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Tughlaq Dynasty (1320–1414) – Muhammad bin Tughlaq ·
5.1 मोहम्मद-बिन-तुगलक – असफल प्रयोगों का दौर
🧠 राजधानी परिवर्तन · टोकन मुद्रा · दोआब नीति · कर सुधार
📊 UPSC / State PCS / RO-ARO / UPSSSC / Police – High Yield Notes
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भाग – 1 : विस्तृत स्टडी नोट्स – मोहम्मद-बिन-तुगलक के प्रयोग
NCERT + Standard Sources
🎯 Keywords: Muhammad bin Tughlaq Notes in Hindi, Capital Shift, Token Currency, Doab Tax, Failed Experiments.
🏛️ 1. तुगलक वंश की पृष्ठभूमि (1320–1414)
तुगलक वंश Delhi Sultanate का तीसरा वंश था।
मुख्य शासक: ग़ियासुद्दीन तुगलक, मोहम्मद-बिन-तुगलक, फ़िरोजशाह तुगलक।
यह काल प्रयोग, विस्तार और फिर पतन तीनों के लिए प्रसिद्ध है।
- ग़ियासुद्दीन – वंश का संस्थापक, अपेक्षाकृत व्यावहारिक शासक।
- मोहम्मद-बिन-तुगलक – विद्वान, महत्वाकांक्षी, पर असफल प्रयोगों के लिए प्रसिद्ध।
- फ़िरोजशाह – अपेक्षाकृत शांत, निर्माण–कार्य, सिंचाई व दास–प्रथा विस्तार।
🧠 2. मोहम्मद-बिन-तुगलक – व्यक्तित्व व विशेषताएँ
📚 2.1 विद्वान शासक
- अरबी, फारसी, तर्कशास्त्र, धर्म–शास्त्र आदि का अच्छा ज्ञान।
- धार्मिक बहस, दार्शनिक चर्चा और विद्वानों से मेल–जोल पसंद।
- इसी कारण कुछ इतिहासकार उसे “विज़डम + पॉलिसी मिसमैच” का उदाहरण मानते हैं।
⚖️ 2.2 विरोधाभासी छवि
- एक ओर दानशील, दूसरी ओर अत्यधिक क्रूर दंड।
- “बुद्धिमान पर जल्दबाज़” – अच्छे आइडिया, पर Ground–Reality की कमी।
- इसीलिए कई बार उसे “Wise Fool of Delhi Sultanate” कहकर भी refer किया जाता है (opinion based phrase)।
🧠
Exam Line:
“He possessed sound ideas but lacked practical wisdom to implement them.”
– यही लाइन Mains answers में quoted की जा सकती है।
🏙️ 3. राजधानी परिवर्तन – Delhi से Daulatabad
मोहम्मद-बिन-तुगलक ने राजधानी Delhi से Daulatabad (Devagiri) स्थानांतरित करने का प्रयोग किया।
उद्देश्य कई बताए जाते हैं, पर Implementation बहुत कठोर व असफल रहा।
🎯 3.1 संभावित उद्देश्य
- उत्तर भारत में मंगोल–खतरे से दूर, अधिक सुरक्षित स्थान।
- उत्तर + दक्षिण पर समान नियंत्रण – सल्तनत को Pan-Indian Empire बनाने की सोच।
- दक्षिण में बढ़ते प्रभाव और Tribute व्यवस्था की निगरानी।
⚠️ 3.2 परिणाम
- Delhi से बड़े पैमाने पर आबादी को Daulatabad की ओर जबरन चलवाया गया।
- लंबी दूरी की यात्रा, गर्म जलवायु, सुविधाओं की कमी – भारी जन–हानि।
- कुछ ही वर्षों बाद फिर से राजधानी Delhi में लौटानी पड़ी – experiment failed।
💱 4. टोकन मुद्रा (Token Currency Experiment)
धातु की कमी और बड़े सैन्य–खर्च को देखते हुए,
मोहम्मद-बिन-तुगलक ने तांबे की टोकन मुद्रा को चाँदी के सिक्कों के बराबर वैध कर दिया।
- उद्देश्य: चाँदी बचाकर अधिक सिक्के circulation में लाना, ताकि राज्य को वित्तीय सुविधा हो।
- सार्वजनिक विश्वास (Public trust) बनाना ज़रूरी था, पर राज्य व्यवस्था इसे निभा नहीं सकी।
🧾 4.1 नीति का स्वरूप
- तांबे के सिक्कों को कानूनी वैधता (Legal Tender) दी गई।
- सरकार उन्हें चाँदी–सिक्के के बराबर स्वीकार करती थी।
❌ 4.2 विफलता के कारण
- जाली सिक्कों की भारी भरमार – हर कोई घर में तांबे के सिक्के ढालने लगा।
- नकली व असली में भेद मुश्किल, सरकारी नियंत्रण कमजोर।
- अंततः सरकार ने टोकन सिक्कों को वापस बुला लिया और लोगों से चाँदी के असली सिक्कों के बदले में उन्हें खरीदना पड़ा – भारी आर्थिक संकट।
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Prelims Angle:
Token Currency – Muhammad bin Tughlaq, Copper Coins, Massive Forgery, Finally Withdrawn.
