2.3 भारतीय राजनीतिक व्यवस्था एवं शासन
भारतीय राजनीतिक व्यवस्था उस संवैधानिक ढांचे को दर्शाती है, जिसके माध्यम से भारत में शासन, सत्ता का प्रयोग और प्रशासन संचालित होता है।
- संविधान आधारित व्यवस्था
- लोकतांत्रिक शासन प्रणाली
- केंद्र व राज्य – दोनों स्तरों पर लागू
भारत एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य है।
- सत्ता का स्रोत – जनता
- सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार
- नियमित चुनाव प्रणाली
भारत में संसदीय शासन प्रणाली अपनाई गई है।
- राष्ट्रपति – नाममात्र का प्रमुख
- वास्तविक सत्ता – प्रधानमंत्री व मंत्रिपरिषद
- कार्यपालिका विधायिका के प्रति उत्तरदायी
भारत में संघात्मक व्यवस्था है, लेकिन एकात्मक झुकाव के साथ।
- केंद्र व राज्य – दो स्तर
- शक्तियों का संवैधानिक विभाजन
- आपातकाल में केंद्र शक्तिशाली
भारतीय राजनीतिक व्यवस्था में संविधान सर्वोच्च है, न कि संसद।
- सभी अंग संविधान के अधीन
- न्यायिक समीक्षा की व्यवस्था
- कानून असंवैधानिक घोषित हो सकता है
भारत में शक्ति पृथक्करण पूर्ण नहीं बल्कि आंशिक है।
- विधायिका – कानून निर्माण
- कार्यपालिका – कानून क्रियान्वयन
- न्यायपालिका – कानून की व्याख्या
विधायिका कानून बनाने वाली संस्था है।
- केंद्र – संसद (लोकसभा + राज्यसभा)
- राज्य – विधानसभा / विधान परिषद
- कार्यपालिका पर नियंत्रण
कार्यपालिका कानूनों को लागू करने वाली संस्था है।
- राष्ट्रपति / राज्यपाल
- प्रधानमंत्री / मुख्यमंत्री
- मंत्रिपरिषद व नौकरशाही
न्यायपालिका संविधान की रक्षक मानी जाती है।
- सुप्रीम कोर्ट
- हाई कोर्ट
- स्वतंत्र व निष्पक्ष न्याय
शासन का अर्थ केवल सरकार नहीं, बल्कि निर्णय-निर्माण + क्रियान्वयन + जवाबदेही है।
- Good Governance
- Transparency (पारदर्शिता)
- Accountability (उत्तरदायित्व)
राष्ट्रपति भारत का संवैधानिक प्रमुख होता है।
- राष्ट्र का प्रथम नागरिक
- कार्यपालिका का नाममात्र प्रमुख
- संविधान का संरक्षक
राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली से होता है।
- निर्वाचक मंडल द्वारा
- सांसद + विधायक
- आनुपातिक प्रतिनिधित्व
राष्ट्रपति की शक्तियाँ संविधान से प्राप्त होती हैं।
- कार्यपालिका शक्तियाँ
- विधायी शक्तियाँ
- न्यायिक शक्तियाँ
- आपातकालीन शक्तियाँ
राष्ट्रपति तीन प्रकार के आपातकाल लागू कर सकता है।
- राष्ट्रीय – अनुच्छेद 352
- राज्य – अनुच्छेद 356
- वित्तीय – अनुच्छेद 360
प्रधानमंत्री वास्तविक कार्यपालिका प्रमुख होता है।
- सरकार का प्रमुख
- मंत्रिपरिषद का नेता
- नीति निर्धारण में प्रमुख भूमिका
मंत्रिपरिषद लोकसभा के प्रति उत्तरदायी होती है।
- कैबिनेट मंत्री
- राज्य मंत्री
- उप मंत्री
भारतीय संसद द्विसदनीय है।
- राष्ट्रपति
- लोकसभा
- राज्यसभा
लोकसभा प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित सदन है।
- वास्तविक शक्तिशाली सदन
- सरकार यहीं से बनती है
- अविश्वास प्रस्ताव
राज्यसभा स्थायी सदन है।
- राज्यों का प्रतिनिधित्व
- कभी भंग नहीं होती
- संघीय संतुलन बनाए रखती है
न्यायपालिका संविधान की संरक्षक है।
- न्यायिक समीक्षा
- मौलिक अधिकारों की रक्षा
- स्वतंत्र व निष्पक्ष
- संविधान आधारित शासन
- लोकतांत्रिक प्रणाली
- केंद्र + राज्य स्तर
- सत्ता का स्रोत – जनता
- सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार
- नियमित स्वतंत्र चुनाव
- संसदीय शासन
- नाममात्र प्रमुख – राष्ट्रपति
- वास्तविक प्रमुख – प्रधानमंत्री
- संघ + राज्य
- 7वीं अनुसूची से शक्तियों का विभाजन
- आपातकाल में एकात्मक झुकाव
- संसद सर्वोच्च नहीं
- संविधान सर्वोच्च
- न्यायिक समीक्षा उपलब्ध
- संवैधानिक प्रमुख
- अप्रत्यक्ष चुनाव
- अनुच्छेद 52–62
- राष्ट्रीय – 352
- राज्य – 356
- वित्तीय – 360
- वास्तविक कार्यपालिका
- मंत्रिपरिषद का नेता
- लोकसभा के प्रति उत्तरदायी
- कैबिनेट मंत्री
- राज्य मंत्री
- उप मंत्री
- राष्ट्रपति + दो सदन
- लोकसभा (लोकप्रिय)
- राज्यसभा (स्थायी)
- प्रत्यक्ष निर्वाचित
- सरकार निर्माण
- अविश्वास प्रस्ताव
- स्थायी सदन
- राज्यों का प्रतिनिधित्व
- कभी भंग नहीं
- संविधान की संरक्षक
- न्यायिक समीक्षा
- स्वतंत्र एवं निष्पक्ष
- Good Governance
- पारदर्शिता
- उत्तरदायित्व
- President = Nominal Head
- PM = Real Executive
- Judiciary = Guardian of Constitution
2.3 से प्रश्न सीधे आते हैं – President vs PM, Lok Sabha vs Rajya Sabha, Federal vs Unitary 👉 इन्हीं शब्दों पर सबसे ज़्यादा MCQ बनते हैं।
