | विभिन्न प्रकार के पत्थर के औज़ार | दक्षिण भारत के प्रमुख Paleolithic केंद्र |
| बेलन घाटी | उत्तर प्रदेश | Paleolithic से Neolithic तक की सांस्कृतिक श्रृंखला | सतत सांस्कृतिक विकास समझने के लिए महत्वपूर्ण |
• भीमबेटका किस राज्य में स्थित है?
• किस स्थल को UNESCO World Heritage Site घोषित किया गया है?
• Lower Paleolithic औज़ार किस घाटी में अधिक मिलते हैं?
• बेलन घाटी किस नदी से सम्बंधित है?
5️⃣ पुरापाषाण काल में जीवन शैली (Lifestyle of Paleolithic People)
5.1 भोजन (Food & Subsistence)
- प्रमुख रूप से शिकारी-संग्राहक (Hunter-Gatherer) थे।
- जंगली जानवरों का शिकार, मछली पकड़ना, जंगली फल, कंद-मूल, जामुन, शहद इत्यादि।
- कृषि का ज्ञान नहीं था; न ही स्थाई पशुपालन का प्रमाण।
5.2 आवास (Shelter)
- प्रमुख रूप से शैलाश्रय, गुफाएँ, नदी घाटियों के पास ऊँचे स्थान।
- कभी-कभी पेड़ों की शाखाओं व पत्तों से झोंपड़ी जैसी संरचनाएँ।
- पानी के स्रोत और शिकार क्षेत्र के पास रहना पसंद करते थे।
5.3 वस्त्र (Clothing)
- शुरुआती काल में संभवतः बिना वस्त्र या बहुत सीमित वस्त्र।
- धीरे-धीरे जानवरों की खाल (Animal Skin) का प्रयोग।
- कुछ स्थानों पर हड्डी/दाँत से बने आभूषणों के प्रमाण मिलते हैं।
5.4 सामाजिक जीवन (Social Life)
- छोटे-छोटे कबीलाई समूह (Bands) में रहना।
- समूह में शिकार, भोजन साझा करना, सुरक्षा की जिम्मेदारी।
- समूह के भीतर किसी न किसी रूप में नेतृत्व व नियमों की व्यवस्था रही होगी।
5.5 धर्म व आस्था (Beliefs & Religion – प्रारंभिक संकेत)
- शैलचित्रों में नृत्य, शिकार से पहले अनुष्ठान जैसी आकृतियाँ – प्रारंभिक आस्था का संकेत।
- कुछ स्थानों पर जानवरों की खोपड़ी व हड्डियों को विशेष ढंग से रखने के प्रमाण।
- प्राकृतिक शक्तियों (सूर्य, चंद्र, पशु) के प्रति श्रद्धा की शुरुआत संभव।
6️⃣ पुरापाषाण काल के औज़ार (Paleolithic Tools)
पुरापाषाण काल की सबसे बड़ी पहचान है कठोर पत्थर के औज़ार, जिनसे शिकार, काटना, खुरचना, खोदना आदि काम किए जाते थे। औज़ारों का विकास भी समय के साथ Lower → Middle → Upper Paleolithic में बदलता गया।
- दोनों तरफ तराशा गया, नुकीला व धारदार पत्थर।
- शिकार, मांस काटने, लकड़ी काटने में उपयोग।
- Lower Paleolithic की पहचान।
- चौड़ी धार वाला औज़ार, भारी काटने की क्रिया के लिए।
- हैंडऐक्स के साथ Lower Paleolithic में प्रचलित।
- फ्लेक आधारित छोटे औज़ार।
- चमड़ा खुरचने, छेद करने, लकड़ी को आकार देने में।
- Middle Paleolithic में प्रमुख।
- बहुत छोटे, धारदार पत्थर – अक्सर भाले, तीर, भाला-मुंह में फिट किए जाते।
- Upper Paleolithic और बाद के Mesolithic के लिए महत्वपूर्ण।
• कोर (Core) व फ्लेक (Flake) तकनीक
• एक पत्थर पर दूसरे पत्थर से प्रहार करके तेज धार वाले टुकड़े निकालना
• कच्चा माल: क्वार्टज़ाइट, चर्ट, फ्लिंट, बेसाल्ट आदि
7️⃣ UPSC / SSC / State PCS के लिए महत्वपूर्ण तथ्य (High Yield Points)
- प्रागैतिहासिक काल की जानकारी लिखित साक्ष्यों से नहीं, बल्कि पुरातात्विक साक्ष्यों से मिलती है।
- पुरापाषाण काल को Lower, Middle, Upper में बाँटा जाता है।
- भारत के सबसे पुराने औज़ार – Lower Paleolithic, सोन-नर्मदा घाटी, अत्तिरमपक्कम आदि से।
- भीमबेटका शैलाश्रय – मध्य प्रदेश; प्रागैतिहासिक शैलचित्रों के लिए विश्वविख्यात; UNESCO World Heritage Site।
- पुरापाषाण मनुष्य – शिकारी-संग्राहक, घुमंतू (Nomadic) जीवन।
- औज़ार – Handaxe, Cleaver, Scraper, Borer, Microliths आदि।
- कृषि एवं स्थाई ग्राम जीवन की शुरुआत नेलियोलिथिक (नवपाषाण) में होती है, न कि पुरापाषाण में।
- शैलचित्रों से – शिकार, नृत्य, पशु, समूह जीवन, प्रारंभिक धर्म की जानकारी।
⚡ Quick Revision Notes – प्रागैतिहासिक भारत (पुरापाषाण व शैलाश्रय)
जब लिखित अभिलेख उपलब्ध न हों और जानकारी केवल पुरातात्विक साक्ष्यों से मिले, उस काल को प्रागैतिहासिक काल कहते हैं।
Paleo = पुराना, Lithic = पत्थर → पुराना पत्थर युग / Old Stone Age।
Lower Paleolithic → Middle Paleolithic → Upper Paleolithic (समय क्रम याद रखें)।
सोन-नर्मदा घाटी, अत्तिरमपक्कम, भीमबेटका, कुर्नूल गुफाएँ, बेलन घाटी, हुन्स्गी आदि।
प्रागैतिहासिक शैलचित्र, विभिन्न कालों की सांस्कृतिक परतें, UNESCO World Heritage Site।
शिकारी-संग्राहक, घुमंतू, शैलाश्रय/गुफाओं में निवास, आग व पत्थर के औज़ार का प्रयोग।
Handaxe, Cleaver (Lower); Scraper, Borer (Middle); Microliths (Upper)।
• स्थल + राज्य + विशेषता
• काल विभाजन (Lower/Middle/Upper)
• औज़ार के प्रकार व उपयोग
• भीमबेटका व अन्य महत्वपूर्ण शैलाश्रय