Concept: Good Idea (Fiat Money) + Poor Execution = Failure.
🌾 5. दोआब नीति – बढ़ा हुआ लगान व किसान–संकट
दोआब (गंगा–यमुना के बीच) क्षेत्र उपजाऊ था।
मोहम्मद-बिन-तुगलक ने यहाँ लगान अत्यधिक बढ़ा दिया
और सख्ती से वसूली की – परिणामस्वरूप विद्रोह व अकाल–स्थिति।
- उद्देश्य: उपजाऊ क्षेत्र से अधिक से अधिक राजस्व प्राप्त करना।
- ज़रूरत से अधिक कर–दर, सूखे/अकाल की स्थिति में भी राहत नहीं।
- किसान भागने लगे, भूमि बंजर, विद्रोह – अंततः नीति में ढील दी, पर तब तक बड़ा नुकसान हो चुका था।
⚔️ 6. सैन्य अभियान व विस्तार के असफल प्रयास
- उत्तर–पश्चिम की ओर ख़ुरासान व इराक तक विस्तार की महत्वाकांक्षा – पर पूर्ण रूप से सफल नहीं।
- कई प्रांतीय विद्रोह – विशेषकर दक्कन, बंगाल आदि में – नियंत्रण रखना मुश्किल।
- लगातार सैन्य–अभियान + असफल प्रयोग = आर्थिक थकान + राजनैतिक अस्थिरता।
📜 7. प्रशासनिक विशेषताएँ – विचार व क्रियान्वयन का अंतर
🧩 7.1 सकारात्मक पक्ष
- राज्य को All-India Empire बनाने की महत्वाकांक्षा।
- राजस्व, मुद्रा व राजधानी के स्तर पर नई सोच।
- कुछ विद्वान उसे “Ahead of his Times” कहकर भी विश्लेषित करते हैं (interpretation)।
⚠️ 7.2 नकारात्मक पक्ष
- जन–जीवन की कठिनाइयों, भौगोलिक दूरी व प्रशासनिक क्षमता का सही आकलन नहीं।
- नीतियाँ अचानक, बिना चरणबद्ध पायलट–टेस्ट के लागू।
- विद्रोह, अकाल, आर्थिक संकट – सल्तनत की जड़ें कमजोर हुईं।
📘 8. समग्र मूल्यांकन – “असफल प्रयोगों” का शासक
मोहम्मद-बिन-तुगलक का काल “अच्छे विचार, गलत समय व गलत क्रियान्वयन” का उदाहरण है।
राजधानी परिवर्तन, टोकन मुद्रा, दोआब नीति, भारी सैन्य महत्वाकांक्षा –
सबने मिलकर उसकी छवि को “असफल प्रयोगों का दौर” बना दिया,
और Delhi Sultanate की राजनीतिक स्थिरता को कमजोर किया।
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Mains सार:
“Muhammad bin Tughlaq tried to transform Delhi Sultanate into a centrally controlled, all-India power through radical fiscal and administrative experiments, but lack of practical wisdom turned these into disastrous failures.”
“Muhammad bin Tughlaq tried to transform Delhi Sultanate into a centrally controlled, all-India power through radical fiscal and administrative experiments, but lack of practical wisdom turned these into disastrous failures.”
Muhammad bin Tughlaq Notes Hindi
Token Currency & Capital Shift
Doab Tax Policy
Tughlaq Dynasty UPSC
⚡
भाग – 2 : त्वरित पुनरावृत्ति – मोहम्मद-बिन-तुगलक (3–4 मिनट)
Hindi Quick Recap
⚡ UPSC, State PCS, RO/ARO, UPSSSC, Police & All Exams – High Yield Summary.
1️⃣ बेसिक प्रोफाइल
- तुगलक वंश का दूसरा प्रमुख शासक।
- विद्वान, पर अत्यधिक महत्वाकांक्षी।
- “असफल प्रयोगों का शासक” के रूप में प्रसिद्ध।
2️⃣ राजधानी परिवर्तन
- Delhi → Daulatabad → पुनः Delhi।
- उद्देश्य: सुरक्षा + pan-India control।
- परिणाम: भारी जनहानि, असंतोष, असफल प्रयोग।
3️⃣ टोकन मुद्रा
- तांबे के सिक्कों को चाँदी के बराबर वैध घोषित किया।
- जाली सिक्कों की बाढ़, सरकारी नियंत्रण विफल।
- नीति को वापस लेना पड़ा, आर्थिक संकट बढ़ा।
4️⃣ दोआब नीति
- गंगा–यमुना दोआब पर अत्यधिक लगान।
- सूखे/अकाल में भी सख्त वसूली।
- किसान–विद्रोह, भूमि बंजर, अंततः नीति में ढील।
5️⃣ सैन्य महत्वाकांक्षा
- Trans–Indus व ख़ुरासान तक विस्तार की सोच।
- पर लगातार विद्रोह व आर्थिक दबाव।
- सल्तनत की स्थिरता पर नकारात्मक प्रभाव।
6️⃣ ओवरऑल
- अच्छे आइडिया, पर खराब Execution।
- कई प्रयोग समय से आगे, पर समाज–व्यवस्था तैयार नहीं।
- इसीलिए “Wise but Unsuccessful Experimenter” के रूप में याद।
Tughlaq Quick Revision
Capital Shift Summary
Token Currency Short Notes
❓
भाग – 3 : PYQ / One-liners – मोहम्मद-बिन-तुगलक (Show / Hide + व्याख्या)
40+ प्रश्न
फोकस: राजधानी परिवर्तन, टोकन मुद्रा, दोआब नीति, कर–व्यवस्था, सैन्य अभियानों व प्रशासनिक सोच पर
एक पंक्ति प्रश्न + संक्षिप्त व्याख्या। यह सेक्शन UPSC, State PCS, RO/ARO, UPSSSC, Police, अन्य सभी Exams को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
Q1. तुगलक वंश का सबसे अधिक “प्रयोगवादी” शासक किसे कहा जाता है? 👁️उत्तर देखें
उत्तर: मोहम्मद-बिन-तुगलक।
Q2. मोहम्मद-बिन-तुगलक ने राजधानी Delhi से किस स्थान पर स्थानांतरित की? 👁️उत्तर देखें
उत्तर: दौलताबाद (देवगिरि)।
Q3. दिल्ली से दौलताबाद की राजधानी–स्थानांतरण नीति का प्रमुख नकारात्मक परिणाम क्या रहा? 👁️उत्तर देखें
उत्तर: भारी जन–हानि व जनता में असंतोष।
Q4. क्या राजधानी हमेशा के लिए दौलताबाद में ही रही? 👁️उत्तर देखें
उत्तर: नहीं, कुछ वर्षों बाद राजधानी पुनः Delhi लौट आई।
Q5. टोकन मुद्रा (Token Currency) प्रयोग में किस धातु के सिक्के जारी किए गए? 👁️उत्तर देखें
उत्तर: तांबे के सिक्के।
Q6. टोकन मुद्रा प्रयोग का घोषित मुख्य उद्देश्य क्या था? 👁️उत्तर देखें
उत्तर: चाँदी की कमी दूर करना और अधिक मुद्रा प्रचलन में लाना।
Q7. टोकन मुद्रा के असफल होने का सबसे बड़ा कारण क्या माना जाता है? 👁️उत्तर देखें
उत्तर: नकली (जाली) सिक्कों का बड़े पैमाने पर निर्माण।
Q8. टोकन मुद्रा वापस लेने पर सरकार को क्या करना पड़ा? 👁️उत्तर देखें
उत्तर: तांबे के सिक्कों को चाँदी की असली मुद्रा में बदलना पड़ा।
Q9. दोआब क्षेत्र किस दो नदियों के बीच स्थित है, जहाँ मोहम्मद-बिन-तुगलक ने कर–नीति लागू की? 👁️उत्तर देखें
उत्तर: गंगा और यमुना नदियों के बीच।
Q10. दोआब नीति में मुख्य गलती क्या थी – कर की दर बढ़ाना या राहत न देना? 👁️उत्तर देखें
उत्तर: दोनों – कर की दर अत्यधिक बढ़ाना और सूखे/अकाल में भी राहत न देना।
Q11. क्या दोआब नीति का उद्देश्य केवल किसानों को दबाना था? 👁️उत्तर देखें
उत्तर (समझने योग्य): उद्देश्य राजस्व बढ़ाना था, पर परिणाम किसानों पर अत्याचार जैसा हुआ।
Q12. क्या मोहम्मद-बिन-तुगलक पूरी तरह अशिक्षित शासक था? 👁️उत्तर देखें
उत्तर: नहीं, वह अत्यंत विद्वान शासक था।
Q13. अक्सर इतिहासकार उसे किस प्रकार के शासक के रूप में वर्णित करते हैं – “बुद्धिमान पर अव्यावहारिक” या “पूरी तरह मूर्ख”? 👁️उत्तर देखें
उत्तर: “बुद्धिमान पर अव्यावहारिक”।
Q14. क्या टोकन मुद्रा के विचार को आधुनिक दृष्टि से पूरी तरह गलत कहा जा सकता है? 👁️उत्तर देखें
उत्तर (Concept): विचार आधुनिक “कागज़ी/Fiat मुद्रा” जैसा था, पर उस समय संस्थागत व्यवस्था कमजोर थी।
Q15. क्या राजधानी–परिवर्तन से Delhi की आर्थिक स्थिति पर भी असर पड़ा? 👁️उत्तर देखें
उत्तर: हाँ, व्यापार, कारीगरी और आबादी के पलायन से Delhi कमजोर हुई।
Q16. दोआब क्षेत्र में किसानों ने अत्यधिक लगान के विरोध में क्या प्रतिक्रिया दी? 👁️उत्तर देखें
उत्तर: विद्रोह, पलायन और खेती छोड़ देना।
Q17. क्या मोहम्मद-बिन-तुगलक के समय सल्तनत की सीमाएँ बहुत स्थिर रहीं? 👁️उत्तर देखें
उत्तर: नहीं, जगह-जगह विद्रोह और टूटन दिखी।
Q18. क्या मोहम्मद-बिन-तुगलक ने केवल प्रयोग ही किए, या कुछ सुधारात्मक कदम भी थे? 👁️उत्तर देखें
उत्तर: कुछ सुधारात्मक सोच भी थी, पर प्रयोगों ने उसे ढँक दिया।
Q19. दोआब नीति का एक दीर्घकालिक प्रभाव क्या हुआ – किसानों का विश्वास या अविश्वास? 👁️उत्तर देखें
उत्तर: किसानों का राज्य पर अविश्वास बढ़ा।
Q20. क्या मोहम्मद-बिन-तुगलक का उद्देश्य केवल अत्याचार करना था? 👁️उत्तर देखें
उत्तर (समझने योग्य): उसका उद्देश्य राज्य को मजबूत बनाना था, पर नीतियाँ गलत साबित हुईं।
Q21. टोकन मुद्रा पर जनता का भरोसा क्यों नहीं बन पाया? 👁️उत्तर देखें
उत्तर: जाली सिक्कों की अधिकता और सख्त नियंत्रण–तंत्र का अभाव।
Q22. क्या राजधानी परिवर्तन के पीछे दक्षिण भारत पर नियंत्रण बढ़ाने का विचार भी था? 👁️उत्तर देखें
उत्तर: हाँ, दौलताबाद अधिक मध्य स्थिति में था;
Q23. दोआब कर–नीति को किस प्रकार की नीति के रूप में देखा जाता है – किसान–हितैषी या किसान–विरोधी? 👁️उत्तर देखें
उत्तर: किसान–विरोधी नीति के रूप में।
Q24. क्या टोकन मुद्रा प्रयोग के बाद भी Delhi Sultanate आर्थिक रूप से बहुत मजबूत रह गया? 👁️उत्तर देखें
उत्तर: नहीं, इसके कारण राजकोष पर भारी बोझ पड़ा और आर्थिक कमजोरी बढ़ी।
Q25. क्या मोहम्मद-बिन-तुगलक के समय दिल्ली सल्तनत की राजनीतिक एकता बढ़ी या टूटने लगी? 👁️उत्तर देखें
उत्तर: धीरे–धीरे टूटने लगी।
Q26. आधुनिक इतिहास–लेखन में मोहम्मद-बिन-तुगलक को किस रूप में समझना ज़्यादा सही है – “पागल शासक” या “अधिक प्रयोगशील शासक”? 👁️उत्तर देखें
उत्तर (Analysis): “अधिक प्रयोगशील, पर व्यावहारिकता में कमजोर शासक” के रूप में।
Q27. दोआब नीति का तत्काल लाभ किसको मिला – खजाने को या किसानों को? 👁️उत्तर देखें
उत्तर: प्रारंभिक रूप में खजाने को, पर जल्दी ही नुकसान में बदल गया।
Q28. राजधानी–परिवर्तन की नीति से किस समुदाय/वर्ग को सबसे अधिक कठिनाई हुई? 👁️उत्तर देखें
उत्तर: आम जनता – व्यापारी, कारीगर, परिवार, किसान।
Q29. टोकन मुद्रा प्रयोग को यदि एक वाक्य में समेटें, तो क्या कहेंगे? 👁️उत्तर देखें
Model Line: “अच्छे विचार, पर गलत समय और कमजोर प्रशासन के कारण असफल मुद्रा–प्रयोग।”
Q30. दोआब नीति को एक वाक्य में कैसे याद रखें? 👁️उत्तर देखें
Model Line: “उपजाऊ भूमि से अधिक कर लेने की कोशिश, जो किसानों के पलायन और विद्रोह में बदल गई।”
Q31. क्या टोकन मुद्रा के लिए सिक्कों पर कोई विशेष मुहर या निशान था?👁️उत्तर देखें
उत्तर: हाँ, पर नकली बनाने वालों ने भी वैसी ही आकृति की नकल कर ली, जिससे भ्रम और बढ़ा।
Q32. दोआब नीति से सबसे अधिक प्रभावित वर्ग कौन था?👁️उत्तर देखें
उत्तर: कृषक वर्ग (किसान), जिन पर कर–बोझ अत्यधिक बढ़ गया।
Q33. क्या राजधानी परिवर्तन स्वैच्छिक था या काफी हद तक जबरन?👁️उत्तर देखें
उत्तर: काफी हद तक जबरन – लोगों को घर–बार छोड़कर जाना पड़ा।
Q34. मोहम्मद-बिन-तुगलक के शासन की सबसे बड़ी सीख क्या है?👁️उत्तर देखें
उत्तर (सीख): केवल अच्छे विचार पर्याप्त नहीं, व्यवहारिक रूप से उन्हें सफल बनाना भी उतना ही ज़रूरी है।
Q35. क्या मोहम्मद-बिन-तुगलक की नीतियों ने केंद्र को मजबूत किया या कमजोर?👁️उत्तर देखें
उत्तर: दीर्घकाल में केंद्र कमजोर हुआ, क्योंकि विद्रोह और असंतोष बढ़ा।
Q36. क्या Token Currency प्रयोग को आधुनिक Public Administration में Case Study की तरह पढ़ा जा सकता है?👁️उत्तर देखें
उत्तर: हाँ, यह Policy Design और Implementation की असंगति का अच्छा उदाहरण है।
Q37. दोआब नीति के विफल होने के बाद क्या शासक ने कुछ राहत दी?👁️उत्तर देखें
उत्तर: हाँ, बाद में कर–दर घटाई और नीति में ढील दी, पर तब तक नुकसान हो चुका था।
Q38. क्या राजधानी परिवर्तन से दक्कन क्षेत्र की महत्ता बढ़ी?👁️उत्तर देखें
उत्तर: कुछ समय के लिए प्रशासनिक महत्त्व बढ़ा, पर असफलता के बाद यह लाभ टिकाऊ नहीं रहा।
Q39. महत्त्वपूर्ण विश्लेषणात्मक वाक्य – “मोहम्मद-बिन-तुगलक Ahead of his Time था” – सही है या गलत?👁️उत्तर देखें
उत्तर (Analysis): आंशिक रूप से सही – विचार आगे के युग जैसे थे, पर समाज और प्रशासन तैयार नहीं थे।
Q40. एक पंक्ति में पूरी Summary – “मोहम्मद-बिन-तुगलक का शासन कैसा था?”👁️उत्तर देखें
Model Summary:
“बुद्धिमान लेकिन अव्यावहारिक शासक, जिसके असफल प्रयोगों ने दिल्ली सल्तनत की नींव को हिला दिया।”
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